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This Article is From Jan 24, 2017

यादव परिवार का झगड़ा निपटाने में एक बहू की हैसियत से मैंने भी भूमिका निभाई : अपर्णा यादव

अपर्णा, मुलायम सिंह और उनकी दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक की पत्नी हैं.

लखनऊ: मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने एनडीटीवी से कहा कि यादव परिवार का झगड़ा निपटाने में एक बहू की हैसियत से वो जितना रोल अदा कर सकती थीं, उन्होंने किया. शायद यही वजह है कि अब सबके बीच एकता दिखने लगी है. लखनऊ कैंट सीट से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार अपर्णा को सोमवार को टिकट मिला, उसके बाद उन्होंने प्रचार शुरू कर दिया. इसी दौरान उन्होंने एनडीटीवी से बातचीत की. अपर्णा कहती हैं, मैं राजनीति में आने को लेकर इच्छुक नहीं थी. मैं सोशल वर्क कर रही थी और उसे ही जारी रखना चाहती थी. लेकिन मेरी सास और नेताजी (मुलायम सिंह यादव) चाहते थे कि मैं चुनाव लड़ूं. जब उन्होंने बहुत दबाव डाला तो मैंने कहा कि हां मैं लड़ूंगी, कहीं से भी टिकट दे दीजिए, जीतकर दिखाऊंगी.

सपा के अध्यक्ष पद से हटने के पहले मुलायम सिंह यादव ने पार्टी उम्मीदवारों की जो पहली लिस्ट जारी की थी, उसमें अपर्णा को लखनऊ कैंट से उम्मीदवार बनाया गया था. लेकिन मुलायम की लिस्ट के जवाब में अखिलेश यादव ने जो अपनी लिस्ट जारी की थी, उसमें लखनऊ कैंट से किसी का नाम नहीं घोषित किया गया. इसलिए ये सस्पेंस लंबा चला कि परिवार के झगड़े में अखिलेश, अपर्णा को टिकट देंगे या नहीं. अपर्णा कहती हैं, मुलायम सिंह जी हमारे रोल मॉडल हैं. अखिलेश भैया यूथ आइकन हैं, लेकिन शिवपाल चाचा समाजवादी पार्टी की रीढ़ हैं.  

(पढ़ें : अखिलेश का प्रचार 5वें चरण से शुरू, किसी ने पेड़ काटे-कोई पिंक के भरोसे, कोई 'अशोक' से डरा)

अपर्णा के पिता अरविंद सिंह बिष्ट लखनऊ में इन्फॉर्मेशन कमिश्नर हैं. इसके पहले वह एक प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबार में पत्रकार थे. अपर्णा की स्कूली पढ़ाई लखनऊ के लॉरेटो कॉन्वेंट से हुई. फिर उन्होंने आईटी कॉलेज, लखनऊ से अंग्रेजी साहित्य में बीए (ऑनर्स) किया और उसके बाद यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर से इंटरनेशनल रिलेशंस और पोलिटिक्स में पीजी डिग्री हासिल की. अपर्णा क्लासिकल सिंगर हैं और स्टेज परफॉर्मेंस देती हैं.

लखनऊ कैंट सीट पर अपर्णा की टक्कर रीता बहुगुणा जोशी से है, जो इसी सीट से कांग्रेस के टिकट से चुनाव जीती थीं. अब वो यहीं से बीजेपी की उम्मीदवार हैं. अपर्णा, रीता बहुगुणा जोशी से नाराज हैं. वो कहती हैं, 'रीता जी मेरी सीनियर हैं. हमारे उनसे अच्छे रिश्ते रहे हैं, लेकिन मेरे चुनाव में आने के बाद उन्होंने मेरे लिए बहुत खराब जुबान इस्तेमाल की है, जो मुझे बहुत बुरी लगी.'

(पढ़ें : सपा के स्टार प्रचारकों की सूची में मुलायम का नाम सबसे ऊपर, शिवपाल नदारद)

अपर्णा राजनीति में आने वाली मुलायम की खानदान की 22वीं सदस्य हैं. इस पर वो कहती हैं, परिवार को लेकर सिर्फ यादव फैमिली पर जोक्स क्यों बनते हैं. बहुत सारे नेताओं के बेटे-बेटी और रिश्तेदार राजनीति में हैं. अगर वकील का बेटा वकील, डॉक्टर का बेटा डॉक्टर, इंजीनियर का बेटा इंजीनियर बन जाता है तो कोई कुछ नहीं कहता. सिर्फ राजनेताओं के लिए यह सवाल क्यों उठाया जाता है.

26 साल की अपर्णा, मुलायम सिंह और उनकी दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक की पत्नी हैं. प्रतीक सियासत में नहीं हैं और बिजनेस करते हैं. कहते हैं कि मुलायम, प्रतीक को राजनीति में नहीं लाना चाहते थे ताकि अखिलेश के रास्ते में कोई रुकावट नहीं आए. लेकिन उनकी पत्नी चाहती थीं कि अगर प्रतीक राजनीति में नहीं आ सकते तो कम से कम अपर्णा को टिकट जरूर मिले. उनका चयन इसी का नतीजा है.

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