MP Government Crisis: ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) ज्वाइन कर ली है. भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलवाई. कांग्रेस (Congress) को जबरदस्त झटका देते हुए पार्टी के प्रमुख युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को पार्टी से त्यागपत्र दे दिया था. बुआ वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) ने ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) का बीजेपी में स्वागत किया है. उन्होंने ट्वीट कर ज्योतिरादित्य को बीजेपी ज्वाइन करने की बधाई दी.
MP Government Crisis: अब BJP के हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया, जेपी नड्डा ने करवाया ज्वाइन
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ वसुंधरा राजे ने ट्वीट करते हुए लिखा, ''आज यदि राजमाता साहब हमारे बीच होतीं तो आपके इस निर्णय पर जरूर गर्व करती. ज्योतिरादित्य ने राजमाता जी द्वारा विरासत में मिले उच्च आदर्शों का अनुसरण करते हुए देशहित में यह फैसला लिया है, जिसका मैं व्यक्तिगत और राजनीतिक दोनों ही तौर पर स्वागत करती हूं.''
If Rajmata Sahab was here today, she would be elated to see you put the #NationFirst.
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) March 11, 2020
I admire your strength of character and courage. It's good to be on the same team.
Welcome to the BJP.@JM_Scindia pic.twitter.com/O1BU80R5By
ज्योतिरादित्य के कांग्रेस छोड़ने पर कल उनकी बुआ और भाजपा नेता यशोधरा राजे सिंधिया ने खुशी जाहिर की थी. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था, 'राजमाता के रक्त ने लिया राष्ट्रहित में फैसला. साथ चलेंगे, नया देश गढ़ेंगे,अब मिट गया हर फासला. ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा कांग्रेस छोड़ने के साहसिक कदम का मैं आत्मीय स्वागत करती हूं.'
राजमाता के रक्त ने लिया राष्ट्रहित में फैसला साथ चलेंगे,नया देश गढ़ेंगे,अब मिट गया हर फासला।@JM_Scindia द्वारा कांग्रेस छोड़ने के साहसिक कदम का मैं आत्मीय स्वागत करती हूँ।
— Yashodhara Raje Scindia (@yashodhararaje) March 10, 2020
सिंधिया के साथ ही उनके समर्थक पार्टी के 21 विधायकों के इस्तीफे से राज्य की कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. ऐसी अटकले हैं कि सिंधिया को राज्यसभा का टिकट दिया जा सकता है और उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया जा सकता है. कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधि के कारण पार्टी के महासचिव एवं पूर्ववर्ती ग्वालियर राजघराने के वंशज ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी से निष्कासित कर दिया था.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को नौ मार्च को लिखे इस्तीफा पत्र में सिंधिया ने कहा कि उनके लिये आगे बढ़ने का समय आ गया है क्योंकि इस पार्टी में रहते हुए अब वह देश के लोगों की सेवा करने में अक्षम हैं.
सिंधिया के पिता माधव राव सिंधिया ने भी अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत 1971 में जनसंघ के सांसद के रूप में की थी और बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गये थे.
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