जेद्दा:
सऊदी अरब में गुरुवार से सिर्फ महिलाएं ही अंडर गारमेंट्स बेच सकेंगी। इस तरह इस अति-रुढ़िवादी मुस्लिम समाज की दशकों पुरानी अटपटी व्यवस्था खत्म हो जाएगी।
सऊदी अरब में दुकान चलाने वाली समर मोहम्मद ने कहा, ‘मुझे और मेरी तरह की अनेक महिलाओं को कई बार अंडरवियर की दुकानों में जाने में शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है, क्योंकि ये कपड़े पुरुष बेचते थे।’ उन्होंने कहा कि पहले वह अक्सर गलत किस्म के अंत:वस्त्र खरीद लाती थी, क्योंकि किसी पुरुष को यह बताना मुश्किल होता था कि उन्हें क्या चाहिए।
पिछले साल जून में सऊदी अरब के राजा अब्दुल्ला द्वारा जारी आदेश के मुताबिक अंत:वस्त्र बेचने वाले सभी दुकानदारों को छह महीने का वक्त दिया गया कि वे पुरुष की बजाय महिला कर्मचारियों को काम पर रखें। हालांकि उलेमाओं ने इस आदेश का विरोध किया था।
सौंदर्य प्रसाधन की दुकानों में भी पुरुष कर्मचारियों पर प्रतिबंध होगा, जो जुलाई से लागू होगा। सऊदी अरब के श्रम मंत्रालय द्वारा महिलाओं को अंत:वस्त्र की दुकानों में काम करने को मंजूरी देने के मूल प्रस्ताव का उलेमाओं ने विरोध किया था। उन्होंने महिलाओं के ऐसे काम करने के खिलाफ फतवा जारी किया था। इधर महिलाओं ने उलेमाओं का विरोध फेसबुक पर ‘इनफ एंबेरेसमेंट’ (बहुत हुई शर्मिंदगी) अभियान के जरिए किया। इस सप्ताह इस अभियान की प्रतिभागियों ने अपने फेसबुक के पेज पर लिखा ‘शर्मिंदगी खत्म हुई।’
सऊदी अरब में दुकान चलाने वाली समर मोहम्मद ने कहा, ‘मुझे और मेरी तरह की अनेक महिलाओं को कई बार अंडरवियर की दुकानों में जाने में शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है, क्योंकि ये कपड़े पुरुष बेचते थे।’ उन्होंने कहा कि पहले वह अक्सर गलत किस्म के अंत:वस्त्र खरीद लाती थी, क्योंकि किसी पुरुष को यह बताना मुश्किल होता था कि उन्हें क्या चाहिए।
पिछले साल जून में सऊदी अरब के राजा अब्दुल्ला द्वारा जारी आदेश के मुताबिक अंत:वस्त्र बेचने वाले सभी दुकानदारों को छह महीने का वक्त दिया गया कि वे पुरुष की बजाय महिला कर्मचारियों को काम पर रखें। हालांकि उलेमाओं ने इस आदेश का विरोध किया था।
सौंदर्य प्रसाधन की दुकानों में भी पुरुष कर्मचारियों पर प्रतिबंध होगा, जो जुलाई से लागू होगा। सऊदी अरब के श्रम मंत्रालय द्वारा महिलाओं को अंत:वस्त्र की दुकानों में काम करने को मंजूरी देने के मूल प्रस्ताव का उलेमाओं ने विरोध किया था। उन्होंने महिलाओं के ऐसे काम करने के खिलाफ फतवा जारी किया था। इधर महिलाओं ने उलेमाओं का विरोध फेसबुक पर ‘इनफ एंबेरेसमेंट’ (बहुत हुई शर्मिंदगी) अभियान के जरिए किया। इस सप्ताह इस अभियान की प्रतिभागियों ने अपने फेसबुक के पेज पर लिखा ‘शर्मिंदगी खत्म हुई।’
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