चेन्नई / तिरुअनंतपुरम:
तमिलनाडु, केरल और पुदुच्चेरी में विधानसभा चुनाव के तहत मतदान जारी है। चुनाव का यह चरण बेहद अहम है, क्योंकि मतदाता दिनभर की वोटिंग में दोनों राज्यों - तमिलनाडु और केरल - के मुख्यमंत्रियों जयललिता और ओमन चांडी एवं उनके चिर प्रतिद्वंद्वियों क्रमश: एम करुणानिधि और वीएस अच्युतानंदन के राजनीतिक भविष्य का फैसला करेंगे। इन दोनों ही राज्यों में इस बार बहुकोणीय मुकाबला हो रहा है।
तमिलनाडु, केरल और पुदुच्चेरी में मतगणना 19 मई को होगी। पश्चिम बंगाल और असम सहित इन राज्यों में पिछले दो महीने से प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार चुनाव प्रचार में जुटे हुए थे। इन विधानसभा चुनावों को मिनी आम चुनाव माना जा रहा है।
बीजेपी तमिलनाडु और केरल में पदार्पण करने में जुटी है, जबकि तमिलनाडु में अब तक सत्ता क्रमश: एआईडीएमके और डीएमके के बीच तथा केरल में कांग्रेस-नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) और माकपा-नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के बीच ही आती-जाती रही है।
केरल : बारिश के बावजूद लोगों में मतदान को लेकर उत्साह
केरल की 140 सदस्यीय विधानसभा में प्रतिनिधियों के निर्वाचन के लिए 21,498 मतदान केंद्रों पर आज सुबह 7 बजे से मतदान जारी है। राज्य के कुल 2.61 करोड़ मतदाता चुनावी दौड़ में शामिल 1203 उम्मीदवारों में से अपने प्रतिनिधियों का चयन करेंगे। इनमें 109 महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं।
चुनाव लड़ रहे लोगों में मुख्यमंत्री ओमन चांडी, गृहमंत्री रमेश चेन्नीतला, आईयूएमएल के नेता एवं उद्योग मंत्री पी के कुन्हलीकुट्टी, केरल कांग्रेस :मणि: के प्रमुख एवं पूर्व वित्त मंत्री के एम मणि, 93 वर्षीय वी एस अच्युतानंदन, माकपा नेता और पोलितब्यूरो के सदस्य पिनरई विजयन, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कुम्मानम राजशेखरन और क्रिकेटर से नेता बने श्रीसंत शामिल हैं। सुबह-सुबह मतदान करने वालों में पिनरई विजयन, अभिनेता और राज्यसभा में भाजपा के सांसद सुरेश गोपी और कांग्रेस के विधायक सबरीनाथ और क्रिकेटर से राजनेता बने श्रीसंत शामिल हैं।
सुबह सात बजे मतदान शुरू होने से पहले ही लोग विभिन्न मतदान केंद्रों पर कतारबद्ध होना शुरू हो गए थे। राज्य के कुछ हिस्सों में आज सुबह से बारिश हो रही है, इसके बावजूद लोग मतदान करने पहुंच रहे हैं।
पीएम मोदी का सोमालिया विवाद क्या गुल खिलाएगा...?
