भारत के घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में मेट्रो ट्रेनें परिवहन का एक प्रमुख हिस्सा हैं. कोलकाता, दिल्ली, बेंगलुरु, अहमदाबाद और लखनऊ जैसे शहरों में यात्री दैनिक आधार पर मेट्रो की सवारी का आनंद लेते हैं. भारत में मेट्रो रेल अपनी समय की पाबंदी के अलावा साफ-सफाई के लिए भी जानी जाती है. लेकिन कई निर्देशों और निगरानी के बावजूद ऐसे लोग हैं जो बुनियादी ढांचे को खराब करने से नहीं कतरा रहे हैं. उसी पर प्रकाश डालते हुए, एक एक्स यूजर ने हाल ही में मेट्रो में 'गुटखा' के दाग की एक तस्वीर साझा की.
एक्स यूजर गर्गा चटर्जी ने मंगलवार को माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर मेट्रो में 'गुटखा' के दाग का एक स्नैपशॉट साझा किया. छवि में मेट्रो के पूरे दरवाजे पर लाल धब्बे दिखाई दे रहे थे, साथ ही जमीन पर कुछ कूड़ा भी पड़ा हुआ था. यूजर ने पोस्ट को कैप्शन दिया, "मेट्रो का गुटखाफिकेशन. इस अपराधी की उत्पत्ति की स्थिति का अनुमान लगाएं." एक्स यूजर ने स्थान का खुलासा नहीं किया.
Gutkhafication of Metro.
— Garga Chatterjee (@GargaC) April 9, 2024
Guess the state of origin of this criminal. pic.twitter.com/ZwOZdQBqLt
पोस्ट को कुछ दिन पहले साझा किया गया था और तब से इसे 536,000 से अधिक बार देखा जा चुका है. कमेंट सेक्शन में कई यूजर्स ने गुस्सा और निराशा ज़ाहिर की और अधिकारियों से गुटका कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान किया. एक यूजर ने कमेंट किया, "सरकार को इस अपराध के लिए गुटखा कंपनियों पर जुर्माना लगाना शुरू करना चाहिए! असल में जिम्मेदारी और नागरिक भावना वहीं से शुरू होती है."
दूसरे ने कहा, "पश्चिम बंगाल, बिहार, यूपी, एमपी, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान में से कोई भी हो सकता है, कोई भी राज्य गुटखा मुक्त नहीं है, इसलिए सही कार्रवाई करने के बजाय इस पर पहचान की राजनीति करना बंद करें. सीसीटीवी फुटेज होना चाहिए, दोषी पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जा सकता.''
तीसरे यूजर ने लिखा, "कुछ दिन पहले, एक शख्स को बिना किसी हिचकिचाहट के सीएसएमटी स्टेशन के अंदर फर्श पर थूकते हुए देखा... उससे पूछा कि क्या वह स्टेशन के फर्श को खुला गटर मानता है... सफाई मार्शलों को ऐसे लोगों पर 1000 या 2000 का जुर्माना लगाना चाहिए, ताकि उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़े.''
एक अन्य ने कहा, "जब तक दोषियों की तस्वीरों को सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा नहीं किया जाता, यह जारी रहेगा. हम केवल कठोर व्यवहार को समझते हैं." एक यूजर ने सुझाव दिया, "उस शख्स को ढूंढें और उसे दोबारा किसी भी मेट्रो का उपयोग करने से प्रतिबंधित करें."
चौथे ने कमेंट किया, "एक बार मैं केरल सरकार की बस में यात्रा कर रहा था. वहां 3-4 उत्तरवासी गुटखा चबा रहे थे. कंडक्टर और कुछ यात्रियों ने उन्हें बस से उतरने के लिए कहा, अन्यथा अगर उन्होंने बस चलने के दौरान इसे थूक दिया तो उन्हें 500 रुपये का भुगतान करना होगा. एक यूजर ने साझा किया, ''गरीब लोग गुटखा खाकर बस में 30 मिनट से अधिक समय तक बैठे रहे.''
ये Video भी देखें: रेलवे स्टेशन पर नींद में यात्रियों की जेब काट रहे चोर
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं