दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में स्थित धर्मपुरा हवेली जिसे अब गोयल हवेली भी कहा जाता है.
नई दिल्ली:
एक केंद्रीय मंत्री की हवेली दिल्ली की राजनीति में चर्चा का विषय रही है...अब यूनेस्को ने एशिया पैसेफिक हेरीटेज के अवार्ड से इस हवेली को नवाजा है. यह चांदनी चौक की तंग गलियों में स्थित धर्मपुरा हवेली है जो अब गोयल हवेली के नाम से जानी जाती है.
दो सौ साल पुरानी इस हवेली की जर्जर हालत की फोटो को सहेजकर रखा गया है. पहले यह हवेली मुगलों के पास थी, फिर कई हाथों से होते हुए केंद्रीय मंत्री विजय कुमार गोयल के पास आई. साठ कमरों की इस हवेली के पुर्ननिर्माण में छह साल लगे. निर्माण के दौरान एक रहस्यमय खाली तिजोरी और गुप्त रास्ते भी मिले. हालांकि मंत्री जी विजय गोयल कहते हैं इस तिजोरी में उन्हें फूटी कौड़ी भी नहीं मिली.
लोग बताते हैं कि मंत्री जी को हवेली का शौक है वरना इसका रीस्टोरेशन करना आसान नहीं था. इस हवेली में तीन किरायेदार थे. विजय गोयल कहते हैं कि जैसे किरायेदारों से घर खाली कराया जाता है उसी तरह से खाली कराया है.
स्कूल आफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग के डीन प्रोफेसर महावीर बताते हैं कि पुरानी हवेलियों के जीर्णोद्धार का काम कराने के लिए कारीगर नहीं मिल पाते हैं.
VIDEO : 225 साल पुरानी दुकान बंद
धर्मपुरा की इस हवेली में अब पांच सितारा होटल चलता है. हवेली की मरम्मत कराने के दौरान विजय कुमार गोयल पर कई आरोप लगे. आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि इस हवेली पर करोड़ों रुपये का प्रापर्टी टैक्स था जिसे एमसीडी से माफ कराने के लिए गोयल ने अपने रसूख का इस्तेमाल किया. जवाब में विजय गोयल कहते हैं कि हमारा ही प्रापर्टी टैक्स माफ नहीं किया गया बल्कि कई हवेलियों का माफ किया गया. चांदनी चौक में ऐतिहासिक विरासत की ज्यादातर हवेलियां मकान मालिक और किरायेदारों के विवाद में फंसी हैं. लेकिन सारी हवेलियों की किस्मत धर्मपुरा हवेली जैसी नहीं है.
दो सौ साल पुरानी इस हवेली की जर्जर हालत की फोटो को सहेजकर रखा गया है. पहले यह हवेली मुगलों के पास थी, फिर कई हाथों से होते हुए केंद्रीय मंत्री विजय कुमार गोयल के पास आई. साठ कमरों की इस हवेली के पुर्ननिर्माण में छह साल लगे. निर्माण के दौरान एक रहस्यमय खाली तिजोरी और गुप्त रास्ते भी मिले. हालांकि मंत्री जी विजय गोयल कहते हैं इस तिजोरी में उन्हें फूटी कौड़ी भी नहीं मिली.
लोग बताते हैं कि मंत्री जी को हवेली का शौक है वरना इसका रीस्टोरेशन करना आसान नहीं था. इस हवेली में तीन किरायेदार थे. विजय गोयल कहते हैं कि जैसे किरायेदारों से घर खाली कराया जाता है उसी तरह से खाली कराया है.
स्कूल आफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग के डीन प्रोफेसर महावीर बताते हैं कि पुरानी हवेलियों के जीर्णोद्धार का काम कराने के लिए कारीगर नहीं मिल पाते हैं.
VIDEO : 225 साल पुरानी दुकान बंद
धर्मपुरा की इस हवेली में अब पांच सितारा होटल चलता है. हवेली की मरम्मत कराने के दौरान विजय कुमार गोयल पर कई आरोप लगे. आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि इस हवेली पर करोड़ों रुपये का प्रापर्टी टैक्स था जिसे एमसीडी से माफ कराने के लिए गोयल ने अपने रसूख का इस्तेमाल किया. जवाब में विजय गोयल कहते हैं कि हमारा ही प्रापर्टी टैक्स माफ नहीं किया गया बल्कि कई हवेलियों का माफ किया गया. चांदनी चौक में ऐतिहासिक विरासत की ज्यादातर हवेलियां मकान मालिक और किरायेदारों के विवाद में फंसी हैं. लेकिन सारी हवेलियों की किस्मत धर्मपुरा हवेली जैसी नहीं है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं