विज्ञापन
This Article is From Sep 10, 2013

हिंसा के बावजूद अस्पताल से गांव जाना चाहते हैं लोग

हिंसा के बावजूद अस्पताल से गांव जाना चाहते हैं लोग
मुजफ्फरनगर में हिंसा
मुजफ्फरनगर हिंसा के बाद सिर पर जख्म का दर्द झेल रहीं 70 वर्षीय अख्तरी खातून यूसुफ से जब भी कोई मिलता है तो उनके चेहरे पर दंगों का डर साफ नजर आ जाता है।
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर हिंसा के बाद सिर पर जख्म का दर्द झेल रहीं 70 वर्षीय अख्तरी खातून यूसुफ से जब भी कोई मिलता है तो उनके चेहरे पर दंगों का डर साफ नजर आ जाता है।

शामली के लाक गांव में भीड़ ने सोमवार को अख्तरी पर हमला कर दिया था और उन्हें इलाज के लिए मुजफ्फरनगर जिला अस्पताल लाया गया। वह मुश्किल से ही उठ और बोल पा रही हैं, लेकिन अपने गांव वापस जाने पर जोर दे रही हैं।

हैरानी की बात है कि ऐसे माहौल में भी अख्तरी को जिला अस्पताल से ज्यादा सुरक्षित अपना गांव नजर आता है, जिसके चारों ओर पुलिस और सेना के जवान तैनात हैं।

अख्तरी के साथ मौजूद शमसुद्दीन शकूरन ने कहा, कुछ तो इंतजाम करा दो वापस जाने का। उन्होंने कहा, गांव में बहुत लोग चले गए (मारे गए)। शमसुद्दीन के मुताबिक, हिंसा में कम से कम 10 से 11 लोग मारे जा चुके हैं।

इसी तरह का वाकया शामली के एक और गांव लक बावडी की खरन्निसा आस मोहम्मद के साथ हुआ और वह भी अपने गांव वापस जाना चाहती हैं। वह हिंसा में अपने तीन रिश्तेदारों को खो चुकी हैं।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
मुजफ्फरनगर हिंसा, मुजफ्फरनगर, Muzaffarnagar Violence, Muzaffarnagar
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com