सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसकी वजह से लोगों के बीच राजस्थान (Rajasthan) का ये गांव कुलधरा (Kuldhara) चर्चा में छाया है. वायरल हो रहे इस वीडियो में दिखाया गया है कि गांव की धरोहर के साथ कुछ लोग खिलवाड़ कर रहे हैं. फेमस टूरिस्ट डेस्टिनेशन (Tourist Destination) कुलधरा में तोड़फोड़ की जा रही है. इस तोड़फोड़ का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ युवक पैरों से धक्का मार-मारकर दीवार को गिरा रहे हैं और फिर वो हंसते हुए वहां से निकल जाते हैं. सोशल मीडिया पर ये वीडियो सामने आने के बाद पर्यटन से जुड़े लोगों ने आक्रोश ज़ाहिर किया है. लोगों के गुस्से को देखते हुए स्थानीय प्रशासन अब एक्शन में है. वीडियो में जो लोग तोड़फोड़ कर रहे हैं, प्रशासन ने उनकी गिरफ्तारी की बात कही है. इसके बाद पुलिस इनको ढूंढ रही है.
पुलिस का कहना है कि एतिहासिक धरोहर से छेड़छाड़ करने वाले इन युवकों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा. आपको बता दें कि कुलधरा गांव में काफी टूटे हुए मकान हैं. जो भारत सरकार की पुरात्तव संरक्षित जगहों में शामिल हैं. इसकी देखरेख का काम एएसआई के साथ मिलकर जैसलमेर (Jaisalmer) विकास समिति करती है. वायरल वीडियो सामने आने के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है. राजस्थान सरकार में पुरात्तव सर्वेक्षण विभाग के कर्मचारी ताराचंद सेवक ने कहा कि वीडियो को लेकर प्रशासन को जानकारी दी जा चुकी है. जांच की मांग की गई है.
इस गांव के बारे में बात करें तो इस गांव में कोई नहीं रहता है, लेकिन एक 85 साल के बुजुर्ग इस गांव की रखवाली करते हैं. इस गांव की कहानी क्या है, क्यों इसे पालीवाल समाज का गौरव कहा जाता है और क्यों इस गांव को आज भी रहस्यमयी बोला जाता है. दरअसल, इसकी कहानी शुरु होती है 18वीं ईसवीं में. जैसलमेर से 14 किलोमीटर दूर कुलधरा गांव, जिसे पालीवाल ब्राह्मण समाज के लोगों ने सरस्वती नदी के किनारे बसाया था. माना जाता है कि उस समय इस राज्य के मंत्री सालिम सिंह (Salim Singh) थे, वो गांव पर काफी सख्ती से पेश आते थे. उनकी बुरी नजर गांव के मुखिया की बेटी पर पड़ गई, जो बेहद खूबसूरत थी, वो उस लड़की से शादी करना चाहते थे और उन्होंने गांव वालों से साफ कह दिया था कि अगर किसी ने उसे छिपाने की कोशिश की या बीच में आया तो सभी की जान ले ली जाएगी. और इसी डर से सभी गांव वाले एकसाथ गांव छोड़कर चले गए.
गांववालों ने ही इस जगह को श्राप दिया कि ये गांव कभी दोबारा नहीं बस पाएगा. और कोई दूसरा व्यक्ति यहां नहीं रह पाएगा और तभी से आजतक ये गांव वीराना पड़ा है, यहां कोई नहीं रहता. जिसकी वजह से इसे शापित गांव कहा जाता है. यही वजह है कि भले ही ये गांव सुबह पर्यटकों से भरा रहता है, लेकिन शाम होते ही वीरान हो जाता है. यह गांव अभी भी भूतिया गांव कहलाता है, लेकिन राजस्थान सरकार ने इसे पर्यटन स्थल का दर्जा दे दिया है, इस वजह से अब यहां रोजाना हज़ारों की संख्या में देश एवं विदेश से पर्यटक आते रहते है.
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