असम 'बीमारू राज्‍य' बन गया है, राज्‍य में कांग्रेस के दिन अब पूरे हुए : पीएम नरेंद्र मोदी

असम 'बीमारू राज्‍य' बन गया है, राज्‍य में कांग्रेस के दिन अब पूरे हुए : पीएम नरेंद्र मोदी

बिहपुरिया..बोकाहाट (असम):

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में शनिवार को बीजेपी के चुनावी अभियान का बिगुल फूंक दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के लोगों से बदलाव के लिए मतदान करने की अपील करते हुए कहा कि यह 'बीमारू राज्य' बन गया है और उसे इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए कांग्रेस को उखाड़ फेंका जाना चाहिए।

मोदी ने बिहपुरिया और बोकाहाट विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए कहा, 'राज्य के लोगों ने भाजपा को वोट देने का फैसला कर लिया है, लेकिन यह सुनिश्चित करिए यह काम अधूरा नहीं रह जाए। कृपया यह सुनिश्चित करिए कि पार्टी दो तिहाई बहुमत से सत्ता में आए ताकि भाजपा असम को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए दिल खोलकर काम कर सके।' उन्होंने कहा कि सभाओं में बड़ी संख्या में महिलाओं की मौजूदगी इस बात का संकेत हैं कि राज्य में कांग्रेस के दिन अब पूरे हो चुके हैं और इस चुनाव में उसके पास कोई मौका नहीं बचा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, 'असम अब बीमारू राज्य है और सारी बीमारी और परेशानी की जड़ कांग्रेस है, जिसे किसी भी कीमत पर उखाड़ फेंका जाना चाहिए।' उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री (मनमोहन सिंह) ने 10 साल तक इस राज्य का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन अब लोगों को याद दिलाना पड़ता था कि पूर्व प्रधानमंत्री ने उनकी नुमाइंदगी की थी।

मोदी ने कहा, 'असम लोगों के साथ घोर अन्याय हुआ है और उनकी अकांक्षाओं को कुचल दिया गया है। असम के युवाओं के पास अपार क्षमता है और उनको वंचित रखा गया है। यह सभी गलतियों को सुधारने का समय है।' प्रधानमंत्री ने कहा, 'मेरे तीन एजेंडे हैं। विकास, तीव्र विकास और सर्वांगीण विकास।' उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने राज्य में आधारभूत संरचना के विकास के लिए पूर्व सरकार की तुलना में कई गुना अधिक कोष आवंटित किया।

गोगोई द्वारा राज्य चुनाव को अपने और मोदी के बीच सीधा मुकाबला बताने पर प्रधानमंत्री ने कहा, 'कांग्रेस के नेता जो कुछ सालों में 90 वर्ष के होने वाले हैं, वे कहते हैं कि उनकी लड़ाई मोदी से है। आदरणीय मुख्यमंत्रीजी आप वरिष्ठ है और मैं छोटा हूं। मैं आपके प्रति सम्मान प्रकट कर सकता हूं। हमारी संस्कृति में छोटे अपने बड़े से लड़ते नहीं हैं और बड़े, छोटों को आर्शीवाद देते हैं।' पीएम मोदी ने कहा, 'मेरी लड़ाई गोगोई से नहीं है बल्कि असम में गरीबी, भ्रष्टाचार और बर्बादी के खिलाफ है। मैं किसी व्यक्ति के खिलाफ लड़ाई में नहीं उतरा हूं।' उन्होंने कहा कि असम को चार छह लेन की सड़कों, रेल संपर्क और जलमार्गों की जरूरत है ताकि लोगों की आवाजाही और वस्तुओं का लाना-ले जाना सुनिश्चित हो सके।'

मोदी ने राज्य में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार सर्वानंद सोनोवाल की प्रशंसा करते हुए उन्हें एक सुयोग्य मंत्री बताया। प्रधानमंत्री ने हालांकि घुसपैठ से जुड़े जटिल मुद्दे का कोई उल्लेख नहीं किया, जिसे भाजपा नीत राजग ने चुनाव में प्रमुख विषय बनाया है। उन्होंने विकास और असम में ठीक ढंग से प्रगति नहीं करने के विषय को ही उठाया।

