यह ख़बर 30 जनवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

विस चुनाव : पंजाब, उत्तराखंड में मतदान खत्म

खास बातें

  • पंजाब और उत्तराखंड की जनता ने अपनी नई सरकार का फैसला कर लिया है। शाम पांच बजे दोनों ही राज्यों में मतदान का काम खत्म हो चुका है।
चंडीगढ़:

पंजाब और उत्तराखंड की जनता ने अपनी नई सरकार का फैसला कर लिया है। शाम पांच बजे दोनों ही राज्यों में मतदान का काम खत्म हो चुका है। इसके साथ ही चुनाव में खड़े हुए उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई है। कौन जीतेगा और कौन हारेगा इसका ऐलान छह मार्च को वोटों की गिनती के बाद होगा।

पंजाब में 117 और उत्तराखंड की 70 सीटों के लिए मतदान हुआ। मौसम साफ़ होने की वजह से दोनों ही राज्यों में वोटरों में काफ़ी उत्साह देखा गया। राज्य में कितने फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले इसका ऐलान कुछ ही देर में चुनाव आयोग करने वाला है।
दोनों ही राज्यों में एनडीए की साख दांव पर लगी है। पंजाब में बीजेपी−अकाली दल सरकार को कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिली है। बीएसपी भी अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में है। वहीं उत्तराखंड में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर दिखाई दे रही है। बीजेपी यहां अपनी साफ छवि के नेता और मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी के आधार पर चुनाव लड़ रही हैं।

पंजाब में मुख्य मुकाबला अकाली दल−बीजेपी गठबंधन और कांग्रेस के बीच है। कांग्रेस को उम्मीद है कि वह अकाली−बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंकेगी। कांग्रेस बादल सरकार में हुए घोटालों की दुहाई देकर जनता के बीच गई। उधर, बादल सरकार का दावा है कि उसके दौर में राज्य ने काफी विकास किया है।

बादल सरकार में सहयोगी बीजेपी के सांसद नवजोत सिद्धू इन चुनावों में पार्टी के स्टार प्रचारक रहे सिद्धू को भी अपने गठबंधन के सत्ता में लौटने का भरोसा है। कांग्रेस को इन चुनावों में उसके बागी भी चुनौती दे रहे हैं। उधर, अकाली दल को पार्टी से अलग हुए मनप्रीत बादल की पंजाब पीपुल्स पार्टी से चुनौती मिली है। मनप्रीत बादल मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के भतीजे हैं और उनकी सरकार में वित्त मंत्री रह चुके हैं। राज्य में एक करोड़ 76 लाख मतदाता हैं। इनमें से कितने लोगों ने वोट देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया ये अब से कुछ देर बाद साफ हो जाएगा। दोपहर दो बजे तक पंजाब में 45 मतदान हो चुका था।

उत्तराखंड में मतदान के दौरान आज लोगों का अच्छा उत्साह देखा गया। मैदानी इलाकों में सुबह से ही मतदान केंद्रों के बाहर कतार लगनी शुरू हो गई थी जबकि पहाड़ी इलाकों में दिन बढ़ने के साथ−साथ वोट डालने वालों की कतार बढ़ती गई। सभी दलों के बड़े नेता भी इस दौरान वोट देने के लिए निकले।

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मौजूदा मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी दोपहर बाद अपना वोट देने पौड़ी पहुंचे। इससे पहले वह दिनभर कोटद्वार में पोलिंग बूथ का दौरा करते रहे। कोटद्वार से बीजेपी के मौजूदा विधायक शैलेंद्र रावत की नाराज़गी ने इस सीट पर उनकी चुनौती को बढ़ा दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता नारायण दत्त तिवारी ने देहरादून कैंट में वोट डाला। तिवारी खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं लेकिन उन्होंने कांग्रेस के कुछ उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार किया। उधर, बीजेपी के दौर में हटाए गए मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी देहरादून में अपना वोट डाला। निशंक वैसे डोईवाला से उम्मीदवार हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्य ने कालाढुंगी में अपना वोट डाला।