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This Article is From Dec 09, 2015

जिसके भी ये तीन बोईंग 747 विमान हों, कृपया यहां से ले जाएं

जिसके भी ये तीन बोईंग 747 विमान हों, कृपया यहां से ले जाएं
क्वालालंपुर: मलेशियाई विमान एमएच370 के अचानक गायब होने की गुत्थी अभी सुलझ भी नहीं पाई है और अब मलेशियाई हवाई अड्डे के अधिकारियों के सामने एक बिल्कुल विपरीत समस्या आ गई है। देश के प्रमुख हवाई अड्डे पर 3 बोईंग 747 विमान लावारिस खड़े हैं।

अब इन तीन 747-200एफ लावारिस विमानों से निजात पाने की कोशिश के तहत क्वालालंपुर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के संचालकों ने इनके मालिकों की खोज के लिए मलेशियाई समाचार पत्रों में अपनी तरह का बिल्कुल विचित्र विज्ञापन दिया है।

सोमवार को अखबारों में छपे विज्ञापन में लिखा गया है, 'अगर यह सूचना छपने के अगले 14 दिन के भीतर इन विमानों के मालिकों ने इन्हें क्लेम नहीं किया तो मलेशियाई नियमों के तहत हमें विमानों को बेचने या निपटाने का अधिकार होगा।' यह नोटिस विमानों के अज्ञात मालिकों को संबोधित करता है।

मलेशियाई एयरपोर्ट (सेपांग) के महाप्रबंधक जैनोल मोहम्मद इसा का कहना है कि हम इन विमानों के अंतिम ज्ञात मालिकों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ये विमान मलेशियाई नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय हैं। इससे अधिक जानकारी देने से उन्होंने मना कर दिया।

जैनोल ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि वे क्यों जवाब नहीं दे रहे हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि मालिकों के पास इनके परिचालन के लिए पैसा नहीं होता।' इसके अलावा उन्होंने बताया कि वे विमान मालिकों का पता इसलिए भी लगाना चाहते हैं, क्योंकि उनसे लैंडिंग, पार्किंग और अन्य शुल्क भी वसूलने हैं।

उन्होंने कहा, अगर 21 दिसंबर तक कोई मालिक सामने नहीं आता है और उपर्युक्त शुल्क नहीं चुकाए जाते हैं तो विमानों की नीलामी की जा सकती है या कबाड़े में भी बेचा जा सकता है, जिससे एयरपोर्ट के शुल्क वसूले जाएंगे। जिन विमानों के बारे में नोटिस दिया गया है उनके रजिस्ट्रेशन नंबर TF-ARM, TF-ARN, और TF-ARH हैं। जैनोल ने बताया कि इनमें से दो पैसेंजर एयरक्राफ्ट हैं जबकि एक कार्गो प्लेन है।

जैनोल ने बताया ऐसा नहीं है कि पहली बार ऐसी घटना हुई हो। पिछले दशक में भी कुछ विमान, जिनमें ज्यादातर छोटे एयरक्राफ्ट ही थे, ऐसे ही लावारिस छोड़ दिए गए थे। उन्होंने बताया कि 1990 के दशक में एक लावारिस विमान को खरीदा गया और बाद में क्वालालंपुर से उपनरीय इलाके में रेस्त्रां में बदल दिया गया था।

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