यह ख़बर 31 मार्च, 2013 को प्रकाशित हुई थी

कभी भारतीय मूल की महिला को दिल दे बैठे थे मंडेला : पुस्तक

खास बातें

  • नस्लभेद विरोधी आंदोलन के नायक और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला कभी भारतीय मूल की एक महिला को दिल दे बैठे थे और उसे अपनी जीवन संगिनी बनाना चाहते थे, लेकिन महिला ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
जोहानिसबर्ग:

नस्लभेद विरोधी आंदोलन के नायक और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला कभी भारतीय मूल की एक महिला को दिल दे बैठे थे और उसे अपनी जीवन संगिनी बनाना चाहते थे, लेकिन महिला ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया।

इस महिला का नाम आमिना कसालिया है, हालांकि अब वह इस दुनिया में नहीं हैं। आमिना की जीवनी 'वेन वी होप एंड हिस्ट्री राइम' में कहा गया है कि 27 साल तक कारागार में रहने के बाद बाहर आए मंडेला ने उनके समक्ष शादी का प्रस्ताव रखा, हालांकि उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया।

अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस (एएनसी) के दिग्गज कार्यकर्ता यूसुफ कसालिया की विधवा आमिना का पिछले महीने 83 साल की उम्र में निधन हो गया। आमिना के बच्चों गालिब और कोको कसालिया ने भी इसकी पुष्टि की है कि उनकी मां ने उन्हें मंडेला के इस प्रस्ताव के बारे में बताया था।

फिलहाल 94 साल के मंडेला फेफड़े में संक्रमण के कारण प्रिटोरिया के एक अस्पताल में भर्ती हैं। उन्हें 1994 में दक्षिण अफ्रीका का पहला अश्वेत राष्ट्रपति चुना गया था। आमिना और यूसुफ कई सालों तक भारत में रहे। भारत में इन लोगों ने निर्वासन के समय की एएनसी की शाखा की कमान संभाली।

अपनी पुस्तक में आमिना ने इस बारे में बताया है कि मंडेला किस तरह से अकेले उनके अपार्टमेंट में आया करते थे और वह उनके कार्यालय एवं आवास जाया करती थीं। उन्होंने लिखा है, वह (मंडेला) मेरे सामने सोफे पर बैठे और मुझे चूमने लगे। उन्होंने अपनी अंगुलियों से मेरे बालों को सहलाते हुए बोला कि क्या तुम नहीं जानती कि तुम कितनी बला की खूबसूरत, जिंदादिल और मनमोहक नौजवान महिला हो? मैंने बड़े सहज भाव से जवाब दिया कि मैं नौजवान महिला नहीं हूं, मैं एक अधेड़ उम्र की महिला हूं।

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वह कहती हैं, मंडेला ने कहा, ठीक है फिर से शुरुआत करो। इसके बाद उन्होंने मुझे कई उपमाएं दीं। आमिना ने उस शाम का भी जिक्र किया है, जब मंडेला जोहानिसबर्ग स्थित उनके अवास पर पहुंचे थे। उन्होंने मंडेला के लिए क्रेफिश का पकवान बनाया था, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति ने नहीं खाया। शायद मंडेला उनसे नाराज थे।