सउदी अरब की पार्षद - इस देश के स्थानीय चुनाव में पहली बार महिलाओं ने हिस्सा लिया। इस चुनाव में उन्हें न सिर्फ मतदान देने का बल्कि बतौर उम्मदीवार लड़ने का भी अधिकार मिला। 20 सउदी औरतों ने इन चुनावों में जीत हासिल की जिसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम की तरह देखा जा रहा है। ऐसा देश जहां अभी भी महिलाओं को काफी प्रतिबंधित माहौल में रहना पड़ता है, उन्हें सड़कों पर गाड़ी चलाने की अनुमति नहीं है और जहां संरक्षक कानून के तहत उनके एवेज में पुरुषों को फैसला लेने का अधिकार है - ऐसी जगह पर कम सीटों पर ही सही लेकिन चुनाव में भाग लेना और जीत हासिल करना कोई छोटी मोटी बात नहीं है।
पेट्रीशिया आरक्वेट - 2015 में ऑस्कर का वह पल जब 'बॉयहुड' के लिए सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेत्री का पुरस्कार जीतने वाली पेट्रीशिया अरकेट ने इस अहम मंच से हॉलीवुड में महिलाओं और पुरुष के मेहनताने में किए जाने वाले भेदभाव का मुद्दा उठाया। पेट्रीशिया ने अपना अवार्ड औरतों को समर्पित करते हुए कहा कि 'हम औरते, जिन्होंने अभी तक सबकी बराबरी के लिए लड़ाई लड़ी। अब हमारा वक्त है जब अमेरिका में औरतों को बराबर वेतन दिए जाएं, बराबर अधिकार दिए जाएं।' पेट्रीशिया की यह बात इतनी प्रभावशाली थी कि दर्शकों में बैठी मेरिल स्ट्रिप जैसी वरिष्ठ अभिनेत्री भी सहमित में जो़र से चिल्लाने से खुद को रोक नहीं पाई। इसके बाद अलग अलग मौकों पर जेनिफर लॉरेंस से लेकर निकोल किडमैन तक कई अभिनेत्रियों ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी और लगातार रख रही हैं।
सानिया मिर्ज़ा और मार्टिना हिंगिस - टेनिस की यह जोड़ी सानिया मिर्ज़ा और मार्टिना हिंगिस के लिए 2015 किसी सपने से कम नहीं रहा। दो बार ग्रैंड स्लैम में जीत दर्ज करने के बाद यह जोड़ी डबल्स रैंकिग में पहले नंबर पर पहुंच गई। दोनों ने ही अपने देश का नाम ऊंचा किया । ग्रैंड स्लैम के अलावा इन दोनों ने 8 अन्य टेनिस टाइटल भी इस साल जीते। एक मीडिया एजेंसी से बातचीत में सानिया ने कहा अगले साल अगर इससे बेहतर नहीं तो इसके बराबर कामयाबी हासिल करने की कोशिश तो रहेगी। इससे अच्छा साल नहीं हो सकता था। लेकिन क्या पता हम दोनों साथ में और कितना अच्छा कर सकते हैं। एक और स्लैम जीत कैसी रहेगी।
सायना नेहवाल - बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल भी इस साल पीछे नहीं रही और उन्होंने इंडिया ओपन के फायनल में जीत दर्ज करने के साथ ही नंबर वन रैंकिंग भी हासिल कर ली। इस कामयाबी को हासिल करने वाली सायना, बैडमिंटन की दुनिया में पहली महिला भारतीय रही जो लगातार इतिहास रचती जा रही हैं। यही नहीं, विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाली वह पहली भारतीय बनी।
