समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी सूची जारी होने के बाद राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा ने पार्टी रणनीति पर चर्चा की
नई दिल्ली:
कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी द्वारा पिछले चुनाव में कांग्रेस की जीती हुई नौ सीटों पर भी अपने प्रत्याशी घोषित कर देने को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया है, और कहा है कि इससे दोनों पार्टियों के बीच होने वाले गठबंधन पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं. पार्टी ने कहा है कि अब इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद बात करेंगे.
कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने कहा, "समाजवादी पार्टी से गठबंधन के बारे में मैं अब तभी कुछ कह पाऊंगा, जब गुलाम नबी आज़ाद की मुलाकात अखिलेश यादव से हो जाएगी... हम कह चुके हैं कि इस गठबंधन के बारे में अंतिम बातचीत अखिलेश यादव से हो चुकी है... अब भी हम उन्हीं से बात करेंगे... यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नौ मौजूदा विधायकों की सीटें भी ले ली जा रहा है... किसी भी समझौते का सम्मान करना चाहिए..."
अजय माकन की यह टिप्पणी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की दिल्ली में हुई आपात बैठक के बाद आई है. आपात बैठक में कांग्रेस नेताओं ने गठबंधन की राह में आए पेंच को सुलझाने के लिए चर्चा की. गौरतलब है कि दोनों ही पार्टियां पिछले कई दिन से कहती आ रही हैं कि गठबंधन को अंतिम रूप दे दिया गया है. इसी बीच, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने आवास पर अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की, जबकि अन्य वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने अलग से बैठक की.
---------------------------------------------
यूपी चुनाव: सपा के 209 उम्मीदवारों की सूची जारी, मुलायम की लिस्ट के 12 नाम कटे, शिवपाल-आजम को टिकट
यूपी चुनाव 2017 : देखिए, पहले तीन चरणों के लिए सपा के 191 उम्मीदवारों की पूरी लिस्ट...
UP Polls: सपा-कांग्रेस गठबंधन खटाई में, Congress बस 54 सीटों की हकदार-SP
UPelections: SP से गठबंधन नहीं होने पर क्या इस विकल्प को आजमाएंगे अजित सिंह...
---------------------------------------------
इस गठबंधन की कथा में यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने शुक्रवार को एक नया मोड़ पैदा कर दिया, जब उन्होंने 191 सीटों के लिए समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी घोषित कर दिए, जिनमें से सात सीटें वे हैं, जिन पर इस समय कांग्रेसी विधायक हैं. कुछ समय बाद जारी की गई 18 प्रत्याशियों की एक अन्य लिस्ट में भी कांग्रेस द्वारा जीती हुए दो सीटें दर्ज थीं.
ज़ाहिर है, कांग्रेस गठबंधन के तहत उन सभी सीटों पर लड़ना चाहेगी, जिन पर पिछले विधानसभा चुनाव में उसके प्रत्याशी जीते थे, लेकिन सूत्रों के मुताबिक दोबारा मुख्यमंत्री बनने की कोशिश में जुटे अखिलेश यादव कांग्रेस पर दबाव बना रहे हैं, क्योंकि अगर वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनाव और फिर वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर नज़र डालें, तो समाजवादी पार्टी के साथ आए बिना उत्तर प्रदेश में कांग्रेस मुकाबले में कहीं नहीं ठहरती.
अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी का कहना है कि यूपी की कुल 403 सीटों में से वह 300 से भी अधिक सीटों पर अपने खुद के उम्मीदवारों को लड़ाना चाहती है. सपा नेता किरणमॉय नंदा ने शुक्रवार को ही कहा है कि कांग्रेस को सिर्फ 54 सीटें मिलनी चाहिए, और ज़्यादा से ज़्यादा 30-35 सीटें और. इस हिसाब से कांग्रेस को 80 से 85 सीटों पर प्रत्याशी उतारने का मौका मिलेगा, जबकि उसकी मांग 100 सीटों की है.
कुछ दिन से उत्तर प्रदेश का महागठबंधन कहकर प्रचारित किए जा रहे गैर-भारतीय जनता पार्टी (गैर-बीजेपी) गठजोड़ के लिए पिछले 48 घंटे काफी मुश्किल भरे रहे हैं. इस गठबंधन को बनाने का विचार पिछले साल बिहार में बने महागठबंधन की तर्ज पर किया गया था, जिसने जीत हासिल की थी. विशेष रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों पर खासी पकड़ रखने वाले अजित सिंह और उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी से अलग रहकर आगे बढ़ने का फैसला किया है, क्योंकि उन्हें भी उनकी इच्छा से कम सीटों पर लड़ने की पेशकश दी गई थी.
