समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव और सीएम अखिलेश यादव
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के भीतर पहले से मचा घमासान और गहराता जा रहा है. सपा सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग करने वाले विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) उदयवीर सिंह के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई की जा सकती है. गौरतलब है कि अखिलेश यादव के करीबी और एमएलसी उदयवीर सिंह ने बुधवार को ही सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को चिट्ठी लिखकर इस बात की मांग की है कि वे खुद पार्टी के संरक्षक बनें और अपनी कुर्सी (वर्तमान में राष्ट्रीय अध्यक्ष) अपने बेटे सीएम अखिलेश को सौंप दें.
उदयवीर के इस कदम के बाद अब यह तय माना जा रहा है कि इस पत्र को लिखने के लिए एमएलसी उदयवीर सिंह के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई होगी.
सपा के एक विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) ने बातचीत के दौरान बताया कि उदयवीर के खिलाफ ज्ल्द ही कार्रवाई होगी. प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव की तरफ से यह कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि अभी हाल ही में मुलायम ने अखिलेश को प्रदेश अध्यक्ष के पद से भी हटा दिया था और उनकी जगह शिवपाल यादव को यह नई जिम्मेदारी सौंपी थी.
उदयवीर सिंह ने अपनी चिट्ठी में यह भी लिखा कि परिवार के भीतर से भी अखिलेश यादव के खिलाफ साजिश हो रही है और शिवपाल यादव इसमें शामिल हैं.
इधर, अपने करीबियों के खिलाफ हो रही कार्रवाई से नाराज अखिलेश यादव ने बुधवार को यह ऐलान कर दिया कि वह तीन नवंबर से चुनाव प्रचार के लिए अपनी रथ यात्रा शुरू करेंगे. पांच नवंबर को सपा की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के मौके पर राजधानी में रजत जयंती समारोह का आयोजन किया जा रहा है.
रजत जयंती समारोह मनाने की जिम्मेदारी विवादों में घिरे मंत्री गायत्री प्रजापति को सौंपी गई है, जिन्हें अखिलेश यादव ने अपने मंत्रिमंडल से बाहर निकाल दिया था. हालांकि, बाद में मुलायम के कहने पर फिर से उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया.
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