दीपिका पादुकोण - अवसाद के बारे में खुलकर बोलने से लेकर अमिताभ बच्चन और इरफान ख़ान जैसे दिग्गजों के बीच पीकू में अपने अभिनय का लोहा मनवाने तक दीपिका ने इस साल काफी कुछ देखा और दिखाया। दीपिका ने लिव-लव-लॉफ फाउंडेशन की शुरूआत की उन लोगों के लिए जो अवसाद की लड़ाई लड़ रहे हैं। साथ ही दीपिका का माय चॉइस वीडियो जिसमें उन्हें प्रशंसा के साथ साथ आलोचना भी मिली। फोर्ब्स की जारी की गई भारत के 100 शीर्ष हस्तियों की लिस्ट में दीपिका ही एक मात्र महिला सेलिब्रेटी थी जिनका नाम शीर्ष दस में था। और साल के अंत में बाजीराव मस्तानी में उनकी खूबसूरती और अदायगी के चर्चे, वाकई में यह साल दीपिका के लिए काफी अच्छा रहा।
प्रियंका चोपड़ा - 'बाजीराव मस्तानी' की 'काशी' के लिए यह साल इसलिए भी खास रहा क्योंकि अमेरिकी टीवी शो क्वांटिको में उन्हें मुख्य भूमिका में देखा जा रहा है। एफबीआई एजेंट एलेक्स पारिश का रोल निभाने वाली प्रियंका के अभिनय के चर्चे भारत से बाहर निकलकर अमेरिकी के अखबारो में भी हो रहे हैं। यहां तक की अमेरिके का प्रसिद्ध 'पीपल्स चॉइस अवार्ड' में उन्हें नामांकित भी किया गया। आलम यह है कि प्रियंका का एक पैर अब अमेरिका में और एक पैर बॉलीवुड में रहता है। क्वांटिको में अहम रोल निभाने के बाद प्रियंका के लिए शायद पीछे मुड़कर देखना अब मुमकिन नहीं होगा।
एंजेला मर्कल : जर्मनी की इन चांसलर को इस बार टाइम मैगेज़ीन ने पर्सन ऑफ द ईयर 2015 के रूप में चुना। टाइम ने मर्कल को यूरोपियन यूनियन का असल लीडर करार दिया। यहां तक की ग्रीस के आर्थिक संकट और शर्णार्थियों के लिए अपने देश के दरवाज़े खोलने के लिए एंजेला के नेतृत्व की काफी प्रशंसा भी की गई। साथ ही एंजेला को फोर्ब्स ने 2015 की सबसे ताकतवर महिलाओं की लिस्ट में भी शामिल किया।
आंग सान सू ची : दशकों तक नज़रबंद रही म्यामांर की यह नेता जिन्हें आखिरकार 2010 में रिहा किया गया। नवंबर 2015 में हुए संसदीय चुनाव में आंग सान सू ची की अगुआई में विपक्षी दल 'नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी' ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।म्मार में 25 साल बाद ऐसे संसदीय चुनाव हुए हैं जिन्हें निष्पक्ष माना गया। विश्व के सबसे लोकप्रिय 'राजनीतिक बंदियों' में से एक रही सू ची को बहुत समय तक संवैधानिक तौर पर चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं थी। लेकिन आखिरकार उन्हें यह मौका मिला और उन्होंने इसे हाथ से जाने नहीं दिया।
पिरेली मॉडल : अपने अर्धनग्न तस्वीरों के लिए पहचाने जाने वाला पिरेली कैलेंडर इस बार कुछ अलग लेकर आया। 2016 के लिए तैयार किए गए कैलेंडर में पिरेली ने उन सफल महिलाओं को बतौर मॉडल दिखाया जो अपने अपने क्षेत्र में नाम कमा रही हैं। इन नामों में टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स और अमेरिकी कॉमेडियन एमी शूमर थी जिन्होंने कैलेंडर के लिए अर्धनग्न पोज़ दिए। अक्सर कैलेंडर पर सिर्फ महिलाओं की बाहरी खूबसूरती का प्रदर्शन करने से इतर पिरेली के इस नए प्रयोग की काफी तारीफ की गई।
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