नई दिल्ली:
अपनी विदेश यात्राओं पर हुए खर्च से उत्पन्न विवाद के बावजूद तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा अपने कार्यकाल के खत्म होने के ठीक पहले की गई अपनी अंतिम विदेश यात्रा पर करीब 18.08 करोड़ रुपये खर्च आया। यह आधिकारिक जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मिली है।
एयर इंडिया ने आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में बताया कि प्रतिभा पाटिल की 29 अप्रैल से 8 मई तक की दक्षिण अफ्रीका और सेशेल्स की यात्रा के दौरान विमानन कंपनी के बोइंग 747-400 जंबो विमान पर ही 16.38 करोड़ रुपये का खर्च आया।
इसके अतिरिक्त दक्षिण अफ्रीका की राजधानी प्रिटोरिया में 1.46 करोड़ रुपये का खर्च आया। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर रुकने पर 71.82 लाख रुपये, 52.33 लाख रपये यातायात पर और 22.12 लाख रुपये अन्य मदों में खर्च किए गए।
डरबन में 23.55 लाख रुपये खर्च किए गए। अकेल होटल में रूकने का खर्च 18 लाख रुपये आया और यातायात पर 5.27 लाख रुपये खर्च हुए।
प्रतिभा के रुकने और अन्य खर्चे के बारे में विवरण प्रिटोरिया और डरबन में भारतीय मिशनों ने आरटीआई के तहत मुहैया कराया।
इससे पहले उस समय विवाद शुरू हो गया था जब पिछले साल यह खुलासा हुआ कि प्रतिभा पाटिल के पांच साल के कार्यकाल के दौरान 22 देशों की उनकी 12 विदेश यात्राओं पर 205 करोड़ रपये खर्च आए। इसमें दक्षिण अफ्रीका और सेसेल्स की यात्रा का खर्च शामिल नहीं था।
राष्ट्रपति भवन ने बचाव करते हुए कहा था कि द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए यात्राएं आवश्यक थीं। ये यात्राएं प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय की अनुशंसा और उचित समीक्षा के बाद की गई थीं।
एयर इंडिया ने आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में बताया कि प्रतिभा पाटिल की 29 अप्रैल से 8 मई तक की दक्षिण अफ्रीका और सेशेल्स की यात्रा के दौरान विमानन कंपनी के बोइंग 747-400 जंबो विमान पर ही 16.38 करोड़ रुपये का खर्च आया।
इसके अतिरिक्त दक्षिण अफ्रीका की राजधानी प्रिटोरिया में 1.46 करोड़ रुपये का खर्च आया। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर रुकने पर 71.82 लाख रुपये, 52.33 लाख रपये यातायात पर और 22.12 लाख रुपये अन्य मदों में खर्च किए गए।
डरबन में 23.55 लाख रुपये खर्च किए गए। अकेल होटल में रूकने का खर्च 18 लाख रुपये आया और यातायात पर 5.27 लाख रुपये खर्च हुए।
प्रतिभा के रुकने और अन्य खर्चे के बारे में विवरण प्रिटोरिया और डरबन में भारतीय मिशनों ने आरटीआई के तहत मुहैया कराया।
इससे पहले उस समय विवाद शुरू हो गया था जब पिछले साल यह खुलासा हुआ कि प्रतिभा पाटिल के पांच साल के कार्यकाल के दौरान 22 देशों की उनकी 12 विदेश यात्राओं पर 205 करोड़ रपये खर्च आए। इसमें दक्षिण अफ्रीका और सेसेल्स की यात्रा का खर्च शामिल नहीं था।
राष्ट्रपति भवन ने बचाव करते हुए कहा था कि द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए यात्राएं आवश्यक थीं। ये यात्राएं प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय की अनुशंसा और उचित समीक्षा के बाद की गई थीं।
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