
बिहार के मधुबनी रेलवे स्टेशन पर पेंटिंग बनाते हुए कलाकार.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
140 कलाकारों ने मिलकर बनाई पेंटिंग
सात हजार दो सौ वर्गफीट पर बनाए गए चित्र
कलाकारों ने कोई मेहनताना नहीं लिया
मधुबनी चित्रकला के दर्जनों कलाकारों ने दिन-रात एक करके इस चित्रकारी को अंजाम दिया है. पूरे मधुबनी रेलवे स्टेशन पर इन चित्रकारों ने अपना जौहर दिखाया है. इनमें महिला चित्रकार भी शामिल हैं और पुरुष भी. मकसद मधुबनी रेलवे स्टेशन की साज सज्जा तो है ही, वर्ल्ड रिकार्ड के ज़रिए मधुबनी चित्रकला को एक नई ख्याति दिलाना भी है.
यह भी पढ़ें : देश-दुनिया में बसे मैथिल लोगों को बुला रहा है मिथिलांचल, आइए 'सौराठ सभा' में भाग लें
चित्रकारी के इस काम में कलाकारों की मदद की है रेलवे ने. रंग और कूची रेलवे की तरफ से ही दी गई. अपने जिले के नाम की खातिर कलाकारों ने भी कोई मेहनताना नहीं लिया. सात हजार दो सौ वर्गफीट पर चित्रकारी का काम पूरा हो चुका है.
कलाकार अनुपम कुमारी कहती हैं कि कभी ऐसा मौका नहीं मिला कि सभी कलाकार मिलकर एक साथ काम करें. इससे मधुबनी स्टेशन का दुनिया में नाम होगा. कलाकार चतुरानन झा कहते हैं कि श्रमदान है. हम अपने छात्रों को प्रोत्साहित कर रहे हैं ताकि सब अलग-अलग जगह जाकर इस कला को बढ़ाएं.
कोआर्डिनेटर महेन्दर लाल कर्ण ने कहा कि वैसे तो मधुबनी पेंटिग पहले से ही काफी मशहूर है... अब 140 कलाकार विश्व रिकार्ड की ओर अग्रसर हैं. रेलवे का धन्यवाद जगह उपलब्ध कराने के लिए.
VIDEO : सबसे बड़ी पेंटिंग का दावा
मिथिला पेंटिग का गढ़ होने के बावजूद मधुबनी में इस कला को लेकर किसी तरह का संग्रहालय या कलाकेंद्र नहीं है. मधुबनी स्टेशन पर इस कोशिश से स्थानीय लोगो भी उत्साहित हैं. अब इसे विश्व रिकार्ड का दर्जा दिलाने के लिए रेलवे की तरफ से तैयारी की जा रही है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं