उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली (Chamoli) की डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (जिलाधिकारी) स्वाति भदौरिया (Swati Bhadoria) ने उदाहरण पेश किया. उन्होंने प्राइवेट स्कूल की जगह अपने दो वर्षीय बेटे का दाखिला आंगनबाड़ी में कराया. गोपेश्वर गांव के आंगनबाड़ी सेंटर में उन्होंने दाखिला कराया. बेटे को दाखिला दिलाने को चमोली की डीएम स्वाति भदौरिया खुद आंगनबाड़ी केंद्र लेकर पहुंचीं. दाखिले के बाद स्वाति के बेटे को आंगनबाड़ी केंद्र की कक्षा में बच्चों के साथ बिठाया गया.
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स्वाती ने बताया- 'मेरे बच्चे ने अन्य बच्चों के साथ खाना खाया और जब वो वापस आया तो बहुत खुश था.' बता दें, चमोली की डीएम स्वाती के पती नितिन भदौरिया भी आईएएस ऑफिसर हैं. जिनकी पोस्टिंग अलमोड़ा में डीएम हैं.
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आंगनबाड़ी केंद्र की वालंटियर मंजू भट्ट ने कहा- मंगलवार को अभ्यूदय का पहला दिन था. उसने पहले दिन बाकी बच्चों की तरह वहीं की बनी खिचड़ी खाई. गोपेश्वर गांव में प्राइवेट प्ले स्कूल और चिल्ड्रन क्रैच भी हैं लेकिन डीएम के बेटे को आंगनबाड़ी में दाखिला कराने की सराहना हो रही है. डीएम स्वाति की इस पहले से आंगनबाड़ी में पढ़ रहे अन्य बच्चों के अभिभावक भी खुश नजर आ रहे हैं.
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डीएम के बच्चे ने केंद्र में अन्य बच्चों के साथ क्लास में खेल-खेल में पढ़ने की शुरुआत की और अन्य बच्चों की तरह साथ बैठकर यहीं का बना भोजन किया. दाखिला कराने के बाद डीएम स्वाती अपनी ड्यूटी पर चली गईं. ANI से बात करते हुए स्वाति ने कहा- आंगनबाड़ी केंद्र में आम बच्चों के साथ रहकर बच्चा सोशल, मेंटल, फिजिकल ग्रोथ करेगा तथा आम बच्चों के बीच रहकर बच्चे का विकास होगा.
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स्वाती ने बताया- 'मेरे बच्चे ने अन्य बच्चों के साथ खाना खाया और जब वो वापस आया तो बहुत खुश था.' बता दें, चमोली की डीएम स्वाती के पती नितिन भदौरिया भी आईएएस ऑफिसर हैं. जिनकी पोस्टिंग अलमोड़ा में डीएम हैं.
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आंगनबाड़ी केंद्र की वालंटियर मंजू भट्ट ने कहा- मंगलवार को अभ्यूदय का पहला दिन था. उसने पहले दिन बाकी बच्चों की तरह वहीं की बनी खिचड़ी खाई. गोपेश्वर गांव में प्राइवेट प्ले स्कूल और चिल्ड्रन क्रैच भी हैं लेकिन डीएम के बेटे को आंगनबाड़ी में दाखिला कराने की सराहना हो रही है. डीएम स्वाति की इस पहले से आंगनबाड़ी में पढ़ रहे अन्य बच्चों के अभिभावक भी खुश नजर आ रहे हैं.
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