हिमालय की बर्फीली चोटी पर 15,256 फुट की ऊंचाई पर बसे छोटे-से गांव टशीगंग के ऊबड़-खाबड़ और बिना मोबाइल ‘कनेक्टिविटी' वाले क्षेत्र में चुनाव कराने के लिए प्रेम लाल और उनकी टीम की तैयारी चाक-चौबंद है.
हिमाचल प्रदेश में लाहौल-स्पीति जिले के मतदान केंद्रों में काजा से तैनात 29 बूथ स्तरीय अधिकारियों में शामिल लाल बृहस्पतिवार को ही उप-मंडलीय मजिस्ट्रेट के कार्यालय पहुंचे और उन्हें पता था कि अगले कुछ दिन उनके तथा उनकी टीम के पांच सदस्यों के लिए चुनौतीपूर्ण रहने वाले हैं.
इस गांव को दुनिया में सबसे ऊंचे मतदान केंद्र का दर्जा हासिल है.
भारत-चीन सीमा के समीप स्थित स्पीति घाटी मंडी लोकसभा सीट के तहत आती है जो हिमाचल प्रदेश में चार संसदीय क्षेत्र में से एक है और भारत में दूसरा सबसे बड़ा निर्वाचन क्षेत्र है. बॉलीवुड अभिनेत्री व भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्रत्याशी कंगना रनौत इस सीट से कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं.
टशीगंग में बनाए मतदान केंद्र में टशीगंग और गेते के 62 मतदाता हैं और इसे आदर्श मतदान बूथ बनाया गया है.
काजा में एसडीएम कार्यालय के सामने पर्वत के दूसरी ओर स्थित टशीगंग तक पहुंचने में डेढ़ घंटे का समय लगता है और यह दुर्गम क्षेत्र हैं जहां मौसम बदलता रहता है.
लाल ने कहा, ‘‘मैं ऐसी टीम का हिस्सा रहा हूं जिसने देश के दूसरे सबसे ऊंचे मतदान केंद्र हिक्किम (स्पीति घाटी में) में पहले चुनाव कराया है. इसलिए, मेरे पास थोड़ा अनुभव है.''
उन्होंने थोड़ी देर रुकने के बाद कहा, ‘‘थोड़ी दिक्कत तो होगी.'' इस क्षेत्र में मोबाइल कनेक्टिविटी भी नहीं है और बिजली आपूर्ति भी सीमित हैं लेकिन मतदान की तैयारियां चाक-चौबंद हैं.
अतिरिक्त जिला आयुक्त राहुल जैन ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘टीम को एक सैटेलाइट फोन दिया जाएगा और मुख्यालय तक मतदान आंकड़ों को पहुंचाने के लिए ‘रनर' को तैनात किया जाएगा. यह क्षेत्र दुर्गम है लेकिन हमारी टीम प्रतिबद्ध है और हमने सभी तैयारियां कर ली हैं.''
क्षेत्र में मतदान केंद्र में एक दीवार पर लिखा हुआ है, ‘‘भारत का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र, टशीगंग -4,650 मीटर.''
रंगबिरंगी झालरों से सजे स्वागत बोर्ड में हिंदी में लिखा है, ‘‘स्वागतम्. हम दुनिया के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र में सभी मतदाताओं का हार्दिक स्वागत करते हैं.''
टशीगंग मतदान केंद्र पर मतदान के पर्यवेक्षक कुमार प्रिंस ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘देश के अन्य हिस्सों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच रहा है लेकिन यहां एक अलग दुनिया है. मैं उम्मीद करता हूं कि सभी के पास पर्याप्त गर्म कपड़े होंगे.''
प्रिंस ने कहा, ‘‘यह हमें सौंपा गया एक खास और महत्वपूर्ण कार्य है. अगर हम दुर्गम इलाकों के लोगों को इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनाते हैं तो हम दुनिया को यह कैसे बता सकते हैं कि हमारा सबसे मजबूत लोकतंत्र है?''
गर्मियों के दौरान टशीगंग का तापमान पांच से 20 डिग्री सेल्सियस तक रहता है लेकिन मौसम में अचानक बदलाव के कारण पारा गिर भी सकता है. मतदान कर्मियों और सुरक्षा कर्मियों का स्वागत 30 मई को हिमपात के साथ हुआ और पारा रात को शून्य से पांच डिग्री सेल्सियस नीचे तक चला गया.
यह चौथी बार है जब टशीगंग में मतदान कराया जा रहा है.
अतिरिक्त जिला आयुक्त जैन ने बताया कि नवंबर 2022 में सभी पात्र मतदाताओं ने अत्यधिक ठंड के बावजूद अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं