विज्ञापन
This Article is From Jun 14, 2012

विवाहेतर रिश्तों में पकड़े जाने पर रेप का आरोप लगाती हैं महिलाएं : हाईकोर्ट

विवाहेतर रिश्तों में पकड़े जाने पर रेप का आरोप लगाती हैं महिलाएं : हाईकोर्ट
मुंबई: पांच साल तक बलात्कार के आरोप में जेल काट चुके एक व्यक्ति को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरी करते हुए कहा है कि विवाहेतर संबंधों के तहत किसी के साथ यौन संबंध स्थापित करते हुए पकड़ी जाने वाली महिला अपने चरित्र को बचाने के लिए बलात्कार का आरोप लगा सकती है।

ठाणे जिले के उल्हासनगर में अपने पड़ोसी की पत्नी से बलात्कार के मामले में पांच साल के सश्रम कारावास की सजा काट चुके योगेश शिन्दे को आरोपों से बरी करते हुए अदालत ने अभियोजन पक्ष द्वारा लगाए गए आरोप और पीड़ित द्वारा दिए गए घटना के ब्योरे को असंभव पाया।

शिन्दे ने कल्याण की सत्र अदालत द्वारा सुनाई गई कैद की सजा पूरी करने के बाद उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उसे संदेहलाभ देकर बरी कर दिया। अभियोजन के अनुसार शिन्दे ने 2 जून, 1999 को चाकू की नोक पर अपने मित्र की मदद से महिला से बलात्कार किया। उसके दोस्त को निचली अदालत ने ही बरी कर दिया था।

न्यायमूर्ति एएम थिप्से ने हाल में सुनाए अपने फैसले में कहा, हालांकि, सामान्य परिस्थितियों में किसी महिला द्वारा बलात्कार का झूठा आरोप लगाए जाने की संभावना नहीं होती, लेकिन जब वह विवाहेतर संबंधों के तहत किसी के साथ यौन संबंध बनाते पकड़ी जाए या उस पर इस तरह का संदेह हो, तो इस बात की पूरी संभावना है कि अपने चरित्र को बचाने की कोशिश के तहत वह दावा कर सकती है कि जो कुछ हुआ, उसमें उसकी सहमति नहीं थी।

सत्र अदालत के दोष सिद्धि के फैसले के खिलाफ शिन्दे की अपील स्वीकार करते हुए न्यायाधीश ने उल्लेख किया, वर्तमान मामले के तथ्यों और परिस्थितियों में यह संभावना पूरी तरह स्पष्ट है कि जब पीड़ित की कहानी को सामान्य नजरिये से देखा जाए, तो वह असंभव-सी प्रतीत होती है।

न्यायाधीश ने कहा, "यदि यह मान भी लिया जाए कि अपीलकर्ता और पीड़ित के बीच यौन संबंध स्थापित हुए थे, जैसा कि उसने आरोप लगाया है, तो भी इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि इसमें पीड़ित की भी सहमति थी, यदि दोनों के बीच कोई संबंध स्थापित हुआ था, तो समूचे घटनाक्रम के मद्देनजर सहमति के मुद्दे पर कम से कम संदेह तो पैदा होता है।" उन्होंने कहा कि अपीलकर्ता 'इस तरह का उचित संदेह का लाभ' पाने का हकदार है और उसे बरी कर दिया जाना चाहिए।

हाईकोर्ट ने कहा, "निचली अदालत द्वारा किया गया सबूतों का मूल्यांकन उचित या वैध नहीं है, इसलिए न्याय के हित में आदेश में हस्तक्षेप की आवश्यकता है।" अदालत ने उल्लेख किया कि अभियोजन का मामला मुख्यत: पीड़ित की गवाही पर आधारित है। पीड़ित का पति हालांकि गवाह था, लेकिन मुकदमे के दौरान उससे जिरह नहीं की गई, जबकि अन्य गवाहों ने अभियोजन के मामले का समर्थन नहीं किया।

इसने कहा कि श्रोणि अस्थि की ऊपरी सीमा में दाएं हिस्से में सिर्फ एक खरोंच को छोड़कर पीड़ित के शरीर पर और किसी जख्म का निशान नहीं था तथा गवाह के रूप में पेश हुआ डॉक्टर यह मत व्यक्त करने में असफल रहा कि क्या पीड़ित के साथ जबरन यौन संबंध बनाए गए। अपीलकर्ता के शरीर पर भी कोई जख्म नहीं था।

अदालत ने कहा कि महिला ने अपनी गवाही के दौरान भी यह जिक्र नहीं किया कि अपीलकर्ता के पास चाकू था या वह चाकू की नोक पर धमकी दे रहा था। महिला ने जिरह के दौरान कहा था कि वह और उसका पति अपने घर में एक 'खाट' पर सोए हुए थे और आरोपी उसे जबरन कमरे से उठा ले गया।

न्यायाधीश ने कहा कि इस तथ्य को स्वीकार करना काफी मुश्किल है कि जब पीड़ित का पति उसके पास सो रहा था, तो भी उसे जबरन कमरे से बाहर ले जाया जा सकता है। महिला ने जिरह में कहा था कि उसे जबरन जमीन पर डाल दिया गया और आरोपी ने उससे बलात्कार किया। उसने यह भी कहा कि जमीन पर पत्थर पड़े थे।

इस पर अदालत ने कहा कि यदि यह सच होता तो पीड़ित के शरीर पर कुछ और खरोंचों के निशान हो सकते थे, लेकिन चिकित्सा जांच में श्रोणि अस्थि की ऊपरी सीमा में दाएं हिस्से को छोड़कर और कहीं कोई निशान नहीं दिखा।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Previous Article
चाचा ने एकदम से वक्त बदल दिया...अनोखे करवाचौथ से इंटरनेट पर छिड़ी बहस, कुछ ने काटी मौज तो वहीं कुछ ने जताई आपत्ति
विवाहेतर रिश्तों में पकड़े जाने पर रेप का आरोप लगाती हैं महिलाएं : हाईकोर्ट
51 लाख रुपये के रंग-बिरंगे नोटों से सजा मां दुर्गा का पंडाल, भव्य दरबार की खूबसूरती देख मंत्रमुग्ध हुए लोग, Video वायरल
Next Article
51 लाख रुपये के रंग-बिरंगे नोटों से सजा मां दुर्गा का पंडाल, भव्य दरबार की खूबसूरती देख मंत्रमुग्ध हुए लोग, Video वायरल
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com