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This Article is From May 19, 2016

तमिलनाडु में 32 साल का राजनीतिक इतिहास बदला, जनता ने जया को दोबारा सौंपी गद्दी

तमिलनाडु में 32 साल का राजनीतिक इतिहास बदला, जनता ने जया को दोबारा सौंपी गद्दी
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: तमिलनाडु के राजनीतिक इतिहास में 32 साल में पहली बार राज्य की जनता किसी पार्टी को लगातार दूसरी बार सत्ता सौंपने जा रही है। विधानसभा चुनावों के लिए जारी मतगणना के रुझानों से यह साफ है कि मुख्यमंत्री जयललिता पद पर काबिज रहेंगी।

चुनावी रुझानों में जैसे ही जयललिता की पार्टी एडीएमके ने बढ़त बनानी शुरू की, उनके आवास के बाहर बड़ी संख्या में समर्थकों की भीड़ जमा होने लगी और वहां जश्न शुरू हो गया। वहीं डीएमके के प्रमुख 93-वर्षीय करुणानिधि की पार्टी के नेताओं और उनके समर्थकों में मायूसी का माहौल है।

गौरतलब है कि अधिकतर एग्जिट पोल ने 67 साल की जयललिता के धुर विरोधी करुणानिधि की पार्टी डीएमके के सत्ता में लौटने का अनुमान जताया था। तमिलनाडु की राजनीति में 1984 से यह चलन रहा है कि राज्य की सत्ता पर काबिज पार्टी को दूसरी बार कामयाबी नहीं मिली। लेकिन इस बार यह ट्रेंड बदल गया है। करुणानिधि हालांकि व्हीलचेयर में हैं, लेकिन डीएमके को सत्ता मिलने पर उन्होंने मुख्यमंत्री पद संभालने का संकेत दिया था।

जयललिता ने अपने चुनाव घोषणापत्र में सभी राशनकार्ड धारकों को मुफ्त में मोबाइल फोन देने सहित कई लोकलुभावन वादे किए थे। पिछले विधानसभा चुनावों में जयललिता ने गृहणियों को मिक्सर ग्राइंडर दिया था। आम लोगों को काफी सस्ते दरों पर भोजन उपलब्ध कराने के लिए जयललिता द्वारा चलाई गए अम्मा कैंटीन को खूब वाहवाही मिली है। बेंगलुरु की एक अदालत ने जयललिता को पिछले साल भ्रष्टाचार के मामलों में बरी कर दिया था, लेकिन कर्नाटक सरकार ने उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

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