यह ख़बर 01 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

मोहाली में 48 घंटे में 10 मंजिला इमारत तैयार, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम

खास बातें

  • तीन क्रेन और तकनीशियनों समेत 200 से अधिक मजदूर इस भवन को 48 घंटे के रिकॉर्ड समय में बनाने के लिए रात-दिन जुटे रहे। लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने निर्माण कंपनी सीनर्जी थ्रिसलिंगटन को इसके लिए प्रमाणपत्र दिया है।
मोहाली:

48 घंटे में 10 मंजिला भवन खड़ाकर यहां एक कारोबारी ने शनिवार को एक अनोखा कारनामा कर दिखाया।

पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने दो दिन पहले ही इस भवन का शिलान्यास किया था और शनिवार को लाल और भूरे रंग का 10 मंजिला भवन 'इंस्टाकॉम' मोहाली के एक औद्योगिक खंड पर खड़ा है।

भवन निर्माण गुरुवार को 4.30 बजे शाम में शुरू हुआ। शुक्रवार शाम तक सात मंजिल तैयार थे।

48 घंटे की समय सीमा पूरा होने तक पूरा भवन तैयार था हालांकि इंजीनियर खिड़कियों में सीसे लगाने तथा अन्य आंतरिक सज्जा का काम कर रहे थे।

सामग्री का निर्माण एक नजदीकी कारखाने में दो महीने से हो रहा था। भवन निर्माण में 200 टन से अधिक इस्पात लग रहा है। भवन निर्माण में पहले से तैयार संरचना वाली सामग्रियों का इस्तेमाल किया गया।

सिनर्जी थ्रिसलिंगटन आधारभूत संरचना कम्पनी के एक अधिकारी ने निर्माणस्थल पर कहा, "हमारी कोशिश 48 घंटे में 10 मंजिला भवन खड़ा करने की थी। हम यह साबित करना चाहते थे कि यह हो सकता है। यह लक्ष्य 48 घंटे के भीतर हासिल हो गया। कुछ आखिरी फिनिशिंग के काम रह गए हैं। यह सिर्फ एक नमूना संरचना है।"

1,000 करोड़ रुपये की आधारभूत संरचना कम्पनी के प्रमुख उद्यमी हरपाल सिंह ने दावा किया था कि 48 घंटे में 10 मंजिला भवन तैयार हो जाएगा।

चण्डीगढ़ के जेडब्ल्यू मेरियट होटल के मालिक हरपाल सिंह ने यहां कहा था, "यह 48 घंटे में तैयार होने वाला देश में अपनी तरह का पहला भवन होगा। भवन के नक्शे को भूकम्प के जोन पांच क्षेत्र के लिए मंजूर किया गया है, जो सबसे खतरनाक क्षेत्र माना जाता है।"

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गुरुवार को सिर्फ छह घंटे में तीन मंजिल तैयार हो चुकी थी। निर्माण कार्य में 200 से अधिक कुशल श्रमिक लगे। भवन में हालांकि ईंट और रेत का इस्तेमाल नहीं हुआ है।