सांकेतिक तस्वीर
बीजिंग:
खतरनाक डेंगू मच्छर से दुनियाभर में लोग परेशान हैं। हर कोई डेंगू के मच्छर से निपटने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। कोई मच्छर मारने और भगाने वाली अगरबत्ती जलाता है तो कोई लिक्विड के जरिए मच्छरों से निपटने की कोशिश करता है। मच्छरदानी और मोस्क्यूटो रेपेलेंट भी आमतौर पर इस्तेमाल होते हैं, लेकिन इसके बावजूद डेंगू हर साल महामारी की तरह फैलता है। अब चीन में इसके लड़ने का एक और उपाय इजात किया गया है।
चीन ने गुआंगझोउ प्रांत में डेंगू बुखार से निपटने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी मच्छर फैक्टरी लगाई है। इस फैक्टरी के जरिए हर सप्ताह 10 लाख वंध्यीकृत मच्छर छोड़े जाएंगे जिससे डेंगू फैलाने वाले मच्छरों की संख्या को कम किया जा सकेगा।
सरकारी समाचार पत्र 'ग्लोबल टाइम्स' ने खबर दी है कि गुआंगझोउ साइंस सिटी इलाके में फैक्टरी से निर्मित मच्छरों को छोड़ने की जिम्मेदारी शी झियोंग संभाल रहे हैं।
इसका पहला परीक्षण खेत में किया गया और साबित हुआ कि इससे मच्छरों की संख्या में 90 फीसदी तक कमी आई है। वंध्यीकृत मच्छरों को जंगल में छोड़ा जाना, उन कई अनूठे प्रयासों में शामिल है जो डेंगू बुखार से निपटने के लिए किए गए हैं।
पिछले साल चीन में डेंगू से 47,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। इनमें अधिकांश मामले गुआंगदोंग प्रांत में थे। डेंगू का कोई टीका और सटीक उपचार उपलब्ध नहीं है और दुनियाभर में इससे एक साल में करीब 22,000 लोगों की मौत हुई है।
चीन ने गुआंगझोउ प्रांत में डेंगू बुखार से निपटने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी मच्छर फैक्टरी लगाई है। इस फैक्टरी के जरिए हर सप्ताह 10 लाख वंध्यीकृत मच्छर छोड़े जाएंगे जिससे डेंगू फैलाने वाले मच्छरों की संख्या को कम किया जा सकेगा।
सरकारी समाचार पत्र 'ग्लोबल टाइम्स' ने खबर दी है कि गुआंगझोउ साइंस सिटी इलाके में फैक्टरी से निर्मित मच्छरों को छोड़ने की जिम्मेदारी शी झियोंग संभाल रहे हैं।
इसका पहला परीक्षण खेत में किया गया और साबित हुआ कि इससे मच्छरों की संख्या में 90 फीसदी तक कमी आई है। वंध्यीकृत मच्छरों को जंगल में छोड़ा जाना, उन कई अनूठे प्रयासों में शामिल है जो डेंगू बुखार से निपटने के लिए किए गए हैं।
पिछले साल चीन में डेंगू से 47,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। इनमें अधिकांश मामले गुआंगदोंग प्रांत में थे। डेंगू का कोई टीका और सटीक उपचार उपलब्ध नहीं है और दुनियाभर में इससे एक साल में करीब 22,000 लोगों की मौत हुई है।
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