नई दिल्ली:
बाबू सिंह कुशवाहा को पार्टी में शामिल करने के बाद बीजेपी चारों तरफ़ से घिर गई है। पार्टी के अंदर से विरोध हो रहा है। विरोधी दल निशाना साध रहे हैं और अब आरएसएस ने भी नाराज़गी जताई है लेकिन बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि कुशवाहा को पार्टी से नहीं निकाला जाएगा।
बीजेपी को यह डर है कि अगर कुशवाहा को निकाला गया तो जो इस जाति के 9 फीसदी वोट हैं वो पूरी तरह कट जाएंगे। बीजेपी सूत्रों का यह भी कहना है कि बाबू सिंह कुशवाहा पर हत्या जैसे गंभीर आरोप नहीं हैं। वहीं सूत्रों का कहना है कि पार्टी मानती है कि पैसों की डील में शामिल होने के जो आरोप हैं वे बेबुनियाद हैं।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और वरिष्ठ नेता भैयाजी जोशी ने इस सिलसिले में नितिन गडकरी से भी बात की।
इसके अलावा भाजपा की सबसे करीबी सहयोगी जेडीयू ने भी इसे गलत बताया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे एक गलत सिलसिले की शुरुआत बताया है।
एक तरफ तो बीजेपी पार्टी में दागी छवि वाले लोगों को शामिल कर रही है और दूसरी तरफ आरएसएस के मुखपत्र में लोगों से यह कहा जा रहा है कि वो चुनाव में अपराधियों को न चुनें। संघ के मुखपत्र पांचजन्य में एक लेख है जिसमें लोगों से अपील की गई है कि वो भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को न चुने।
लेख में कहा गया है कि देश की राजनीति में आज साफ छवि के नेताओं की भारी कमी है और इसे दूर करने के लिए लोगों को काफी सोच समझ कर अपना वोट देना होगा। यह भी लिखा गया है कि जिस तरह से बीजेपी सांसदों ने अपने पास काला पैसा ना होने का हलफ़नामा दिया है वैसा ही हलफ़नामा विधानसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार भी भरें।
बीजेपी को यह डर है कि अगर कुशवाहा को निकाला गया तो जो इस जाति के 9 फीसदी वोट हैं वो पूरी तरह कट जाएंगे। बीजेपी सूत्रों का यह भी कहना है कि बाबू सिंह कुशवाहा पर हत्या जैसे गंभीर आरोप नहीं हैं। वहीं सूत्रों का कहना है कि पार्टी मानती है कि पैसों की डील में शामिल होने के जो आरोप हैं वे बेबुनियाद हैं।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और वरिष्ठ नेता भैयाजी जोशी ने इस सिलसिले में नितिन गडकरी से भी बात की।
इसके अलावा भाजपा की सबसे करीबी सहयोगी जेडीयू ने भी इसे गलत बताया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे एक गलत सिलसिले की शुरुआत बताया है।
एक तरफ तो बीजेपी पार्टी में दागी छवि वाले लोगों को शामिल कर रही है और दूसरी तरफ आरएसएस के मुखपत्र में लोगों से यह कहा जा रहा है कि वो चुनाव में अपराधियों को न चुनें। संघ के मुखपत्र पांचजन्य में एक लेख है जिसमें लोगों से अपील की गई है कि वो भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को न चुने।
लेख में कहा गया है कि देश की राजनीति में आज साफ छवि के नेताओं की भारी कमी है और इसे दूर करने के लिए लोगों को काफी सोच समझ कर अपना वोट देना होगा। यह भी लिखा गया है कि जिस तरह से बीजेपी सांसदों ने अपने पास काला पैसा ना होने का हलफ़नामा दिया है वैसा ही हलफ़नामा विधानसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार भी भरें।
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