बच्चे को दूध पिलाती हुईं पुलिस अफसर हाओ लीना
नई दिल्ली:
हिंसक घटनाओं, बढ़ते वैमनस्य, भेद-भाव और द्वेष की बदौलत आए दिन इंसानियत के ऊपर से हमारा विश्वास उठने लगता है. हमें लगता है कि दुनिया इतनी मतलबी और फरेबी हो गई है कि लोगों को अपने सिवाय किसी और से कोई मतलब नहीं. लेकिन फिर हमें कुछ ऐसी तस्वीरें दिखती हैं जिन्हें देखकर हमें फिर से इंसानियत पर भरोसा करने का मन करता है. हम फिर से यह मानने लगते हैं कि दुनिया इतनी भी खराब नहीं और यह अब भी रहने लायक है. ऐसा ही एक मामला चीन में सामने आया जहां, एक पुलिस अफसर ने कोर्ट में आरोपी महिला की पेशी के दौरान न केवल उसके रोते बच्चे को चुप कराया बल्कि दस कदम आगे बढ़ते हुए उसे ब्रेस्टफीड भी किया.
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घटना मध्य चीन के शांझी जिन्जहॉन्ग इंटरमीडिएट पीपुल्स कोर्ट की है. बच्चे की मां पर 33 लोगों के साथ धोखाधड़ी करके पैसे वसूलने का आरोप था. ट्रायल के लिए जाने से पहले वह अपने बच्चे को महिला पुलिस अफसर हाओ लीना की निगरानी में सौंप गई थी. मां के जाने के बाद बच्चा लगातार रोए जा रहा था. उसे भूख लगी थी लेकिन दूध पिलाने के लिए उसकी मां वहां मौजूद नहीं थी. हाओ लीना के मुताबिक, 'बच्चा चुप ही नहीं हो रहा था. उसके इस तरह रोने से हम परेशान हो रहे थे. मैं महसूस कर पा रही थी कि बच्चे की मां कितनी परेशान होगी. मैं सबकुछ करना चाहती थी जिससे कि बच्चे को आराम मिल सके.'
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बच्चे को चुप कराने के लिए हाओ ने पहले बच्चे की मां से मंजूरी ली और फिर उसे अपना दूध पिलाया. हाओ के एक सहकर्मी ने उस बेहद भावुक पल की तस्वीर कैमरे में कैद कर ली. यह तस्वीर बाद में वायरल भी हो गई. बच्चे को इस तरह दूध पिलाता देख उसकी मां इतनी भावुक हो गई कि वो अपने आंसू ही नहीं रोक पा रही थी. हालांकि हाओ इन तारीफों से ज्यादा प्रभावित नहीं हैं. उनका कहना है, 'मेरा मानना है कि हर पुलिस अफसर को ऐसा करना चाहिए. अगर मैं मां होती तो मैं भी यही उम्मीद करती कि कोई मेरे बच्चे की मदद करता.'
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घटना मध्य चीन के शांझी जिन्जहॉन्ग इंटरमीडिएट पीपुल्स कोर्ट की है. बच्चे की मां पर 33 लोगों के साथ धोखाधड़ी करके पैसे वसूलने का आरोप था. ट्रायल के लिए जाने से पहले वह अपने बच्चे को महिला पुलिस अफसर हाओ लीना की निगरानी में सौंप गई थी. मां के जाने के बाद बच्चा लगातार रोए जा रहा था. उसे भूख लगी थी लेकिन दूध पिलाने के लिए उसकी मां वहां मौजूद नहीं थी. हाओ लीना के मुताबिक, 'बच्चा चुप ही नहीं हो रहा था. उसके इस तरह रोने से हम परेशान हो रहे थे. मैं महसूस कर पा रही थी कि बच्चे की मां कितनी परेशान होगी. मैं सबकुछ करना चाहती थी जिससे कि बच्चे को आराम मिल सके.'
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