कोलकाता:
नौकरी के लिए एक साल से ज्यादा समय तक संघर्ष करने वाली पार्क स्ट्रीट दुष्कर्म पीड़िता अब एक हेल्पलाइन के जरिये अपनी जैसी पीड़िता को सशक्त बना रही हैं।
पीड़िता ने कहा, अपनी जैसी दुष्कर्म पीड़िताओं को मजबूत करने के लिए इस मिशन पर हूं। इस नौकरी के साथ मैं एक नई यात्रा शुरू कर रही हूं। वह कहती हैं कि यह काम उनके जख्मों पर मरहम लगाने का काम करेगा। पिछले साल हुई इस घटना के बाद पूरी तरह से टूट चुकी 37 वर्षीय इस सिंगल मदर एंग्लो इंडियन के लिए बिना नौकरी के अपने दो बच्चों का लालन पालन बड़ा मुश्किल हो रहा था।
सामाजिक कार्यकर्ता शांताश्री चौधरी ने कहा, मुझे उनका पता चला और देखा कि पूरा परिवार वित्तीय और मानसिक रूप से टूट चुका है। इसलिए मैंने हेल्पलाइन में उन्हें नौकरी की पेशकश की। उनके द्वारा शुरू हेल्पलाइन ‘सर्वाइवर्स फोर विक्ट्मिस ऑफ सोशल इनजस्टिस’ परेशानियों का सामना कर रही, खासकर यौन और घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं की मदद करता है।
दुष्कर्म पीड़िता ने कहा, नौकरी के साथ मेरे जीवन की सबसे बड़ी बाधा खत्म हो चुकी है। अपने अनुभवों को देखते हुए मैं शारीरिक अथवा यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं का दर्द आसानी से समझ सकती हूं।
पीड़िता ने कहा, अपनी जैसी दुष्कर्म पीड़िताओं को मजबूत करने के लिए इस मिशन पर हूं। इस नौकरी के साथ मैं एक नई यात्रा शुरू कर रही हूं। वह कहती हैं कि यह काम उनके जख्मों पर मरहम लगाने का काम करेगा। पिछले साल हुई इस घटना के बाद पूरी तरह से टूट चुकी 37 वर्षीय इस सिंगल मदर एंग्लो इंडियन के लिए बिना नौकरी के अपने दो बच्चों का लालन पालन बड़ा मुश्किल हो रहा था।
सामाजिक कार्यकर्ता शांताश्री चौधरी ने कहा, मुझे उनका पता चला और देखा कि पूरा परिवार वित्तीय और मानसिक रूप से टूट चुका है। इसलिए मैंने हेल्पलाइन में उन्हें नौकरी की पेशकश की। उनके द्वारा शुरू हेल्पलाइन ‘सर्वाइवर्स फोर विक्ट्मिस ऑफ सोशल इनजस्टिस’ परेशानियों का सामना कर रही, खासकर यौन और घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं की मदद करता है।
दुष्कर्म पीड़िता ने कहा, नौकरी के साथ मेरे जीवन की सबसे बड़ी बाधा खत्म हो चुकी है। अपने अनुभवों को देखते हुए मैं शारीरिक अथवा यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं का दर्द आसानी से समझ सकती हूं।
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