चाय उत्पादक राज्य में रैली में उपस्थित लोगों से करीबी सम्पर्क बनाने का प्रयास करते हुए मोदी ने कहा कि वे शुरुआती दिनों में लोगों में ऊर्जा का संचार करने के लिए उनकी चाय बेचा करते थे और इससे असम के लोगों के साथ उनका विशेष संबंध हैं।

मोदी ने असम के मतदाताओं से भाजपा और उसके सहयोगी दलों को पांच वर्ष का कार्यकाल देने को कहा ताकि राज्य में कांग्रेस के 60 सालों के कुशासन से छुटकारा मिल सके। कैग की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि गोगोई सरकार ने धन कहां खर्च हुआ, इसकी जानकारी नहीं दी और लोग इसका जवाब चार अप्रैल को ईवीएम मशीन के जरिये दें।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

पीएम मोदी के भाषण की अन्य मुख्य बातें इस प्रकार हैं-

  • पीएम मोदी ने कहा कि हमारा संकल्प है तिनसुकिया के जन-जन को दुखिया से सुखिया बनाना है।
  • सर्बानंद सोनोवाल असम के सीएम बनने वाले हैं, यह लोगों का हुजूम दिखा रहा है।
  • असम में एक ही 'आनंद', सर्बानंद।
  • मेरे तीन एजेंडे हैं। पहला विकास, दूसरा तेज विकास और तीसरा हर तरफ विकास। हम लोगों को शिक्षा देना चाहते हैं। युवाओं को कमाई और बुजुर्गों को दवा।
  • हमने इस बजट में कहा है कि गरीब पूरे सात दिन शॉप खोल सकते हैं। यह भी लोगों को रोजगार देने का एक तरीका है।
  • आप लोगों के पास कितना सारा पानी है, लेकिन यहां के लोगों के पास पानी नहीं है। मैं वहां के लिए यह बात समझ सकता हूं जहां रेगिस्तान है, लेकिन असम में इतनी अधिक बारिश होती है। यह दुर्भाग्यपूर्ण हैं, यहां की सरकार इसके लिए पूरी तरह जिम्मेदार है।
  • आप मुझे बताइए, क्‍या यहां के ग्रामीणों को बिजली नहीं मिलनी चाहिए (भीड़ ने हां की आवाज लगाई), लेकिन आजादी के इतने सालों बाद भी, 2000 गांव ऐसे हैं जहां बिजली के खंभे भी नहीं पहुंच पाए हैं।
  • हमारे टी एस्‍टेट्स की ओर देखिये। जब टीवी पर इसका विज्ञापन आता है तो टी एस्‍टेट वर्कर्स के चेहरों पर मुस्कान आ जाती है, लेकिन हम सभी जानते हैं कि उनकी हालत क्‍या है। चाय हमें सम्‍मान दिलाती है।
  • यह आपकी चाय है जिसे मैं अपनी युवावस्था में उबालता था और कुछ पैसे कमाता था।
  • मैंने असम की चाय ही बेचकर लोगों में ऊर्जा भरी और जिंदगी में आगे बढ़ा।
  • एक घर में यदि एक बच्‍चे को 10 रुपए कॉपी के लिए दिए जाते है तो बच्‍चा उससे टॉफी खरीद लेता है। ऐसे में क्‍या पेरेंट्स नहीं पूछेंगे। उसी प्रकार कैग असम सरकार से धनराशि के बारे में पूछ रहा है लेकिन सरकार जवाब नहीं दे रही।
  • असम के लोग सर्बानंद को 5 साल का मौका दें।
  • मेरी लड़ाई गोगोई से नहीं, गरीबी से है। आप मौका दें आपके 60 साल के दर्द को दूर कर दूंगा।(इनपुट एजेंसी से भी)