यह ख़बर 06 जनवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

कुशवाहा को शामिल करने पर भाजपा में बढ़ा असंतोष

खास बातें

  • ज्ञात हो कि बसपा से निकाले गए मंत्री कुशवाहा को भाजपा में शामिल किए जाने पर मेनका गांधी और उमा भारती दोनों ने सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी जाहिर की है।
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के पूर्व दागी मंत्री बाबूसिंह कुशवाहा को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल किए जाने पर पार्टी को जहां शुक्रवार को अपने वरिष्ठ नेताओं मेनका गांधी और उमा भारती की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, वहीं पार्टी ने अपने फैसले को उचित ठहराते हुए कहा कि ऐसा हाशिए पर गए पिछड़े वर्ग को नेतृत्व देने के लिए किया गया।

ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश में करोड़ों रुपये के स्वास्थ्य घोटाले में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से निकाले गए मंत्री कुशवाहा को भाजपा में शामिल किए जाने पर मेनका गांधी और उमा भारती दोनों ने सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी जाहिर की है।

मेनका गांधी ने पत्रकारों से कहा, "हमें बसपा से निकाले गए किसी दागी अथवा भ्रष्ट नेता को अपनी पार्टी में शामिल नहीं करना चाहिए था।"

उत्तर प्रदेश के आंवला से सांसद मेनका ने कहा कि पार्टी की प्रदेश इकाई ने कुशवाहा को शामिल करने से पहले परामर्श नहीं किया। उन्होंने कहा, "भाजपा की पूरी राज्य इकाई इस फैसले से परेशान है।"

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में प्रचार अभियान में जुटीं उमा भारती ने भी पार्टी के इस फैसले पर विरोध दर्ज कराया। उमा ने हालांकि, इन रपटों का खंडन किया कि उन्होंने कुशवाहा को पार्टी में शामिल करने के फैसले पर विरोध जताने के लिए अपने अभियान को स्थगित कर दिया है।

चुनाव प्रचार में जुटीं उमा ने पत्रकारों से कानपुर में कहा, "मुझे जो कुछ कहना है उसे मैं पार्टी के मंच पर कहूंगी। पार्टी के मुद्दों पर मैं मीडिया में अपनी बात नहीं रखूंगी।"

इसके कुछ देर बाद उन्होंने एक बयान जारी कर कहा कि इस सम्बंध में जो खबरें चल रही हैं, वे बेबुनियाद हैं।

उमा ने कहा, "सुबह से ही मेरे नाम से विभिन्न समाचार माध्यमों में लगातार खबरें प्रसारित की जा रही हैं कि मैं चुनाव प्रचार नहीं करूंगी, लेकिन मैंने इस तरह की कोई टिप्पणी नहीं की है।"

गौरतलब है कि विभिन्न समाचार चैनलों पर सुबह से ही ऐसी खबरें चल रही थीं कि बाबू सिंह कुशवाहा को पार्टी में लिए जाने से नाराज होकर उमा भारती ने केंद्रीय नेताओं से साफतौर पर कह दिया है कि वह अब आगे चुनाव प्रचार नहीं करेंगी।

उमा ने अपने बयान में कहा है कि उन खबरों का कोई राजनीतिक मंतव्य न निकाला जाए। उन्होंने कहा है कि अगले चार दिन के सघन दौरे में वह 30 चुनावी सभाओं को सम्बोधित करेंगी और आगामी कार्यक्रम भी उनकी सहमति से ही तय किए जाएंगे।

वहीं, भाजपा ने अपने फैसले को उचित ठहराते हुए कहा कि अन्य पार्टियों ने हाशिए पर गए वर्गो के लोगों को नेतृत्व नहीं दिया है, इसलिए उसने पार्टी में पिछड़े वर्ग को जगह दी है।

भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा कि कुशवाहा को पार्टी में इसलिए शामिल किया गया क्योंकि वह पिछड़े वर्ग से आते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पार्टी भ्रष्ट लोगों को संरक्षण दे रही है।

कुशवाहा के नाम पर पार्टी के भीतर उठ रहे विरोध को देखते हुए भाजपा को घोषणा करनी पड़ी है कि राज्य के विधानसभा चुनावों में वह कुशवाहा को टिकट और कोई पद नहीं देगी।

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भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने पत्रकारों से कहा, "पार्टी कुशवाहा को न तो टिकट देगी और न ही कोई पद।"