• होम
  • ज्योतिष
  • चंद्रमा का कुंडली के ग्यारहवें भाव में कैसा होता है प्रभाव, जानिए कुछ खास बातें

चंद्रमा का कुंडली के ग्यारहवें भाव में कैसा होता है प्रभाव, जानिए कुछ खास बातें

ग्यारहवें भाव में चंद्रमा के प्रभाव की बात करें तो इन्हें अपने जीवन में सफलता मिलती है. दूसरों से प्रतिस्पर्धा करने की बजाय ये खुद पर ही ध्यान केंद्रित करते हैं.

Edited by Updated : November 20, 2024 7:55 PM IST
चंद्रमा का कुंडली के ग्यारहवें भाव में कैसा होता है प्रभाव, जानिए कुछ खास बातें
ग्यारहवें भाव में चंद्रमा के प्रभाव से जातक अपने रिश्तों पर काफी ध्यान देते हैं.
FacebookTwitterWhatsAppInstagramLinkedinKoos

Astrology: कुंडली के अन्य भाव की तरह ग्यारहवां भाव भी काफी महत्वपूर्ण होता है. अगर ग्यारहवें भाव में चंद्रमा हैं तो जातक को जीवन की ऊंचाइयों को छूने में मदद मिलती है. खास बात यह है कि ये सभी के साथ प्रतिस्पर्धा की भावना नहीं रखते बल्कि, ज्यादातर लोगों के साथ इनके संबंध काफी अच्छे होते हैं. चंद्रमा के प्रभाव से व्यक्ति बुद्धिमान, व्यवहार कुशल और दीर्घायु होता है. इस भाव को लाभ का भाव भी माना जाता है. इस भाव से आर्थिक लाभ, कानूनी मामलों में सफलता, बड़े भाई-बहन के साथ संबंधों की भी जानकारी मिलती है. यह भाव इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि अगर इस भाव में कोई दोष हो, तो व्यक्ति के हाथ कुछ नहीं लगता. वैसे इस भाव के कारक ग्रह गुरू हैं जिन्हें शुभ ग्रह माना जाता है और इस ग्रह के प्रभाव में चंद्रमा बेहतर परिणाम दे सकते हैं.

चंद्रमा के सकारात्मक प्रभाव

इस भाव में चंद्रमा का प्रभाव आपकी भावनाओं, लक्ष्य, रिश्तों के साथ ही प्रेम संबंधों पर भी देखने को मिलता है. इस भाव में चंद्रमा की शुभ स्थिति सकारात्मक प्रभाव देती है. इन्हें अपने संबंधों से ज्यादा उम्मीद होती है. अपनी प्रशंसा सुनना भी इन्हें काफी पसंद होता है. हालांकि, समाज सेवा में भी इनकी रूचि देखने को मिलती है. ये काफी सामाजिक प्रवृत्ति के होते हैं. खास बात यह है कि इन्हें अपने बल पर अपना मुकाम बनाने की इच्छा होती है. हालांकि, आगे बढ़ने और जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए ये अपने संबंधों का उपयोग करने से भी परहेज नहीं करते. एक खास बात यह है कि अपने आस-पास के लोगों के साथ इनके संबंध अच्छे होते हैं. ये काफी उदार और महत्वाकांक्षी होते हैं और कभी किसी का बुरा नहीं सोचते.

चंद्रमा के नकारात्मक प्रभाव

वैसे तो इस भाव में चंद्रमा ज्यादा शुभ फल ही देते हैं, लेकिन अगर अशुभ ग्रहों के प्रभाव में हों तो जातक का लगातार मूड परिवर्तन होता रहता है. जातक अपने लक्ष्य तो निर्धारित करते हैं, लेकिन विरोधी ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव में वे अपने लक्ष्यों पर ज्यादा देर तक टिके नहीं रह सकते. ऐसे में अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए गंभीर प्रयास करने के साथ ही कठिन परिश्रम करने की भी जरूरत होगी. इस भाव में चंद्रमा के प्रभाव से व्यक्ति को मानसिक बेचैनी भी हो सकती है. ऐसे में आपको धैर्य के साथ भावनाओं पर नियंत्रण रखने की भी जरूरत हो सकती है. वैसे ये नए संपर्क बनाने में भी बेहतर होते हैं.

वैवाहिक जीवन पर प्रभाव

ग्यारहवें भाव में चंद्रमा के प्रभाव से जातक अपने रिश्तों पर काफी ध्यान देते हैं. उनमें प्रेम करने की प्रवृत्ति होती है. इनका वैवाहिक जीवन भी बेहतर होता है. इतना ही नहीं, इन्हें संतान का सुख मिलता है और इनकी संतान भी काफी गुणवान होती है. अगर कुंडली के ग्यारहवें भाव में शनि मजबूत हों और चंद्रमा पर उसकी दृष्टि पड़ रही हो, तो विवाह में विलंब हो सकता है. क्रूर ग्रहों के प्रभाव में वैवाहिक जीवन में भी परेशानी हो सकती है.

करियर पर प्रभाव

ग्यारहवें भाव में चंद्रमा के प्रभाव की बात करें तो इन्हें अपने जीवन में सफलता मिलती है. दूसरों से प्रतिस्पर्धा करने की बजाय ये खुद पर ही ध्यान केंद्रित करते हैं. इन्हें राजनीति में सफलता मिलती है. इसके साथ ही सरकार से जुड़कर काम करने का भी मौका मिल सकता है. चंद्रमा के प्रभाव से ये अपनी आर्थिक स्थित बेहतर करने की ओर ध्यान देते हैं और लगातार अपनी आय को बेहतर करने में लगे रहते हैं. हालांकि, अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए ये कभी कोई गलत काम नहीं करते. गैरकानूनी गतिविधियों से भी दूर रहते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)