कैप्टेन अमरिंदर सिंह (फाइल फोटो)
चंडीगढ़:
लोकसभा और बिहार चुनावों में धाक जमा चुके प्रशांत किशोर की टीम ने पंजाब के युवाओं को कांग्रेस से जोड़ने के लिए 'कॉफी विथ कैप्टेन' अभियान शुरू किया है। पार्टी को लगता है कि इस तरह युवाओं में पकड़ बना चुकी आम आदमी पार्टी का असर कम करने में कामयाबी मिल सकती है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस तिकोने मुकाबले में उलझी है।
जमाना बदला, लस्सी की जगह कॉफी
लस्सी के जायके के लिए मशहूर पंजाब में कांग्रेस कॉफी के कद्रदान तलाश रही है। कॉफी विथ कैप्टेन दस साल से सत्ता से बाहर कांग्रेस के लिए शहरों के युवाओं से जुड़ने का नया फार्मूला है। लेकिन पंजाब कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष कैप्टेन अमरिंदर सिंह कहते हैं,' जमाना बदल गया है...सारी देहाती जनसंख्या जो विदेश में बैठी है वह कॉफी पीती है। यहां आकर अपने लोगों को पिलाती है। दुनिया सिमट गई है।'
पूर्व महाराजा कॉलेज स्टूडेंट्स के बीच हिट
कैप्टेन अमरिंदर सिंह के कट आउट के साथ ली गई सेल्फी से 74 साल के पूर्व मुख्यमंत्री के साथ कॉफी पीने का मौका मिल सकता है। उम्र में लम्बे फासले के बावजूद पटियाला के पूर्व महाराजा कॉलेज स्टूडेंट्स के बीच हिट हैं। कॉलेज स्टूडेंट संध्या ने कहा ,' यह अच्छा तरीका है। कैप्टेन सर को पता चल रहा है कि यूथ क्या सोचता है। देश और प्रदेश को लेकर उसकी क्या चिंताएं हैं।'
विरोधी दलों को रास नहीं आ रहा अभियान
2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'चाय पर चर्चा' की तर्ज पर यह कार्यक्रम विरोधी दलों को रास नहीं आ रहा। उन्हें लगता है कि इस तरह की कोशिशों से कांग्रेस का बेड़ा पार नहीं लगने वाला। संगरूर से सांसद और आप नेता भगवंत मान कहते हैं कि कांग्रेस से हमारा कोई मैच नहीं है। कांग्रेस तो आसपास भी नहीं है और अकाली दाल भी डबल फिगर से नीचे जाएगा।
लेकिन कांग्रेस को यकीं है कि कॉफी के प्याले से सियासी तूफान खड़ा किया जा सकता है। इसलिए अमृतसर और चंडीगढ़ के बाद अब यह कार्यक्रम पटियाला, लुधियाना और जलांधर में भी होगा।
जमाना बदला, लस्सी की जगह कॉफी
लस्सी के जायके के लिए मशहूर पंजाब में कांग्रेस कॉफी के कद्रदान तलाश रही है। कॉफी विथ कैप्टेन दस साल से सत्ता से बाहर कांग्रेस के लिए शहरों के युवाओं से जुड़ने का नया फार्मूला है। लेकिन पंजाब कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष कैप्टेन अमरिंदर सिंह कहते हैं,' जमाना बदल गया है...सारी देहाती जनसंख्या जो विदेश में बैठी है वह कॉफी पीती है। यहां आकर अपने लोगों को पिलाती है। दुनिया सिमट गई है।'
पूर्व महाराजा कॉलेज स्टूडेंट्स के बीच हिट
कैप्टेन अमरिंदर सिंह के कट आउट के साथ ली गई सेल्फी से 74 साल के पूर्व मुख्यमंत्री के साथ कॉफी पीने का मौका मिल सकता है। उम्र में लम्बे फासले के बावजूद पटियाला के पूर्व महाराजा कॉलेज स्टूडेंट्स के बीच हिट हैं। कॉलेज स्टूडेंट संध्या ने कहा ,' यह अच्छा तरीका है। कैप्टेन सर को पता चल रहा है कि यूथ क्या सोचता है। देश और प्रदेश को लेकर उसकी क्या चिंताएं हैं।'
विरोधी दलों को रास नहीं आ रहा अभियान
2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'चाय पर चर्चा' की तर्ज पर यह कार्यक्रम विरोधी दलों को रास नहीं आ रहा। उन्हें लगता है कि इस तरह की कोशिशों से कांग्रेस का बेड़ा पार नहीं लगने वाला। संगरूर से सांसद और आप नेता भगवंत मान कहते हैं कि कांग्रेस से हमारा कोई मैच नहीं है। कांग्रेस तो आसपास भी नहीं है और अकाली दाल भी डबल फिगर से नीचे जाएगा।
लेकिन कांग्रेस को यकीं है कि कॉफी के प्याले से सियासी तूफान खड़ा किया जा सकता है। इसलिए अमृतसर और चंडीगढ़ के बाद अब यह कार्यक्रम पटियाला, लुधियाना और जलांधर में भी होगा।
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