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27 जून 1967 में दुनिया की पहली एटीएम मशीन स्थापित की गई थी.
50वें जन्मदिन के मौके पर बैंक ने इसे सोने का एटीएम बना दिया है.
पहला एटीएम बनाने का विचार जॉन शेफर्ड बैरन की सोच का नतीजा था

खबरों के अनुसार दुनिया का पहला एटीएम बनाने का विचार जॉन शेफर्ड बैरन की सोच का नतीजा था. और यह विचार उनके मन में तब आया, जब एक बार बहुत जरूरी काम से उन्हें पैसे निकालने थे, लेकिन बैंक बंद होने के चलते वे ऐसा नहीं कर पाए थे.

अपने एक साक्षात्कार में बैरन ने बताया था कि एक चॉकलेट बार डिस्पेंसर को देखकर ही उनके दिमाग में एटीएम का विचार आया. बैरन साल 1925 में भारत के शिलांग में पैदा हुए थे.

बैरन के विचार के अनुसार जापान में 1966 में पहली मशीन बनी. लेकिन यह असल में एटीएम नहीं बन पाई. इसे एक कंप्यूटर लोन मशीन कहा जा सकता है, क्योंकि यह कार्ड के इस्तेमाल से लोन देती थी. इसके बाद बार्कलेज बैंक ने लोगों को पिन या खास चैक से पैसे नकद देने वाली पहली एटीएम मशीन बनाई.

लंदन के एनफील्ड में लगाई गई दुनिया की पहली एटीएम मशीन से सबसे पहले ब्रिटिश अभिनेता रेग वर्णय ने पैसों की निकासी की थी. इस मशीन में एक खास चेक का इस्तेमाल किया जाता था, जिसका मिलान पिन नंबर के तौर पर इस्तेमाल किया गया. आज यह मशीन काफी बदल चुकी है.
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