
कोलकाता:
युवा सांसद के रूप में प्रणब मुखर्जी ने अपनी बहन से कहा था कि वह अगले जन्म में राष्ट्रपति भवन में कुलीन प्रजाति के घोड़े के रूप में जन्म लेना चाहते हैं तो बहन ने तभी कहा था, "राष्ट्रपति का घोड़ा क्यों बनोगे, तुम इसी जीवन में राष्ट्रपति बनोगे।"
मुखर्जी (76) से 10 साल बड़ी उनकी बहन अन्नपूर्णा देवी ने बीते समय को याद करते हुए कहा कि मुखर्जी पहली बार सांसद बने थे। भाई-बहन नई दिल्ली में मुखर्जी के आधिकारिक आवास के बरामदे में चाय की चुस्कियों के बीच बातचीत कर रहे थे, जब अन्नपूर्णा ने भाई के राष्ट्रपति बनने के बारे में भविष्यवाणी की थी।
अन्नपूर्णा ने कहा, "मुखर्जी के आवास से राष्ट्रपति भवन दूर नहीं था और बरामदे से हम घोड़ों को ले जाने वाले रास्ते को देख सकते थे। हम घोड़ों की देखभाल करने वालों और उन्हें खिलाने-पिलाने वालों को देख सकते थे।"
अन्नपूर्णा ने कहा, "मुखर्जी ने कहा था कि जब मैं मरूंगा तो राष्ट्रपति का घोड़ा बन जाऊंगा। इसके बाद मैंने कहा, राष्ट्रपति का घोड़ा क्यों बनोगे, तुम इसी जीवन में राष्ट्रपति बनोगे।"
वह खुश हैं कि उनकी भविष्यवाणी सही साबित हुई, लेकिन वह इस बात से दुखी भी हैं कि नई दिल्ली में होने वाले मुखर्जी के शपथ-ग्रहण समारोह में वह नहीं जा पाएंगी, क्योंकि अधिक उम्र की वजह से उन्हें जाने-आने में परेशानी होती है। उन्होंने कहा, "बचपन में मुखर्जी बहुत नटखट था। वह मुझसे रुकने के लिए कहता और मुझे उसके लिए खड़ा होना पड़ता.. यदि मैं आगे बढ़ जाती तो वह मेरे बाल खींचकर मुझसे कहता, 'क्या मैंने तुम्हें रुकने के लिए नहीं कहा था'?"
शपथ-ग्रहण समारोह में नहीं शरीक हो पाने पर दुख जताते हुए उन्होंने कहा, "मैं उसे राष्ट्रपति पद की शपथ लेते हुए अपनी आंखों से नहीं देख पाऊंगी, इससे मैं थोड़ी दुखी हूं।"
मुखर्जी (76) से 10 साल बड़ी उनकी बहन अन्नपूर्णा देवी ने बीते समय को याद करते हुए कहा कि मुखर्जी पहली बार सांसद बने थे। भाई-बहन नई दिल्ली में मुखर्जी के आधिकारिक आवास के बरामदे में चाय की चुस्कियों के बीच बातचीत कर रहे थे, जब अन्नपूर्णा ने भाई के राष्ट्रपति बनने के बारे में भविष्यवाणी की थी।
अन्नपूर्णा ने कहा, "मुखर्जी के आवास से राष्ट्रपति भवन दूर नहीं था और बरामदे से हम घोड़ों को ले जाने वाले रास्ते को देख सकते थे। हम घोड़ों की देखभाल करने वालों और उन्हें खिलाने-पिलाने वालों को देख सकते थे।"
अन्नपूर्णा ने कहा, "मुखर्जी ने कहा था कि जब मैं मरूंगा तो राष्ट्रपति का घोड़ा बन जाऊंगा। इसके बाद मैंने कहा, राष्ट्रपति का घोड़ा क्यों बनोगे, तुम इसी जीवन में राष्ट्रपति बनोगे।"
वह खुश हैं कि उनकी भविष्यवाणी सही साबित हुई, लेकिन वह इस बात से दुखी भी हैं कि नई दिल्ली में होने वाले मुखर्जी के शपथ-ग्रहण समारोह में वह नहीं जा पाएंगी, क्योंकि अधिक उम्र की वजह से उन्हें जाने-आने में परेशानी होती है। उन्होंने कहा, "बचपन में मुखर्जी बहुत नटखट था। वह मुझसे रुकने के लिए कहता और मुझे उसके लिए खड़ा होना पड़ता.. यदि मैं आगे बढ़ जाती तो वह मेरे बाल खींचकर मुझसे कहता, 'क्या मैंने तुम्हें रुकने के लिए नहीं कहा था'?"
शपथ-ग्रहण समारोह में नहीं शरीक हो पाने पर दुख जताते हुए उन्होंने कहा, "मैं उसे राष्ट्रपति पद की शपथ लेते हुए अपनी आंखों से नहीं देख पाऊंगी, इससे मैं थोड़ी दुखी हूं।"
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