कॉनरैड संगमा ने रविवार को मेघालय के राज्यपाल गंगा प्रसाद से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया.
शिलांग:
कांग्रेस से मेघालय भी फिसलता दिख रहा है. कांग्रेस के साथ मेघालय में एक बार फिर गोवा और मणिपुर जैसा हाल होने जा रहा है. कांग्रेस यहां पर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन उसके बावजूद सरकार बनाने में नाकाम होती नज़र आ रही है और NPP यानी नेश्नल पीपल्स पार्टी बीजेपी और यूडीपी के समर्थन से सरकार बनाने जा रही है. गठगंधन रिजनल डेमोक्रेटिक अलायंस (आरडीए) में चार दल - एनपीपी, यूडीपी, हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचएसपीडीपी) और भाजपा शामिल हैं.
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रविवार शाम NPP ने अपने सहयोगियों के साथ राज्यपाल गंगा प्रसाद से मुलाकात सरकार बनाने का दावा किया है और राज्यपाल ने उन्हें मंगलवार यानी 6 मार्च को सरकार बनाने का न्योता दिया है. दरअसल मेघालय में किसी को भी बहुमत नहीं मिला है. कांग्रेस 21 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी है, जबकि एनपीपी को 19 और बीजेपी को 2 सीटें मिली है. वहीं, अन्य के खाते में 17 सीटे हैं. कांग्रेस और बीजेपी लगातार UDP के संपर्क में थे, जिनके 6 विधायक हैं. यूडीपी ने आख़िरकार किंगमेकर की भूमिका निभाते हुए कॉनरैड संगमा की NPP को समर्थन देने का फ़ैसला किया है.
यह भी पढ़ें : मेघालय विधानसभा चुनाव में 'जीतकर' भी क्या 'हार' जाएगी कांग्रेस? ये होंगे गेमचेंजिंग फैक्टर...
NPP नेता कॉनरैड संगमा ने राज्यपाल से मुलाकात की थी. उनके साथ बीजेपी के नलिन कोहली, केजे अल्फोसं और यूडीपी के नेता भी थे. इससे पहले कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री मुकुल संगमा यूडीपी के दफ़्तर गए और बीजेपी में आए हेमंत बिस्वा सरमा भी यूडीपी अध्यक्ष से मुलाकात करने पहुंचे हैं. तो अब यूडीपी का रुख़ यहां पर सबसे अहम हो जाता है.
VIDEO : त्रिपुरा में बीजेपी ने ढ़हाया लेफ्ट का किला
राज्य विधानसभा की 59 सीटों के लिए ही चुनाव हुआ था क्योंकि आईईडी विस्फोट में राकांपा के एक उम्मीदवार के मारे जाने के बाद एक सीट पर चुनाव रद्द कर दिया गया था.
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NPP नेता कॉनरैड संगमा ने राज्यपाल से मुलाकात की थी. उनके साथ बीजेपी के नलिन कोहली, केजे अल्फोसं और यूडीपी के नेता भी थे. इससे पहले कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री मुकुल संगमा यूडीपी के दफ़्तर गए और बीजेपी में आए हेमंत बिस्वा सरमा भी यूडीपी अध्यक्ष से मुलाकात करने पहुंचे हैं. तो अब यूडीपी का रुख़ यहां पर सबसे अहम हो जाता है.
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राज्य विधानसभा की 59 सीटों के लिए ही चुनाव हुआ था क्योंकि आईईडी विस्फोट में राकांपा के एक उम्मीदवार के मारे जाने के बाद एक सीट पर चुनाव रद्द कर दिया गया था.
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