दो महीने तक चुनाव प्रचार अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई राष्ट्रीय नेता मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए केरल पहुंचे। वैसे केरल की सोमालिया से तुलना करने पर विवाद उत्पन्न हो गया और मलयाली संवेदनशीलता कथित रूप से आहत हुईं। सोशल मीडिया पर 'पो मोन मोदी' (मोदी वापस जाओ) खूब फैला और दोनों प्रतिद्वंद्वी मोर्चों ने भी उन्हें निशाना बनाया। लेकिन बीजेपी ने यह कहते हुए प्रधानमंत्री का बचाव किया कि लोग उनके बयान पर तथ्यों के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं, जबकि उन्होंने बस आदिवासियों का दुख-दर्द सामने रखा था और उनके जीवनस्तर में सुधार की इच्छा प्रकट की थी।
कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस के एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा सचिव सुधाकर रेड्डी, त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री एन चक्रवर्ती, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई बड़े नेताओं ने पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार किया है। सौर घोटाला और दलित महिला से बलात्कार एवं उसकी हत्या अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, जो केरल में चुनाव प्रचार के दौरान उठे।
तमिलनाडु में जयललिता और करूणानिधि के भविष्य का फैसला कर रही है जनता
तमिलनाडु विधानसभा की 232 सीटों के लिए मतदान जारी है, जिसमें मुख्यमंत्री जे जयललिता और द्रमुक प्रमुख एम करूणानिधि समेत 3700 से अधिक उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा। करीब 65000 मतदान केंद्रों पर करीब 5.50 करोड़ मतदाताओं के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें खोली गईं ताकि वे मताधिकार का प्रयोग कर सकें। शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए एक लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए हैं।
तमिलनाडु के 32 जिलों में 234 विधानसभा सीटें हैं लेकिन मतदान केवल 232 सीटों के लिए हो रहा है क्योंकि चुनाव आयोग ने मतदाताओं के बीच धन बांटे जाने की शिकायतों के बाद अरावाकुरिची और तंजावुर विधानसभा सीटों के लिए मतदान टालने का निर्णय लिया है। इन सीटों के लिए 23 मई को मतदान होगा।
इन चुनावों में जयललिता :आरके नगर: और करूणानिधि :तिरवरूर: के अलावा डीएमडीके के संस्थापक विजयकांत और पीएमके के अंबुमणि रामदौस, एम के स्टालिन: द्रमुक:, भाजपा के टी सुंदरराजन और एच राजा समेत कई नेताओं के चुनावी भविष्य का फैसला होगा। 21780 अद्धसैन्य कर्मियों समेत कुल 1,11,958 पुलिस कर्मियों को चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया गया है।
तमिलनाडु में 100 करोड़ से ज्यादा नकदी जब्त
चुनाव अधिकारियों ने तमिलनाडु में बिना लेखा-जोखा के 100 करोड़ रुपये से अधिक नकदी जब्त की, जो उन पांच राज्यों में सबसे अधिक है, जहां पिछले महीने विधानसभा चुनाव हुए हैं। एक लाख से अधिक पुलिस और अर्द्धसैनिक कर्मी राज्य में 65,000 मतदान केंद्रों की चौकसी संभाल रहे हैं। राज्य में बहुकोणीय मुकाबला है और उनमें बीजेपी भी शामिल है।
