अबुल की अंगुलियों पर पेड़ों की छाल जैसी रचनाएं उग आईं, इससे उनका नाम ही 'ट्री मैन' पड़ गया।
ढाका:
पिछले दस वर्षों से एक बेहद अजीब बीमारी से पीड़ित बांग्लादेश के अबुल बजनदार के जीवन में अब रोशनी की किरण दिखने लगी है। इस बीमारी की वजह से 26 साल के अबुल की अंगुलियों पर पेड़ों की छाल जैसी रचनाएं उग आईं, जिससे उनका नाम ही 'ट्री मैन' पड़ गया। हालांकि अब उनकी सर्जरी का रास्ता साफ हो गया है। डॉक्टरों के मुताबिक, सर्जरी से ये छाल हट जाएंगी तो उनके शरीर से करीब 5 किलो वजन कम हो जएगा।
बांग्लादेश के दक्षिणी जिले खुलना के रहने वाले अबुल कहते हैं कि जब 10 साल पहले उनकी अंगुलियों पर यह ग्रोथ शुरू हुई थी, तो उनको नहीं पता था कि यह इस कदर बढ़ जाएगी। धीरे-धीरे वह कोई भी काम करने में असमर्थ हो गए। अब उनके दोनों हाथों में दर्जनों 2-3 इंच की शाखाएं हैं और पैरों में भी कुछ छोटी-छोटी ग्रोथ हैं।
अबुल ने शुरू में ने खुद ही यह ग्रोथ काटने की कोशिश की, लेकिन यह बहुत दर्दनाक था। तब उन्होंने होम्योपथी और हर्बल दवाएं लीं, लेकिन इससे उनकी कंडिशन और बिगड़ गई। उन्होंने भारत के डॉक्टरों से भी संपर्क किया था, लेकिन उनका परिवार इलाज का खर्च उठाने में असमर्थ था।
अबुल पहले रिक्शा चलाने का काम करते थे, लेकिन इस बीमारी की वजह से उन्हें यह काम छोड़ना पड़ गया। अब ढाका मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (डीएमसीएच) में उनका इलाज होगा, जहां हॉस्पिटल ही उनके इलाज का पूरा खर्च उठाएगा। यह सर्जरी इस तरह की जाएगी कि अबुल के हाथों की नसों को कोई नुकसान न हो।
4 साल पहले यह ग्रोथ जब तेजी से बढ़नी शुरू हुई तो अबुले ने डॉक्टरों को दिखाया। तब पता चला कि वह एपिडर्मोडिस्प्लैजिया वेरुसिफॉर्मिस के शिकार हो चुके हैं। यह एक बहुत ही रेयर जेनेटिक स्किन डिसऑर्डर है, जिससे प्रभावित इंसान में पेड़ की जड़ों और शाखाओं की तरह स्किन ग्रोथ होने लगती है। इसी वजह से इस बीमारी को 'ट्री मैन डिजीज' कहते हैं।
डीएमसीएच के निदेशक सामंता लाल सेन के मुताबिक इस अबुल सहित पूरी दुनिया में ऐसे बस 3 केस ही हैं। इंडोनेशिया के एक गांव में इसी बीमारी से पीड़ित एक इंसान का ऑपरेशन 2008 में हुआ था। उसके पूरे शरीर पर ऐसी ग्रोथ थी।
बांग्लादेश के दक्षिणी जिले खुलना के रहने वाले अबुल कहते हैं कि जब 10 साल पहले उनकी अंगुलियों पर यह ग्रोथ शुरू हुई थी, तो उनको नहीं पता था कि यह इस कदर बढ़ जाएगी। धीरे-धीरे वह कोई भी काम करने में असमर्थ हो गए। अब उनके दोनों हाथों में दर्जनों 2-3 इंच की शाखाएं हैं और पैरों में भी कुछ छोटी-छोटी ग्रोथ हैं।
अबुल ने शुरू में ने खुद ही यह ग्रोथ काटने की कोशिश की, लेकिन यह बहुत दर्दनाक था। तब उन्होंने होम्योपथी और हर्बल दवाएं लीं, लेकिन इससे उनकी कंडिशन और बिगड़ गई। उन्होंने भारत के डॉक्टरों से भी संपर्क किया था, लेकिन उनका परिवार इलाज का खर्च उठाने में असमर्थ था।
अबुल पहले रिक्शा चलाने का काम करते थे, लेकिन इस बीमारी की वजह से उन्हें यह काम छोड़ना पड़ गया। अब ढाका मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (डीएमसीएच) में उनका इलाज होगा, जहां हॉस्पिटल ही उनके इलाज का पूरा खर्च उठाएगा। यह सर्जरी इस तरह की जाएगी कि अबुल के हाथों की नसों को कोई नुकसान न हो।
4 साल पहले यह ग्रोथ जब तेजी से बढ़नी शुरू हुई तो अबुले ने डॉक्टरों को दिखाया। तब पता चला कि वह एपिडर्मोडिस्प्लैजिया वेरुसिफॉर्मिस के शिकार हो चुके हैं। यह एक बहुत ही रेयर जेनेटिक स्किन डिसऑर्डर है, जिससे प्रभावित इंसान में पेड़ की जड़ों और शाखाओं की तरह स्किन ग्रोथ होने लगती है। इसी वजह से इस बीमारी को 'ट्री मैन डिजीज' कहते हैं।
डीएमसीएच के निदेशक सामंता लाल सेन के मुताबिक इस अबुल सहित पूरी दुनिया में ऐसे बस 3 केस ही हैं। इंडोनेशिया के एक गांव में इसी बीमारी से पीड़ित एक इंसान का ऑपरेशन 2008 में हुआ था। उसके पूरे शरीर पर ऐसी ग्रोथ थी।
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