वाशिंगटन:
नासा के वैज्ञानिकों द्वारा खोजा गया एक दुर्लभ धूमकेतु इस सप्ताह पहली बार दूरबीन की मदद से देखा जा सकेगा. इसके बाद यह हजारों वर्षों के परिक्रमण काल वाली कक्षा में सौरमंडल के बाहरी क्षेत्र में चला जाएगा.
अमेरिका स्थित जेट प्रपल्शन लैबोरेटरी में नासा के सेंटर फॉर नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज के प्रबंधक पॉल चोडास ने कहा कि धूमकेतु सी:2016 यू1 नियोवाइज़ के ‘अच्छी दूरबीन से दिख जाने की अच्छी संभावना है, हालांकि हम पूरी तरह आश्वस्त नहीं हो सकते क्योंकि एक धूमकेतु की चमक अप्रत्याशित है. यह धूमकेतु सुबह से कुछ ही देर दक्षिणपूर्वी आकाश में होगा.
यह प्रतिदिन दक्षिण की ओर जा रहा है और 14 जनवरी को यह सूर्य के सबसे करीबी बिंदु पर यानी बुध की कक्षा के अंदर पहुंचेगा. इसके बाद यह सौर मंडल के बाहरी क्षेत्र के लिए रवाना हो जाएगा. बाहरी क्षेत्र की कक्षा का परिक्रमणकाल कई हजार साल का है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अमेरिका स्थित जेट प्रपल्शन लैबोरेटरी में नासा के सेंटर फॉर नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज के प्रबंधक पॉल चोडास ने कहा कि धूमकेतु सी:2016 यू1 नियोवाइज़ के ‘अच्छी दूरबीन से दिख जाने की अच्छी संभावना है, हालांकि हम पूरी तरह आश्वस्त नहीं हो सकते क्योंकि एक धूमकेतु की चमक अप्रत्याशित है. यह धूमकेतु सुबह से कुछ ही देर दक्षिणपूर्वी आकाश में होगा.
यह प्रतिदिन दक्षिण की ओर जा रहा है और 14 जनवरी को यह सूर्य के सबसे करीबी बिंदु पर यानी बुध की कक्षा के अंदर पहुंचेगा. इसके बाद यह सौर मंडल के बाहरी क्षेत्र के लिए रवाना हो जाएगा. बाहरी क्षेत्र की कक्षा का परिक्रमणकाल कई हजार साल का है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)