इमाम बुखारी की फाइल तस्वीर
लखनऊ:
यूपी में विधानसभा चुनावों के पहले चरण की वोटिंग से ठीक पहले दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को समर्थन देने का ऐलान किया है. इमाम बुखारी ने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) पिछले पांच साल तक प्रदेश की सत्ता में रही और इस दौरान मुसलमानों का सिर्फ शोषण हुआ और उनके साथ नाइंसाफी ही हुई है, लिहाजा इस बार चुनाव में वह बसपा का समर्थन करेंगे. बुखारी ने कहा, बसपा ने यूपी में कानून व्यवस्था को ठीक रखा था. बसपा की सरकार ने अपने वादे पूरे किए थे.
2012 विधानसभा चुनाव में सपा का समर्थन करने वाले बुखारी ने कहा कि पिछले पांच सालों में अखिलेश यादव के शासन में मुसलमानों के अधिकारों का हनन हुआ और उन्हें मुजफ्फरनगर, मथुरा और गाजियाबाद जिलों में हुए खूनी दंगों समेत पूरे प्रदेश में 400 से ज्यादा साम्प्रदायिक फसाद की वारदात सहन करनी पड़ीं. इसके अलावा दादरी में अखलाक और प्रतापगढ़ में पुलिस उपाधीक्षक जिया उल हक की हत्या कर दी गई.
शाही इमाम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की बदहाली के लिए सपा सबसे ज्यादा जिम्मेदार है इसका स्पष्ट सबूत 2012 का सपा का घोषणापत्र है जिसमें मुसलमानों को आबादी के अनुपात में आरक्षण देने, रंगनाथ मिश्रा आयोग और सच्चर समिति की सिफारिशों को लागू करने समेत अनेक वादे किए गए थे, मगर उनमें से एक भी पूरा नहीं हुआ.
बुखारी ने कहा कि सपा समेत कई पार्टियां यह समझती हैं कि उन्हें वोट देना मुसलमानों की मजबूरी है, लेकिन मुसलमानों को उनकी यह धारणा दूर करके यह बता देना चाहिए कि जब तक हमारी समस्याओं का समाधान नहीं होगा, उत्तर प्रदेश में राजनीतिक स्थिरता का सवाल ही पैदा नहीं होता. (इनपुट एजेंसियों से)
2012 विधानसभा चुनाव में सपा का समर्थन करने वाले बुखारी ने कहा कि पिछले पांच सालों में अखिलेश यादव के शासन में मुसलमानों के अधिकारों का हनन हुआ और उन्हें मुजफ्फरनगर, मथुरा और गाजियाबाद जिलों में हुए खूनी दंगों समेत पूरे प्रदेश में 400 से ज्यादा साम्प्रदायिक फसाद की वारदात सहन करनी पड़ीं. इसके अलावा दादरी में अखलाक और प्रतापगढ़ में पुलिस उपाधीक्षक जिया उल हक की हत्या कर दी गई.
शाही इमाम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की बदहाली के लिए सपा सबसे ज्यादा जिम्मेदार है इसका स्पष्ट सबूत 2012 का सपा का घोषणापत्र है जिसमें मुसलमानों को आबादी के अनुपात में आरक्षण देने, रंगनाथ मिश्रा आयोग और सच्चर समिति की सिफारिशों को लागू करने समेत अनेक वादे किए गए थे, मगर उनमें से एक भी पूरा नहीं हुआ.
बुखारी ने कहा कि सपा समेत कई पार्टियां यह समझती हैं कि उन्हें वोट देना मुसलमानों की मजबूरी है, लेकिन मुसलमानों को उनकी यह धारणा दूर करके यह बता देना चाहिए कि जब तक हमारी समस्याओं का समाधान नहीं होगा, उत्तर प्रदेश में राजनीतिक स्थिरता का सवाल ही पैदा नहीं होता. (इनपुट एजेंसियों से)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
यूपी चुनाव 2017, इमाम बुखारी, बहुजन समाज पार्टी, बसपा, मायावती, समाजवादी पार्टी, Khabar Assembly Polls 2017, Imam Bukhari, BSP, Samajwadi Party, Mayawati