पोखरण में बीजेपी के उम्मीदवार महंत प्रतापपुरी.
पोखरण (राजस्थान):
परमाणु विस्फोट की वजह से मशहूर पोखरण में महंत बनाम पीर का दिलचस्प चुनावी मुकाबला चल रहा है. बीजेपी ने महंत प्रतापपुरी को और कांग्रेस ने गाजी पीर के बेटे शाले मोहम्मद को उतारा है.
बीजेपी के नेता महंत प्रतापपुरी को मारवाड़ के योगी आदित्यनाथ के नाम से पुकारा जाता है. इनके धार्मिक और राजनीतिक रसूख का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले साल 30000 वोटों से जीते विधायक शैतान सिंह इनके सामने नीचे बैठे दिखे. उनका टिकट काटकर महंत प्रतापपुरी को उतारा गया है. महंत प्रताप पुरी ने कहा कि यहां महंत और फकीर की बात नहीं है. विकास के नाम पर वोट मांग रहे हैं. वोटों का ध्रुवीकरण कांग्रेस कर रही है.
दरअसल दो लाख मतदाताओं वाली पोखरण सीट पर सबसे ज्यादा मुस्लिम मतदाता (50 हजार) हैं. फिर राजपूत और मेघवाल भील मतदाता हैं. इसी के चलते बीजेपी को उम्मीद है कि महंत के नाम पर अगर हिन्दू वोटों का ध्रुवीकरण होता है तो उनकी राह आसान हो जाएगी. बाड़मेर के बीजेपी के जिलाध्यक्ष जुगल किशोर व्यास ने कहा कि ये आला कमान का फैसला है. लेकिन मैं यह कह सकता हूं कि दो सौ सीटों में से सिर्फ एक पर योगी को बीजेपी यहां से लड़वा रही है.
यह भी पढ़ें : NDTV Exclusive : नेता चुनाव लड़ रहे, आम इंसान और जानवर बूंद-बूंद पानी को तरस रहे
दिन में शांत दिखने वाले पोखरण के माहौल में सूरज ढलते ही चुनावी तनाव भी दिखने लगता है. माहौल बेहद तनावपूर्ण है. जहां बीजेपी के लोग नारेबाजी करते रहते हैं और कुछ ही दूरी पर शाले मोहम्मद की सभा हो रही होती है.
शाले मोहम्मद कांग्रेस के उम्मीदवार हैं जो मुस्लिम धार्मिक गुरु गाजी पीर के बेटे हैं. शाले मोहम्मद को अच्छी तरह से पता है कि अगर ध्रुवीकरण में बीजेपी कामयाब होती है तो इनकी जीत की राह में रोड़े बढ़ सकते हैं इसीलिए माली वोटों को साधने के लिए रात में जनसभा कर रहे हैं. शाले मोहम्मद कहते हैं कि हम विकास के नाम पर वोट मांग रहे हैं. बीजेपी विधायक ने कोई काम नहीं किया इसीलिए उनका टिकट कटा है.
VIDEO : पोखरण में महंत और पीर आमने-सामने
पोखरण की सीट पर कांग्रेस-बीजेपी की टक्कर कितनी कांटे की है इसका अंदाजा इस बात से भी लग सकता है कि राहुल गांधी और योगी आदित्यनाथ दोनो ही यहां आकर वोट मांग चुके हैं.
बीजेपी के नेता महंत प्रतापपुरी को मारवाड़ के योगी आदित्यनाथ के नाम से पुकारा जाता है. इनके धार्मिक और राजनीतिक रसूख का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले साल 30000 वोटों से जीते विधायक शैतान सिंह इनके सामने नीचे बैठे दिखे. उनका टिकट काटकर महंत प्रतापपुरी को उतारा गया है. महंत प्रताप पुरी ने कहा कि यहां महंत और फकीर की बात नहीं है. विकास के नाम पर वोट मांग रहे हैं. वोटों का ध्रुवीकरण कांग्रेस कर रही है.
दरअसल दो लाख मतदाताओं वाली पोखरण सीट पर सबसे ज्यादा मुस्लिम मतदाता (50 हजार) हैं. फिर राजपूत और मेघवाल भील मतदाता हैं. इसी के चलते बीजेपी को उम्मीद है कि महंत के नाम पर अगर हिन्दू वोटों का ध्रुवीकरण होता है तो उनकी राह आसान हो जाएगी. बाड़मेर के बीजेपी के जिलाध्यक्ष जुगल किशोर व्यास ने कहा कि ये आला कमान का फैसला है. लेकिन मैं यह कह सकता हूं कि दो सौ सीटों में से सिर्फ एक पर योगी को बीजेपी यहां से लड़वा रही है.
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दिन में शांत दिखने वाले पोखरण के माहौल में सूरज ढलते ही चुनावी तनाव भी दिखने लगता है. माहौल बेहद तनावपूर्ण है. जहां बीजेपी के लोग नारेबाजी करते रहते हैं और कुछ ही दूरी पर शाले मोहम्मद की सभा हो रही होती है.
शाले मोहम्मद कांग्रेस के उम्मीदवार हैं जो मुस्लिम धार्मिक गुरु गाजी पीर के बेटे हैं. शाले मोहम्मद को अच्छी तरह से पता है कि अगर ध्रुवीकरण में बीजेपी कामयाब होती है तो इनकी जीत की राह में रोड़े बढ़ सकते हैं इसीलिए माली वोटों को साधने के लिए रात में जनसभा कर रहे हैं. शाले मोहम्मद कहते हैं कि हम विकास के नाम पर वोट मांग रहे हैं. बीजेपी विधायक ने कोई काम नहीं किया इसीलिए उनका टिकट कटा है.
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पोखरण की सीट पर कांग्रेस-बीजेपी की टक्कर कितनी कांटे की है इसका अंदाजा इस बात से भी लग सकता है कि राहुल गांधी और योगी आदित्यनाथ दोनो ही यहां आकर वोट मांग चुके हैं.
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