
Worlds Tiniest Pacemaker: नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने दुनिया का सबसे छोटा पेसमेकर विकसित किया है, जिसे सिरिंज की नोक के अंदर फिट किया जा सकता है और इसे बिना किसी आक्रामक तरीके से शरीर में इंजेक्ट किया जा सकता है. चौड़ाई में सिर्फ़ 1.8 मिलीमीटर, लंबाई में 3.5 मिलीमीटर और मोटाई में एक मिलीमीटर, यह छोटा सा डिवाइस चावल के दाने से भी छोटा है, लेकिन फिर भी यह एक पूर्ण आकार के पेसमेकर जैसा ही काम करता है.
यह डिवाइस सभी आकार के दिलों के साथ काम कर सकता है, लेकिन इसे विकसित करने वाले इंजीनियरों का कहना है कि यह जन्मजात हृदय दोष वाले नवजात शिशुओं के छोटे, नाजुक दिलों के लिए अधिक सूटेबल है.
बच्चों के लिए किया गया डिजाइन
डिवाइस के विकास का नेतृत्व करने वाले नॉर्थवेस्टर्न बायोइलेक्ट्रॉनिक्स के अग्रणी जॉन ए रोजर्स ने कहा, "हमने जो विकसित किया है, वह हमारे ज्ञान के अनुसार, दुनिया का सबसे छोटा पेसमेकर है."
"बाल चिकित्सा हृदय शल्यचिकित्सा के संदर्भ में टेंपरेरी पेसमेकर की बहुत ज़रूरत है, और यह एक ऐसा उपयोग मामला है जहां आकार का छोटा होना अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है. शरीर पर डिवाइस के भार के संदर्भ में - जितना छोटा, उतना बेहतर."
Check out some brand new biomedical tech – crazy cool, in my own, humble but admittedly biased opinion – introduced in our paper (link below), published today in @Nature, titled “Millimetre-scale, bioresorbable optoelectronic systems for electrotherapy,” where we describe the… pic.twitter.com/fqf9GZTsTY
— John A Rogers (@ProfJohnARogers) April 2, 2025
डिवाइस कैसे काम करता है?
वर्तमान में, अस्थायी पेसमेकर को हृदय की मांसपेशियों पर इलेक्ट्रोड सिलने के लिए सर्जरी की जरुरत होती है, जिसमें रोगी की छाती पर लगे पावर्ड डिवाइस से जुड़े तार होते हैं. जब डिवाइस की जरूरत नहीं होती है, तो डॉक्टर तारों को बाहर निकाल देते हैं, जिससे कभी-कभी नुकसान हो सकता है.
हालांकि, नया विकसित पेसमेकर वायरलेस है और इसे ज़रूरत न होने पर शरीर में घुलने के लिए डिज़ाइन किया गया है. बिजली की आपूर्ति के लिए नियर-फील्ड कम्यूनिकेशन का इस्तेमाल करने के बजाय, छोटा पेसमेकर एक गैल्वेनिक सेल की क्रिया के माध्यम से संचालित होता है, जो एक तरह की साधारण बैटरी है जो रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करती है.
जब आसपास के बायोफ्लुइड्स के संपर्क में आते हैं, तो इलेक्ट्रोड एक बैटरी बनाते हैं. परिणामी रासायनिक प्रतिक्रियाओं के कारण हृदय को उत्तेजित करने के लिए विद्युत प्रवाह प्रवाहित होता है.
पेसमेकर रोगी की छाती पर पहने जाने वाले एक नरम पैच से जुड़ा होता है. टीम ने प्रकाश की एक अवरक्त तरंग दैर्ध्य (infrared wavelength) का उपयोग किया जो शरीर में गहराई से और सुरक्षित रूप से प्रवेश करती है.
"अगर रोगी की हृदय गति एक निश्चित दर से कम हो जाती है, तो ये डिवाइस घटना का पता लगाता है और स्वचालित रूप से प्रकाश उत्सर्जक डायोड को सक्रिय करता है. फिर प्रकाश सामान्य हृदय गति के अनुरूप दर पर चमकता और बुझता है."
नए डिवाइस के पीछे रिसर्चर्स की अमेरिकी नेतृत्व वाली टीम ने कहा कि जन्मजात हृदय दोषों के साथ पैदा हुए बच्चों की मदद करने के उद्देश्य से इस डिवाइस को बनाया गया है.
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