जयललिता लगातार दूसरी बार सत्ता में पहुंचने की जुगत में हैं, जबकि 2011 के विधानसभा चुनाव और 2014 के लोकसभा चुनाव में करारी मात खा चुके करुणानिधि अपनी पार्टी डीएमके को सत्ता में पहुंचाने की कोशिश में जुटे हैं। ये दोनों क्रमश: आरके नगर और तिरुवरूर सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं।
आरके नगर से सर्वाधिक 45 उम्मीदवार मैदान में
आरके नगर निर्वाचन क्षेत्र में सबसे अधिक 45 उम्मीदवार हैं तथा डीएमके (शिमला मुथुचोलझान) तथा वीसीके (वसंती देवी) ने भी जयललिता से टक्कर लेने के लिए महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारा है। बीजेपी के एमएन राजा भी चुनाव मैदान में हैं।
बीजेपी के उम्मीदवारों में उसके राष्ट्रीय सचिव एच. राजा और प्रदेश अध्यक्ष तमिलिसाई सौंदर्यराजन शामिल हैं। खुद को विकल्प के तौर पर तीसरे मोर्चे के रूप में पेश करते हुए डीएमडीके, पीपुल्स वेलफेयर फ्रंट (वाइको के एमडीएमके, माकपा, भाकपा, वीसीके) और जीके वास की अगुवाई वाली तमिल मनीला कांग्रेस के गठबंधन ने डीएमके और एआईडीएमके दोनों को ही निशाना बनाया है, जिन्होंने हाल के दशकों में एक के बाद एक राज्य में शासन किया है। इस गठबंधन ने बदलाव पर जोर दिया। तमिलनाडु को आमतौर पर इस बात के लिए जाना जाता है कि वहां 1967 से दो द्रविड़ दल - डीएमके और एआईडीएमके एक-एक कर निर्वाचित होते रहे हैं।
तमिलनाडु, केरल और पुदुच्चेरी में मतगणना 19 मई को होगी। पश्चिम बंगाल और असम सहित इन राज्यों में पिछले दो महीने से प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार चुनाव प्रचार में जुटे हुए थे। इन विधानसभा चुनावों को मिनी आम चुनाव माना जा रहा है।
बीजेपी तमिलनाडु और केरल में पदार्पण करने में जुटी है, जबकि तमिलनाडु में अब तक सत्ता क्रमश: एआईडीएमके और डीएमके के बीच तथा केरल में कांग्रेस-नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) और माकपा-नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के बीच ही आती-जाती रही है।
केरल : बारिश के बावजूद लोगों में मतदान को लेकर उत्साह
केरल की 140 सदस्यीय विधानसभा में प्रतिनिधियों के निर्वाचन के लिए 21,498 मतदान केंद्रों पर आज सुबह 7 बजे से मतदान जारी है। राज्य के कुल 2.61 करोड़ मतदाता चुनावी दौड़ में शामिल 1203 उम्मीदवारों में से अपने प्रतिनिधियों का चयन करेंगे। इनमें 109 महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं।
चुनाव लड़ रहे लोगों में मुख्यमंत्री ओमन चांडी, गृहमंत्री रमेश चेन्नीतला, आईयूएमएल के नेता एवं उद्योग मंत्री पी के कुन्हलीकुट्टी, केरल कांग्रेस :मणि: के प्रमुख एवं पूर्व वित्त मंत्री के एम मणि, 93 वर्षीय वी एस अच्युतानंदन, माकपा नेता और पोलितब्यूरो के सदस्य पिनरई विजयन, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कुम्मानम राजशेखरन और क्रिकेटर से नेता बने श्रीसंत शामिल हैं। सुबह-सुबह मतदान करने वालों में पिनरई विजयन, अभिनेता और राज्यसभा में भाजपा के सांसद सुरेश गोपी और कांग्रेस के विधायक सबरीनाथ और क्रिकेटर से राजनेता बने श्रीसंत शामिल हैं।
सुबह सात बजे मतदान शुरू होने से पहले ही लोग विभिन्न मतदान केंद्रों पर कतारबद्ध होना शुरू हो गए थे। राज्य के कुछ हिस्सों में आज सुबह से बारिश हो रही है, इसके बावजूद लोग मतदान करने पहुंच रहे हैं।
पीएम मोदी का सोमालिया विवाद क्या गुल खिलाएगा...?
दो महीने तक चुनाव प्रचार अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई राष्ट्रीय नेता मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए केरल पहुंचे। वैसे केरल की सोमालिया से तुलना करने पर विवाद उत्पन्न हो गया और मलयाली संवेदनशीलता कथित रूप से आहत हुईं। सोशल मीडिया पर 'पो मोन मोदी' (मोदी वापस जाओ) खूब फैला और दोनों प्रतिद्वंद्वी मोर्चों ने भी उन्हें निशाना बनाया। लेकिन बीजेपी ने यह कहते हुए प्रधानमंत्री का बचाव किया कि लोग उनके बयान पर तथ्यों के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं, जबकि उन्होंने बस आदिवासियों का दुख-दर्द सामने रखा था और उनके जीवनस्तर में सुधार की इच्छा प्रकट की थी।
कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस के एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा सचिव सुधाकर रेड्डी, त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री एन चक्रवर्ती, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई बड़े नेताओं ने पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार किया है। सौर घोटाला और दलित महिला से बलात्कार एवं उसकी हत्या अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, जो केरल में चुनाव प्रचार के दौरान उठे।
तमिलनाडु में जयललिता और करूणानिधि के भविष्य का फैसला कर रही है जनता
तमिलनाडु विधानसभा की 232 सीटों के लिए मतदान जारी है, जिसमें मुख्यमंत्री जे जयललिता और द्रमुक प्रमुख एम करूणानिधि समेत 3700 से अधिक उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा। करीब 65000 मतदान केंद्रों पर करीब 5.50 करोड़ मतदाताओं के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें खोली गईं ताकि वे मताधिकार का प्रयोग कर सकें। शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए एक लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए हैं।
तमिलनाडु के 32 जिलों में 234 विधानसभा सीटें हैं लेकिन मतदान केवल 232 सीटों के लिए हो रहा है क्योंकि चुनाव आयोग ने मतदाताओं के बीच धन बांटे जाने की शिकायतों के बाद अरावाकुरिची और तंजावुर विधानसभा सीटों के लिए मतदान टालने का निर्णय लिया है। इन सीटों के लिए 23 मई को मतदान होगा।
इन चुनावों में जयललिता :आरके नगर: और करूणानिधि :तिरवरूर: के अलावा डीएमडीके के संस्थापक विजयकांत और पीएमके के अंबुमणि रामदौस, एम के स्टालिन: द्रमुक:, भाजपा के टी सुंदरराजन और एच राजा समेत कई नेताओं के चुनावी भविष्य का फैसला होगा। 21780 अद्धसैन्य कर्मियों समेत कुल 1,11,958 पुलिस कर्मियों को चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया गया है।
तमिलनाडु में 100 करोड़ से ज्यादा नकदी जब्त
चुनाव अधिकारियों ने तमिलनाडु में बिना लेखा-जोखा के 100 करोड़ रुपये से अधिक नकदी जब्त की, जो उन पांच राज्यों में सबसे अधिक है, जहां पिछले महीने विधानसभा चुनाव हुए हैं। एक लाख से अधिक पुलिस और अर्द्धसैनिक कर्मी राज्य में 65,000 मतदान केंद्रों की चौकसी संभाल रहे हैं। राज्य में बहुकोणीय मुकाबला है और उनमें बीजेपी भी शामिल है।
जयललिता लगातार दूसरी बार सत्ता में पहुंचने की जुगत में हैं, जबकि 2011 के विधानसभा चुनाव और 2014 के लोकसभा चुनाव में करारी मात खा चुके करुणानिधि अपनी पार्टी डीएमके को सत्ता में पहुंचाने की कोशिश में जुटे हैं। ये दोनों क्रमश: आरके नगर और तिरुवरूर सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं।
आरके नगर से सर्वाधिक 45 उम्मीदवार मैदान में
आरके नगर निर्वाचन क्षेत्र में सबसे अधिक 45 उम्मीदवार हैं तथा डीएमके (शिमला मुथुचोलझान) तथा वीसीके (वसंती देवी) ने भी जयललिता से टक्कर लेने के लिए महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारा है। बीजेपी के एमएन राजा भी चुनाव मैदान में हैं।
बीजेपी के उम्मीदवारों में उसके राष्ट्रीय सचिव एच. राजा और प्रदेश अध्यक्ष तमिलिसाई सौंदर्यराजन शामिल हैं। खुद को विकल्प के तौर पर तीसरे मोर्चे के रूप में पेश करते हुए डीएमडीके, पीपुल्स वेलफेयर फ्रंट (वाइको के एमडीएमके, माकपा, भाकपा, वीसीके) और जीके वास की अगुवाई वाली तमिल मनीला कांग्रेस के गठबंधन ने डीएमके और एआईडीएमके दोनों को ही निशाना बनाया है, जिन्होंने हाल के दशकों में एक के बाद एक राज्य में शासन किया है। इस गठबंधन ने बदलाव पर जोर दिया। तमिलनाडु को आमतौर पर इस बात के लिए जाना जाता है कि वहां 1967 से दो द्रविड़ दल - डीएमके और एआईडीएमके एक-एक कर निर्वाचित होते रहे हैं।
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