समाजवादी पार्टी ने पलटकर कहा है कि अजित सिंह के इस फैसले से कोई फर्क नहीं पड़ता है, क्योंकि दरअसल अजित सिंह के साथ होने वाले गठबंधन से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम समर्थकों के बीच सपा की छवि बिगड़ सकती थी, जो वर्ष 2013 में मुज़फ्फरनगर में हुए दंगों के बाद से जाटों के खिलाफ हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने कहा, "समाजवादी पार्टी से गठबंधन के बारे में मैं अब तभी कुछ कह पाऊंगा, जब गुलाम नबी आज़ाद की मुलाकात अखिलेश यादव से हो जाएगी... हम कह चुके हैं कि इस गठबंधन के बारे में अंतिम बातचीत अखिलेश यादव से हो चुकी है... अब भी हम उन्हीं से बात करेंगे... यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नौ मौजूदा विधायकों की सीटें भी ले ली जा रहा है... किसी भी समझौते का सम्मान करना चाहिए..."
अजय माकन की यह टिप्पणी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की दिल्ली में हुई आपात बैठक के बाद आई है. आपात बैठक में कांग्रेस नेताओं ने गठबंधन की राह में आए पेंच को सुलझाने के लिए चर्चा की. गौरतलब है कि दोनों ही पार्टियां पिछले कई दिन से कहती आ रही हैं कि गठबंधन को अंतिम रूप दे दिया गया है. इसी बीच, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने आवास पर अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की, जबकि अन्य वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने अलग से बैठक की.
---------------------------------------------
यूपी चुनाव: सपा के 209 उम्मीदवारों की सूची जारी, मुलायम की लिस्ट के 12 नाम कटे, शिवपाल-आजम को टिकट
यूपी चुनाव 2017 : देखिए, पहले तीन चरणों के लिए सपा के 191 उम्मीदवारों की पूरी लिस्ट...
UP Polls: सपा-कांग्रेस गठबंधन खटाई में, Congress बस 54 सीटों की हकदार-SP
UPelections: SP से गठबंधन नहीं होने पर क्या इस विकल्प को आजमाएंगे अजित सिंह...
---------------------------------------------
इस गठबंधन की कथा में यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने शुक्रवार को एक नया मोड़ पैदा कर दिया, जब उन्होंने 191 सीटों के लिए समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी घोषित कर दिए, जिनमें से सात सीटें वे हैं, जिन पर इस समय कांग्रेसी विधायक हैं. कुछ समय बाद जारी की गई 18 प्रत्याशियों की एक अन्य लिस्ट में भी कांग्रेस द्वारा जीती हुए दो सीटें दर्ज थीं.
ज़ाहिर है, कांग्रेस गठबंधन के तहत उन सभी सीटों पर लड़ना चाहेगी, जिन पर पिछले विधानसभा चुनाव में उसके प्रत्याशी जीते थे, लेकिन सूत्रों के मुताबिक दोबारा मुख्यमंत्री बनने की कोशिश में जुटे अखिलेश यादव कांग्रेस पर दबाव बना रहे हैं, क्योंकि अगर वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनाव और फिर वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर नज़र डालें, तो समाजवादी पार्टी के साथ आए बिना उत्तर प्रदेश में कांग्रेस मुकाबले में कहीं नहीं ठहरती.
अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी का कहना है कि यूपी की कुल 403 सीटों में से वह 300 से भी अधिक सीटों पर अपने खुद के उम्मीदवारों को लड़ाना चाहती है. सपा नेता किरणमॉय नंदा ने शुक्रवार को ही कहा है कि कांग्रेस को सिर्फ 54 सीटें मिलनी चाहिए, और ज़्यादा से ज़्यादा 30-35 सीटें और. इस हिसाब से कांग्रेस को 80 से 85 सीटों पर प्रत्याशी उतारने का मौका मिलेगा, जबकि उसकी मांग 100 सीटों की है.
कुछ दिन से उत्तर प्रदेश का महागठबंधन कहकर प्रचारित किए जा रहे गैर-भारतीय जनता पार्टी (गैर-बीजेपी) गठजोड़ के लिए पिछले 48 घंटे काफी मुश्किल भरे रहे हैं. इस गठबंधन को बनाने का विचार पिछले साल बिहार में बने महागठबंधन की तर्ज पर किया गया था, जिसने जीत हासिल की थी. विशेष रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों पर खासी पकड़ रखने वाले अजित सिंह और उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी से अलग रहकर आगे बढ़ने का फैसला किया है, क्योंकि उन्हें भी उनकी इच्छा से कम सीटों पर लड़ने की पेशकश दी गई थी.
समाजवादी पार्टी ने पलटकर कहा है कि अजित सिंह के इस फैसले से कोई फर्क नहीं पड़ता है, क्योंकि दरअसल अजित सिंह के साथ होने वाले गठबंधन से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम समर्थकों के बीच सपा की छवि बिगड़ सकती थी, जो वर्ष 2013 में मुज़फ्फरनगर में हुए दंगों के बाद से जाटों के खिलाफ हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
यूपी विधानसभा चुनाव 2017, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017, राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, सपा-कांग्रेस गठबंधन, SP-Congress Alliance, Rahul Gandhi, Khabar Assembly Polls 2017, UP Assembly Elections 2017