प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में सबसे अधिक नोटा बटन मतदाताओं ने गोवा में दबाया और उत्तराखंड दूसरे नंबर पर है. चुनाव आयोग के पास उपलब्ध आंकड़े के मुताबिक गोवा में 1.2 फीसदी मतदाताओं ने नोटा (इनमें से कोई पसंद नहीं) मतदान किया. उत्तराखंड में ऐसे मतदाता एक फीसदी हैं. उत्तर प्रदेश में ऐसे मतदाता 0.9 फीसदी है, जहां भाजपा ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है. पंजाब में 0.7 मतदाताओं ने नोटा का चुनाव किया, जबकि मणिपुर में 0.5 फीसदी मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया.
उत्तर प्रदेश में 4800 से अधिक उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. गोवा में 250 से अधिक प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे थे. उत्तरखंड में 600 से अधिक और पंजाब में 1100 से ज्यादा उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में ताल ठोक रहे थे. मणिपुर में करीब 100 प्रत्याशी जोर अजमाइश कर रहे थे. गोवा में 40, उत्तराखंड में 70, मणिपुर में 60, पंजाब में 117 और उत्तर प्रदेश में 403 सीटें हैं.
शनिवार को घोषित परिणामों के अनुसार कुल 936,503 उम्मीदवारों ने किसी भी उम्मीदवार को वोट देने के बदले नोटा का विकल्प चुना. गोवा में 10,919 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया. नोटा के मामले में दूसरा स्थान उत्तराखंड का है और यहां कुल 1.0 प्रतिशत यानी 50,408 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना. यहां भाजपा ने 57 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है, और सत्ताधारी कांग्रेस को 70 सदस्यीय विधानसभा में 11 सीटों से संतोष करना पड़ा है.
आयोग के आंकड़े के अनुसार, नोटा के मामले में तीसरा स्थान उत्तर प्रदेश का है, जहां 0.9 प्रतिशत या 7,57,643 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प अपनाया. यहां भारतीय जनता पार्टी ने 312 सीटों के साथ भारी जीत हासिल की, जबकि 403 सदस्यीय विधानसभा में सत्ताधारी सपा 47 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर, 19 सीटों के साथ बसपा तीसरे स्थान पर और सात सीटों के साथ कांग्रेस चौथे स्थान पर रही है.
पंजाब नोटा के मामले में चौथे स्थान पर रहा. यहां 0.7 प्रतिशत या 1,08,471 लोगों ने नोटा का विकल्प चुना. कांग्रेस ने 117 सदस्यीय विधानसभा में 77 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है, जबकि 20 सीटों के साथ आप दूसरे स्थान पर और 15 सीटें जीत कर शिरोमणि अकाली दल तीसरे और तीन सीटों के साथ भाजपा चौथे स्थान पर है.
आयोग के अनुसार, मणिपुर में नोटा का प्रतिशत सबसे कम है. यहां 0.5 प्रतिशत या 9062 मतदाताओं ने इस विकल्प को चुना. यहां 60 सदस्यीय विधानसभा में 28 सीटें जीत कर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि भाजपा 21 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर है. (इनपुट एजेंसियों से)
उत्तर प्रदेश में 4800 से अधिक उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. गोवा में 250 से अधिक प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे थे. उत्तरखंड में 600 से अधिक और पंजाब में 1100 से ज्यादा उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में ताल ठोक रहे थे. मणिपुर में करीब 100 प्रत्याशी जोर अजमाइश कर रहे थे. गोवा में 40, उत्तराखंड में 70, मणिपुर में 60, पंजाब में 117 और उत्तर प्रदेश में 403 सीटें हैं.
शनिवार को घोषित परिणामों के अनुसार कुल 936,503 उम्मीदवारों ने किसी भी उम्मीदवार को वोट देने के बदले नोटा का विकल्प चुना. गोवा में 10,919 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया. नोटा के मामले में दूसरा स्थान उत्तराखंड का है और यहां कुल 1.0 प्रतिशत यानी 50,408 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना. यहां भाजपा ने 57 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है, और सत्ताधारी कांग्रेस को 70 सदस्यीय विधानसभा में 11 सीटों से संतोष करना पड़ा है.
आयोग के आंकड़े के अनुसार, नोटा के मामले में तीसरा स्थान उत्तर प्रदेश का है, जहां 0.9 प्रतिशत या 7,57,643 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प अपनाया. यहां भारतीय जनता पार्टी ने 312 सीटों के साथ भारी जीत हासिल की, जबकि 403 सदस्यीय विधानसभा में सत्ताधारी सपा 47 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर, 19 सीटों के साथ बसपा तीसरे स्थान पर और सात सीटों के साथ कांग्रेस चौथे स्थान पर रही है.
पंजाब नोटा के मामले में चौथे स्थान पर रहा. यहां 0.7 प्रतिशत या 1,08,471 लोगों ने नोटा का विकल्प चुना. कांग्रेस ने 117 सदस्यीय विधानसभा में 77 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है, जबकि 20 सीटों के साथ आप दूसरे स्थान पर और 15 सीटें जीत कर शिरोमणि अकाली दल तीसरे और तीन सीटों के साथ भाजपा चौथे स्थान पर है.
आयोग के अनुसार, मणिपुर में नोटा का प्रतिशत सबसे कम है. यहां 0.5 प्रतिशत या 9062 मतदाताओं ने इस विकल्प को चुना. यहां 60 सदस्यीय विधानसभा में 28 सीटें जीत कर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि भाजपा 21 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर है. (इनपुट एजेंसियों से)
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