शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हार की जिम्मेदारी सिर्फ मेरी है.
भोपाल:
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने में असफल रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि वो राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेंगे. शिवराज सिंह ने राज्यपाल आनंदी पटेल से मुलाकात कर अपना इस्तीफा उन्हें सौंप दिया. शिवराज सिंह चौहान ने इस मौके पर कहा कि सरकार बनाने के लिए उनके पास संख्या नहीं है इसलिए वो अपना दावा पेश नहीं करेंगे. उन्होंने चुनाव में अपनी पराजय स्वीकार करते हुए कहा कि हार की जिम्मेदारी सिर्फ मेरी है. शिवराज सिंह ने अटल बिहारी वाजपेयी की प्रसिद्ध पंक्तियों का भी जिक्र किया "ना हार में, ना जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं, कर्तव्य पथ पर जो भी मिला, ये भी सही वो भी सही" उन्होंने कमलनाथ को जीत की शुभकामनाएं भी दीं.
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दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में 114 सीटें जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है और सरकार बनाने का दावा भी पेश करने जा रही है. राज्यपाल आनंदी पटेल ने कांग्रेस को 12 बजे मिलने का समय दिया है. बता दें कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस को मायावती का साथ भी मिल गया है. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने चुनाव के नतीजे आने के एक दिन बाद कांग्रेस को समर्थन देने का एलान किया है. मायावती ने कांग्रेस को समर्थन देने से पहले उसे फटकार भी लगाई. प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसके बाद बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, 'भाजपा गलत नीतियों की वजह से हारी है. भाजपा से जनता परेशान हो चुकी है. भाजपा और कांग्रेस दोनों के शासन में यहां काफी उपेक्षा हुई है. आजादी के बाद केंद्र और राज्य में ज्यादातर जगह कांग्रेस ने ही राज किया है. मगर कांग्रेस के राज में भी लोगों का भला नहीं हो पाया. अगर कांग्रेस बाबा साहब अंबेडकर के साथ मिलकर विकास का काम सही से किया होता तो बसपा को अलग पार्टी बनाने की जरूरत नहीं पड़ती.'
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मध्य प्रदेश में कांग्रेस 230 में से 114 सीट, बीजेपी को 109, बीएसपी को 2 और सपा को एक सीट मिली है, जबकि अन्य के खाते में 4 सीटें गई हैं. कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से दो कदम पीछे रह गई है. इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने भोपाल में कांग्रेस पार्टी दफ्तर पर प्रेस कांफ्रेंस की थी और दावा किया था कि उनकी पार्टी राज्य में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है. साथ ही उन्होंने कहा था कि नतीजों के बाद एमपी की जनता विकास की अलग यात्रा पर होगी. मध्यप्रदेश में प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ और पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं.
VIDEO: मध्य प्रदेश में मायावती का कांग्रेस को समर्थन देने का एलान
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दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में 114 सीटें जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है और सरकार बनाने का दावा भी पेश करने जा रही है. राज्यपाल आनंदी पटेल ने कांग्रेस को 12 बजे मिलने का समय दिया है. बता दें कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस को मायावती का साथ भी मिल गया है. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने चुनाव के नतीजे आने के एक दिन बाद कांग्रेस को समर्थन देने का एलान किया है. मायावती ने कांग्रेस को समर्थन देने से पहले उसे फटकार भी लगाई. प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसके बाद बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, 'भाजपा गलत नीतियों की वजह से हारी है. भाजपा से जनता परेशान हो चुकी है. भाजपा और कांग्रेस दोनों के शासन में यहां काफी उपेक्षा हुई है. आजादी के बाद केंद्र और राज्य में ज्यादातर जगह कांग्रेस ने ही राज किया है. मगर कांग्रेस के राज में भी लोगों का भला नहीं हो पाया. अगर कांग्रेस बाबा साहब अंबेडकर के साथ मिलकर विकास का काम सही से किया होता तो बसपा को अलग पार्टी बनाने की जरूरत नहीं पड़ती.'
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