नई दिल्ली:
आईआरआईएस ज्ञान फाउंडेशन और भारतीय इंटरनेट एवं मोबाइल संघ द्वारा कराए गए एक अध्ययन के मुताबिक वर्ष 2014 में होने वाले अगले आम चुनाव में सोशल मीडिया लोकसभा की 160 सीटों को प्रभावित कर सकता है।
अध्ययन में कहा गया है कि अगले आम चुनाव में लोकसभा की कुल 543 सीटों में से 160 अहम सीटों पर सोशल मीडिया का प्रभाव रहने की संभावना है, जिनमें महाराष्ट्र से सबसे अधिक प्रभाव वाली 21 सीटें और गुजरात से 17 सीटें शामिल है।
सबसे अधिक प्रभाव वाली (हाई इम्पैक्ट) सीट से आशय उन सीटों से है, जहां पिछले लोकसभा चुनाव में विजयी उम्मीदवार के जीत का अंतर फेसबुक का प्रयोग करने वालों से कम है अथवा जिन सीटों पर फेसबुक का प्रयोग करने वालों की संख्या कुल मतदाताओं की संख्या का 10 प्रतिशत है।
देश में लोकसभा सीटों के लिहाज़ से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में ऐसी सीटों की संख्या 14 है, जबकि कर्नाटक और तमिलनाडु में 12-12, आंध्र प्रदेश में 11 और केरल में 10 है। अध्ययन के अनुसार, मध्य प्रदेश में ऐसी सीटों की संख्या नौ रहेगी, जबकि दिल्ली के सातों लोकसभा क्षेत्रों में सोशल मीडिया का प्रभाव रहेगा। हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में ऐसी सीटों की संख्या पांच-पांच है, जबकि छत्तीसगढ़, बिहार, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड और पश्चिम बंगाल में ऐसी चार-चार सीटें हैं।
अध्ययन में 67 सीटों की 'अत्यधिक प्रभाव वाली', जबकि शेष सीटों की 'कम प्रभाव वाली' सीटों के रूप में पहचान की गई है।
अध्ययन में कहा गया है कि अगले आम चुनाव में लोकसभा की कुल 543 सीटों में से 160 अहम सीटों पर सोशल मीडिया का प्रभाव रहने की संभावना है, जिनमें महाराष्ट्र से सबसे अधिक प्रभाव वाली 21 सीटें और गुजरात से 17 सीटें शामिल है।
सबसे अधिक प्रभाव वाली (हाई इम्पैक्ट) सीट से आशय उन सीटों से है, जहां पिछले लोकसभा चुनाव में विजयी उम्मीदवार के जीत का अंतर फेसबुक का प्रयोग करने वालों से कम है अथवा जिन सीटों पर फेसबुक का प्रयोग करने वालों की संख्या कुल मतदाताओं की संख्या का 10 प्रतिशत है।
देश में लोकसभा सीटों के लिहाज़ से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में ऐसी सीटों की संख्या 14 है, जबकि कर्नाटक और तमिलनाडु में 12-12, आंध्र प्रदेश में 11 और केरल में 10 है। अध्ययन के अनुसार, मध्य प्रदेश में ऐसी सीटों की संख्या नौ रहेगी, जबकि दिल्ली के सातों लोकसभा क्षेत्रों में सोशल मीडिया का प्रभाव रहेगा। हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में ऐसी सीटों की संख्या पांच-पांच है, जबकि छत्तीसगढ़, बिहार, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड और पश्चिम बंगाल में ऐसी चार-चार सीटें हैं।
अध्ययन में 67 सीटों की 'अत्यधिक प्रभाव वाली', जबकि शेष सीटों की 'कम प्रभाव वाली' सीटों के रूप में पहचान की गई है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं