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महीने में 2 एकादशी व्रत रखने से क्या होता है? जानिए Premanand Maharaj के विचार

Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद महाराज के अनुसार हर महीने की दो एकादशी का व्रत श्रद्धा से करने पर भाग्य बदला जा सकता है और मनचाही सफलता मिल सकती है.

Written by Updated : December 30, 2025 5:19 PM IST
महीने में 2 एकादशी व्रत रखने से क्या होता है? जानिए Premanand Maharaj के विचार
प्रेमानंद महाराज
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Premanand Maharaj Ji: अक्सर लोगों को लगता है कि जो चीज उनके भाग्य में नहीं लिखी होती, वो उन्हें कभी नहीं मिल सकती है. चाहे कितनी ही मेहनत क्यों न की जाए, मनचाहा परिणाम नहीं आता. लेकिन वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज इस सोच को पूरी तरह बदलने वाली बात कहते हैं. उनके अनुसार भाग्य कोई स्थिर चीज नहीं है, बल्कि सही नियम और साधना से इसे बदला जा सकता है. प्रेमानंद महाराज मानते हैं कि अगर इंसान सच्चे मन और श्रद्धा से एक छोटा सा व्रत अपना ले, तो उसे ब्याज में मनचाही चीजें और मूल में भगवान की प्राप्ति हो सकती है. यही वजह है कि उनकी बातें आज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं और लाखों लोग इससे प्रेरणा ले रहे हैं.

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अपनी पसंद पाने का उपाय 

इंस्टाग्राम पर bhajanmarg_official नाम के पेज पर शेयर एक वीडियो में एक भक्त प्रेमानंद महाराज से सवाल करता है कि जो चीज भाग्य में न हो, उसे कैसे पाया जाए. इसके जवाब में महाराज बहुत ही आसान उपाय बताते हैं. वो कहते हैं कि हर महीने आने वाली दो एकादशी का व्रत अगर नियम और श्रद्धा के साथ किया जाए, तो इंसान अपना भाग्य बदल सकता है. उनके अनुसार इस व्रत से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और जीवन की दिशा धीरे धीरे बदलने लगती है. प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि इससे ब्याज में यश, कीर्ति, पैसा और पद मिलता है, जबकि मूल में भगवान की प्राप्ति होती है.

एकादशी व्रत के धार्मिक लाभ

एकादशी का व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ये व्रत करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है. माना जाता है कि इस दिन उपवास और नाम जप करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष का मार्ग आसान होता है. प्रेमानंद महाराज के अनुसार एकादशी का व्रत इंसान को धर्म के मार्ग पर स्थिर बनाए रखता है.

मानसिक और शारीरिक फायदे 

एकादशी के दिन उपवास करने से मन शांत रहता है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं. प्रेमानंद महाराज बताते हैं कि इससे इंद्रियों पर नियंत्रण आता है और ध्यान और एकाग्रता बढ़ती है. आयुर्वेद के अनुसार एकादशी का व्रत पाचन तंत्र को आराम देता है और शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकालने में मदद करता है. इस कारण ये व्रत सेहत के लिहाज से भी लाभकारी माना जाता है.

धर्म के अनुसार इच्छा की पूर्ति

प्रेमानंद महाराज स्पष्ट कहते हैं कि एकादशी व्रत से वही इच्छाएं पूरी होती हैं जो धर्म के अनुकूल हों. अगर भावना शुद्ध हो और नियम से व्रत किया जाए, तो जीवन में सकारात्मक बदलाव जरूर महसूस होता है. यही वजह है कि एकादशी व्रत को भाग्य बदलने का सरल और प्रभावी उपाय माना जाता है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.