पीएम मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
कर्नाटक विधानसभा चुनावों के रुझानों में बीजेपी ने बहुमत के आंकड़े को छू लिया है और बीजेपी ने जीत की ओर अपने आधे रास्ते को पार कर चुकी है. वहीं रुझानों को देखते हुए सत्तारूढ़ कांग्रेस ने हार स्वीकार कर ली है. राज्य के ऊर्जा मंत्री एवं कांग्रेस नेता डी.के. शिवकुमार ने मीडिया को बताया कि ये आंकड़े दर्शाते हैं कि उनकी पार्टी (कांग्रेस) सत्ता में पांच साल रहने के बाद सत्ता से बेदखल होती दिख रही है. वहीं भाजपा के प्रवक्ता एस. शांताराम ने कहा कि हम प्रफुल्लित हैं क्योंकि हमने आधा रास्ता तय कर लिया है. हमें जीत का पूरा भरोसा है. अभी तक कोई परिणाम घोषित नहीं हुआ है, लेकिन शनिवार को हुए मतदान के बाद मंगलवार को जारी मतगणना के रुझानों में भाजपा सत्तारुढ़ कांग्रेस से आगे चल रही है और जेडी-एस तीसरे स्थान पर है. असल में बीजेपी को कर्नाटक में हर वर्ग और जाति से वोट मिले है जिसकी वजह उनकी जीत की राह आसान हुई है.
Photo Gallery: कर्नाटक चुनाव में भगवा आंधी, कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल
1- कर्नाटक में 23 मुस्लिम बहुल सीटें हैं. 2013 में बीजेपी को 23 में से सिर्फ आठ सीटों पर जीत हासिल हुई थी लेकिन इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी को दो सीटों का फायदा हो रहा है.
2- एससी-एसटी वोटर्स ने भी बीजेपी पर भरोसा जताया है. 2013 में बीजेपी को 23 सीटें मिली थी लेकिन 2018 में बीजेपी को 28 सीटों पर जीत मिल रही है. कर्नाटक में एससी-एसटी बहुल 62 सीटें हैं.
3- चुनावों से पहले कांग्रेस ने लिंगायत वोटर्स पर सेंध लगाने की कोशिश की थी लेकिन उसका असर होता नजर नहीं आया. 2013 के चुनाव में बीजेपी को 62 लिंगायत बहुत क्षेत्र से 29 सीटों पर जीत हासिल हुई थी लेकिन 2018 में ये जीत और बड़ी हो गई. बीजेपी को करीब 40 सीटों पर जीत मिलती दिख रही है.
4- बीजेपी ने जेडीएस के वोक्कालिगा वोटर्स पर भी सेंध लगाई है. वोक्कालिगा बहुल 43 सीटों में से बीजेपी 20 सीटों पर जीत हासिल करती नजर आ रही हे जबकि 2013 में वह सिर्फ 8 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी थी.
5- तटीय क्षेत्र की 32 सीटों पर भी बीजेपी को पिछले चुनाव के मुकाबले नौ सीटों का फायदा होता दिख रहा है.
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1- कर्नाटक में 23 मुस्लिम बहुल सीटें हैं. 2013 में बीजेपी को 23 में से सिर्फ आठ सीटों पर जीत हासिल हुई थी लेकिन इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी को दो सीटों का फायदा हो रहा है.
2- एससी-एसटी वोटर्स ने भी बीजेपी पर भरोसा जताया है. 2013 में बीजेपी को 23 सीटें मिली थी लेकिन 2018 में बीजेपी को 28 सीटों पर जीत मिल रही है. कर्नाटक में एससी-एसटी बहुल 62 सीटें हैं.
3- चुनावों से पहले कांग्रेस ने लिंगायत वोटर्स पर सेंध लगाने की कोशिश की थी लेकिन उसका असर होता नजर नहीं आया. 2013 के चुनाव में बीजेपी को 62 लिंगायत बहुत क्षेत्र से 29 सीटों पर जीत हासिल हुई थी लेकिन 2018 में ये जीत और बड़ी हो गई. बीजेपी को करीब 40 सीटों पर जीत मिलती दिख रही है.
4- बीजेपी ने जेडीएस के वोक्कालिगा वोटर्स पर भी सेंध लगाई है. वोक्कालिगा बहुल 43 सीटों में से बीजेपी 20 सीटों पर जीत हासिल करती नजर आ रही हे जबकि 2013 में वह सिर्फ 8 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी थी.
5- तटीय क्षेत्र की 32 सीटों पर भी बीजेपी को पिछले चुनाव के मुकाबले नौ सीटों का फायदा होता दिख रहा है.
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