प्रतीकात्मक फोटो
ग्वालियर:
विश्व के नंबर दो विकलांग बांह पहलवान (आर्म रेसलर) मनीष कुमार (36) केवल अपने दायें हाथ से भोपाल के बड़े तालाब में खाली जहाज को खींचकर एक विश्व रिकार्ड बनाना चाहते हैं।
प्रतियोगिता में जीत हासिल की
विश्व विकलांग दिवस के मौके पर मनीष ने गुरुवार को कहा, ‘मैं एक मध्यम साइज के पानी के जहाज को केवल अपने दायें हाथ से खींचने के लिए कठिन अभ्यास कर रहा हूं। जल्द भी भोपाल के बड़े तालाब में यह किया जाएगा। इस आयोजन की तारीख आदि शीघ्र ही निर्धारित की जाएगी।’ उन्होंने दावा किया कि मेरी जानकारी के मुताबिक अब तक दुनिया में किसी ने भी केवल दायें हाथ से मध्यम साइज के जहाज को नहीं खींचा है। उन्होंने कहा, ‘मैं जिम में मशीन पर अपने दायें हाथ से 150 किलो का वजन खींच सकता हूं।’ गत अक्तूबर, मलेशिया, कुआलाम्मपुर में हुई 37 वीं विश्व बांह पहलवान प्रतियोगिता में मनीष ने 75 किलो दायां विकलांग वर्ग में द्वितीय स्थान हासिल कर मध्यप्रदेश का गौरव बढ़ाया था।
कमर के नीचे का हिस्सा बेकाम
वह वर्ष 2006 और 2012 में क्रमशः इंग्लैंड और ब्राजील में हुई विश्व बांह पहलवान (आर्म रेसलर) प्रतियोगिता में शामिल हो चुके हैं। मनीष, जिनके कमर के नीचे का हिस्सा पोलियो के कारण काम नहीं करता है, वर्ष 2012 में राष्ट्रीय स्पर्धा में विकलांग और सामान्य दोनों श्रेणियों में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। वह मध्यप्रदेश के कुश्ती समुदाय के सबसे बड़े सम्मान मध्यप्रदेश केसरी से भी वर्ष 2014 में नवाजे जा चुके हैं।
अनेक खिताब और सम्मान हासिल किए
मनीष को वर्ष 2007 में मध्यप्रदेश के शिखर खेल सम्मान विक्रम अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है तथा वर्ष 2009 में उत्कृष्ठ खिलाड़ी का सम्मान हासिल हो चुके हैं। इसके बाद उन्हें प्रदेश के आबकारी विभाग की सेवा में नियुक्त किया गया। वह अब तक दो दर्जन से अधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार और खिलाब जीत चुके हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘अब मेरा सपना है कि दायें हाथ से जहाज खींचकर एक विश्व कीर्तिमान स्थापित करूं।’’ मनीष की इस जहाज खींचने की योजना की जानकारी मिलने के बाद कई कंपनियों से अपना ब्रांड एम्बेसडर बनने के लिए उनसे संपर्क किया है।
प्रतियोगिता में जीत हासिल की
विश्व विकलांग दिवस के मौके पर मनीष ने गुरुवार को कहा, ‘मैं एक मध्यम साइज के पानी के जहाज को केवल अपने दायें हाथ से खींचने के लिए कठिन अभ्यास कर रहा हूं। जल्द भी भोपाल के बड़े तालाब में यह किया जाएगा। इस आयोजन की तारीख आदि शीघ्र ही निर्धारित की जाएगी।’ उन्होंने दावा किया कि मेरी जानकारी के मुताबिक अब तक दुनिया में किसी ने भी केवल दायें हाथ से मध्यम साइज के जहाज को नहीं खींचा है। उन्होंने कहा, ‘मैं जिम में मशीन पर अपने दायें हाथ से 150 किलो का वजन खींच सकता हूं।’ गत अक्तूबर, मलेशिया, कुआलाम्मपुर में हुई 37 वीं विश्व बांह पहलवान प्रतियोगिता में मनीष ने 75 किलो दायां विकलांग वर्ग में द्वितीय स्थान हासिल कर मध्यप्रदेश का गौरव बढ़ाया था।
कमर के नीचे का हिस्सा बेकाम
वह वर्ष 2006 और 2012 में क्रमशः इंग्लैंड और ब्राजील में हुई विश्व बांह पहलवान (आर्म रेसलर) प्रतियोगिता में शामिल हो चुके हैं। मनीष, जिनके कमर के नीचे का हिस्सा पोलियो के कारण काम नहीं करता है, वर्ष 2012 में राष्ट्रीय स्पर्धा में विकलांग और सामान्य दोनों श्रेणियों में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। वह मध्यप्रदेश के कुश्ती समुदाय के सबसे बड़े सम्मान मध्यप्रदेश केसरी से भी वर्ष 2014 में नवाजे जा चुके हैं।
अनेक खिताब और सम्मान हासिल किए
मनीष को वर्ष 2007 में मध्यप्रदेश के शिखर खेल सम्मान विक्रम अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है तथा वर्ष 2009 में उत्कृष्ठ खिलाड़ी का सम्मान हासिल हो चुके हैं। इसके बाद उन्हें प्रदेश के आबकारी विभाग की सेवा में नियुक्त किया गया। वह अब तक दो दर्जन से अधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार और खिलाब जीत चुके हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘अब मेरा सपना है कि दायें हाथ से जहाज खींचकर एक विश्व कीर्तिमान स्थापित करूं।’’ मनीष की इस जहाज खींचने की योजना की जानकारी मिलने के बाद कई कंपनियों से अपना ब्रांड एम्बेसडर बनने के लिए उनसे संपर्क किया है।
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