मणिपुर विधानसभा
नयी दिल्ली:
बीजेपी के नोंगथोमबम बिरेन सिंह ने मणिपुर विधानसभा चुनावों में पार्टी को जीत दिलाई है. उन्होंने हेनगेंग विधानसभा सीट अपने नाम कर ली है. इस बार नोंगथोमबम बिरेन सिंह मणिपुर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का साथ छोड़ बीजेपी के टिकट से लड़ रहे हैं. बिरेन सिंह राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉलर से पत्रकार और पत्रकार से राजनेता बने.
वर्ष 2002 में बिरेन सिंह ने हेनगेंग सीट से डेमोक्रेटिक रेवॉल्यूशनरी पीपुल्स पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर मणिपुर विधासभा में एंट्री मारी थी. इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए और मई 2003 में उन्हें राज्य सरकार में मंत्री बना दिया गया. वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस के टिकट पर अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे. उन्हें बाद में राज्य सरकार में सिंचाई एवं खाद्य नियंत्रण और युवा मामलों एवं खेल मंत्री जैसे अहम पद दिए गए. 2012 के विधानसभा चुनावों में वह लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए.
लेकिन अक्टूबर, 2016 में बिरेन पार्टी में बागी हो गए और उन्होंने मुख्यमंत्री इबोबी सिंह के खिलाफ विद्रोह कर दिया. बगावती तेवर अपनाने के बाद उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया. मणिपुर की सियासत में एक और अहम मोड़ तब आया जब 17 अक्टूबर 2016 को बिरेन ने बीजेपी ज्वॉइन कर ली. बीजेपी ने भी उन्हें तोहफा दिया. जल्द ही उन्हें पार्टी का प्रवक्ता व प्रदेश इकाई की चुनाव प्रबंधन समिति का सह-संयोजक बना दिया गया.
गौरतलब है कि मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए चार और आठ मार्च को दो चरणों में चुनाव हुआ था. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य में 42 सीटों पर जीत हासिल की थी और ओ इबोबी सिंह फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने थे.
वर्ष 2002 में बिरेन सिंह ने हेनगेंग सीट से डेमोक्रेटिक रेवॉल्यूशनरी पीपुल्स पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर मणिपुर विधासभा में एंट्री मारी थी. इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए और मई 2003 में उन्हें राज्य सरकार में मंत्री बना दिया गया. वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस के टिकट पर अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे. उन्हें बाद में राज्य सरकार में सिंचाई एवं खाद्य नियंत्रण और युवा मामलों एवं खेल मंत्री जैसे अहम पद दिए गए. 2012 के विधानसभा चुनावों में वह लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए.
लेकिन अक्टूबर, 2016 में बिरेन पार्टी में बागी हो गए और उन्होंने मुख्यमंत्री इबोबी सिंह के खिलाफ विद्रोह कर दिया. बगावती तेवर अपनाने के बाद उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया. मणिपुर की सियासत में एक और अहम मोड़ तब आया जब 17 अक्टूबर 2016 को बिरेन ने बीजेपी ज्वॉइन कर ली. बीजेपी ने भी उन्हें तोहफा दिया. जल्द ही उन्हें पार्टी का प्रवक्ता व प्रदेश इकाई की चुनाव प्रबंधन समिति का सह-संयोजक बना दिया गया.
गौरतलब है कि मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए चार और आठ मार्च को दो चरणों में चुनाव हुआ था. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य में 42 सीटों पर जीत हासिल की थी और ओ इबोबी सिंह फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने थे.
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