किसने बनाया उमा भारती को 'फायर ब्रांड' से 'वाटर ब्रांड'?

उमा भारती की फाइल तस्वीर

नई दिल्ली:

प्लास्टिक की बड़ी चप्पल, भगवा रंग का स्वेटर और सिर को जयपुरी शॉल से ढंककर जब केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती यूसुफ सराय की चुनावी सभा में पहुंचीं, तो उनका चेहरा थकान की गवाही दे रहा था।

उत्तराखंड से सीधे छह बजे गाजियाबाद उतरीं और राजेंद्र नगर में सभा करने के बाद इस सर्द शाम में मालवीय नगर से बीजेपी प्रत्याशी डॉ नंदिनी शर्मा के प्रचार के लिए पहुंच गईं। यहां उनका इंतजार करीब एक हजार लोग कर रहे थे।

उमा भारती जैसी फायर ब्रांड नेताओं के दम पर ही बीजेपी ने राम मंदिर मुद्दे से लेकर श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने जैसी राजनीतिक लड़ाई लड़ी। उमा भारती कहती हैं कि जो काम बीजेपी इतने सालों में नहीं कर सकी, वह नरेंद्र मोदी ने कर दिखाया। मसलन एक 'फायर ब्रांड' नेता को 'वाटर ब्रांड' नेता में बदल दिया। 30 मिनट के अपने भाषण में उमा भारती कहती हैं कि नेपाल से पानी के मामले में जो संधि मोदी जी ने की वह दिल्ली की काया को बदल कर रख देगी।

वह कहती हैं कि शारदा यमुना लिंक का काम सात साल में पूरा हो जाएगा, जिसके बाद दिल्ली को इतना पानी मिलेगा कि पीने से लेकर यमुना में भी साफ पानी बहेगा। उमा भारती पुराने दिनों को याद करती हैं, जब भारतीय जनता युवा मोर्चा की वह अध्यक्ष थीं। मजाकिया लहजे में कहती हैं कि वह लड़कों को देखते-देखते उकता जाती थीं, क्योंकि उस वक्त इस संगठन में गिनी-चुनी महिलाएं ही थीं।

दिल्ली के चुनाव प्रचार में उमा भारती से लेकर गोरखपुर के फायर ब्रांड और कट्टर हिन्दू छवि के नेता योगी आदित्यनाथ के सुर बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। शुक्रवार को योगी आदित्य नाथ की सभा तुगलकाबाद विधानसभा के प्रत्याशी विक्रम बिधूड़ी के लिए हरकेश नगर की सब्जी मंडी में थी।

योगी आदित्यनाथ ने पाकिस्तान का जिक्र किया, केजरीवाल पर तीखे हमले किए, लेकिन विवादों से भरे शब्दों से बचते दिखे। योगी आदित्यनाथ की इस सभा में करीब डेढ़ से दो हज़ार लोग मौजूद थे। ज्यादातर पूरबिया वोटर थे, जो योगी को राजनीतिक से ज्यादा धार्मिक सम्मान देते दिख रहे थे। उनकी सभा के दौरान दर्जन भर कैमरों और पत्रकार की फौज खड़ी भाषण में मीन मेख निकालने की कोशिश करती रही। लेकिन 50 के भाषण में योगी का अंदाज तो दिखा, लेकिन वे शब्द नहीं सुनाई पड़े, जिनकी पत्रकारों को तलाश थी।

योगी ने रमेश बिधूड़ी की तारीफ की, लोगों से वोट के लिए मुट्ठी बंधवाई और अंत में जय श्रीराम के नारे लगवाकर भारी भीड़ से वह निकल गए। इन दोनों सभाओं में जाने के बाद मैंने जब बीजेपी के एक बड़े नेता से पूछा कि क्या सभा करने से पहले बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने कुछ ब्रीफ कर रखा है, तो वह मेरी ओर देखकर हंसे, आप लोगों को मसाला नहीं मिल रहा है तो ऐसे प्रश्न स्वाभाविक हैं। मैं भी उनकी ओर देखकर हंस पड़ा और खबर की लाइन सोचते हुए गाड़ी में बैठकर निकल गया।


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