राजस्थान के जालोर जिले के सांचौर कस्बे में 19 जून 2020 को खगोलीय घटना हुई है. सुबह सांचौर में एक कॉलेज के पास आसमान से उल्कापिंड गिरा है, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़ रहे हैं. साथ ही उल्कापिंड का अध्ययन करने के लिए जोधपुर से वैज्ञानिकों की टीम भी सांचौर पहुंची है. मीडिया से बातचीत में सांचौर थानाधिकारी अरविंद कुमार ने बताया कि शुक्रवार सुबह सात बजे सूचना मिली थी कि कस्बे में गायत्री कॉलेज के पास आसमान से तेज आवाज से साथ कोई चमकदार पत्थर गिरा है. पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां पर जमीन में करीब पांच फीट गहरे गड्ढे में एक काले रंग का धातु जैसा टुकड़ा फंसा हुआ मिला है.
उस धातु के टुकड़े को उल्कापिंड माना जा रहा है. वह काफी गर्म था. पुलिस ने उसे ठंडा होने के बाद वहां से निकालकर एक जार में रखवा दिया और विशेषज्ञों को इसकी जानकारी दी. 2.78 किलोग्राम का यह पत्थर गिरने से जमीन में चार से पांच फीट गड्ढा हो गया. आसमान से उल्कापिंड गिरने की सूचना पूरे सांचौर कस्बे में आग की तरह फैल गई और उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.
प्रत्यक्षदर्शी अजमल देवासी व घटनास्थल के आस-पास के अन्य लोगों का कहना सुबह सात बजे अचानक आसमान की ओर से कोई तेज चमकदार वस्तु आती दिखाई दी और जब वह नीचे गिरी तो तेज धमाका हुआ. इस पर लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी. यह घटना मेरे घर से सौ मीटर दूर खाली जगह में हुई है.
राजस्थान के जालौर जिले के सांचौर कस्बे में शुक्रवार सुबह छह बजे आसमान से गिरे धातु के टुकड़े के गिरने की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के 2 किलोमीटर क्षेत्र में सुनाई दी. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक जिस गति से जमीन पर गिरा उसकी आवाज हेलीकॉप्टर या किसी प्लेन के गिरने जैसी थी. जिस पर आवाज सुनाई देने के बाद लोग आसपास में देखने के लिए पहुंचे.
खगोलीय घटना की सूचना पाकर पहुंच सांचौर पुलिस और उपखंड अधिकारी भूपेंद्र यादव मौके पर पहुंचे. फिलहाल उल्कापिंड को वहां से उठाकर सुरक्षित जगह रखवा दिया गया है और घटनास्थल को सील कर दिया है. आमजन को उन क्षेत्र में नहीं जाने दिया जा रहा है. पुलिस को कहना है कि विशेषज्ञों की जांच के बाद ही घटनास्थल वाले इलाके में लोगों की आवाजाही हो सकेगी.
आइबी इंस्पेक्टर मंगल सिंह के मुताबिक सांचौर शहर के गायत्री कॉलेज के पास में आसमान से तेज आवाज के साथ धातु गिरने की सूचना प्राप्त हुई. जिसको देखते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन व उपखंड अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने जानकारी दी कि आसमान से गिरे धातु को उल्कापिंड टाइप का होना बताया जा रहा है. वास्तविकता जांच के बाद ही सामने आ सकेगी. पुलिस ने उल्कापिंड को कब्जे में लेकर इसकी सूचना जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को भी दी है.
बता दें कि आसमान में कभी-कभी एक ओर से दूसरी ओर जाते हुए या पृथ्वी पर गिरते हुए जो पिंड दिखाई देते हैं उन्हें उल्का और साधारण बोलचाल में टूटते हुए तारे कहते हैं. उल्काओं का जो अंश वायुमंडल में जलने से बचकर पृथ्वी तक पहुंचता है उसे उल्कापिंड कहते हैं.
अक्सर रात में अनगिनत उल्काएं देखी जा सकती हैं, लेकिन इनमें से पृथ्वी पर गिरने वाले पिंडों की संख्या बहुत कम होती है. वैज्ञानिकों कहना है कि यह उल्कापिंड बेहद महत्वपूर्ण होते हैं. क्योंकि एक तो ये अति दुर्लभ होते हैं, दूसरे आकाश में विभिन्न ग्रहों के संगठन और संरचना के ज्ञान के प्रत्यक्ष स्रोत केवल भी होते हैं.
(जालौर से गणपतसिंह मांडोली की रिपोर्ट)
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