प्रतीकात्मक फोटो
वाराणसी:
बीएचयू के खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी विभाग में फलों और सब्जियों के छिलकों से बने उन खाद्य पदार्थों पर शोध हो रहा जिनमें स्वाद के साथ सेहत का खजाना भी छिपा है। एंटीऑक्सीडेंट के भण्डार से भरे सेब, अनार, अंगूर, टमाटर, ब्रोकली आदि के छिलकों का पाउडर बनाकर दही , श्रीखण्ड, चॉकलेट जैसे उत्पाद तैयार किए जाने की तैयारी है। यह कैंसर, हार्ट डिसीज, डाइबिटीज जैसी बीमारियों के रोकथाम में कारगार सिद्ध होंगी।
बीएचयू के खाद्य विज्ञान एवं प्रद्यौगिकी विभाग में हर दिन शोधार्थी अनार और सेब के छिलके उतारते हुए दिख जाएंगे। वह फेंक दिए जाने वाले इन छिलकों पर अपनी प्रयोगशाला में शोध कर रहें हैं। हमारे शरीर में होने वाले कई रोगों से लड़ने के लिए इसका पाउडर तैयार करने के लिए इकट्ठा करते हैं। छिलकों में प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट की गुणवत्ता ही इनके शोध का विषय है। प्रोफेसर और इस टेस्ट के विशेषज्ञ डा अरविन्द बताते हैं कि फलों और सब्जियों के छिलकों में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होता है, लिहजा हमारी कोशिश है कि इनमें जो एंटीऑक्सीडेंट है वह शरीर में रोग बढ़ाने वाले फ्री रेडिकल को रोकेगा।
छिलकों से एंटीऑक्सीडेंट को निकालने के लिए इसे एक प्रक्रिया से गुजारा जाता है। पहले लैब में अंगूर और अनार के जूस को निकालने के बाद उसका जो वेस्टेज बचता है उसे सुखाया जाता है। सेब, टमाटर, अनार, चुकंदर आदि के छिलकों को एक विशेष मशीन में डालकर सुखाया जाता है। छिलकों के सूखने के बाद इसे दूसरी मशीन में डालकर उसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट को निकालकर पाउडर बनाया जाता है। इस पाउडर से दही श्रीखण्ड चॉकलेट जैसे प्रोडक्ट बनाने की तैयारी है जो कई बीमारियों को रोकने में कारगर होंगे।
डा अरविन्द की मानें तो हमारे आज की जीवन शैली में तनाव, भाग दौड़, अनियमित जीवन और धूम्रपान जैसे नशे शामिल हैं, जिनकी वजह से हमारे शरीर में फ्री रेडिकल बनते हैं। इनसे हार्ट में ब्लॉकेज, डायबिटीज जैसी बीमारियां होती हं। यही रेडिकल जब हमारे डीएनए को तोड़ते हैं तो कैंसर जैसी बीमारी पैदा होती है। इन बीमारियों के शुरुआती दौर में ही रोकथाम के लिए अगर एंटीऑक्सीडेंट का प्रयोग किया जाए तो बड़ी सफलता मिल सकती है। यह प्रयोग लैब स्तर पर तैयार हो गया है। कुछ जांच के बाद मनुष्यों पर प्रयोग की तैयारी की जाएगी।
अभी लैब में बने प्रोडक्ट चूहे पर प्रयोग करने के बाद आगे बढ़ेंगे। फलों और सब्जियों में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट के पाउडर से दही, श्रीखण्ड चॉकलेट जैसे प्रॉडक्ट लैब में तैयार किए जा चुके हैं। इनका परीक्षण करने के बाद बाजार में लाने की तैयारी की जाएगी।
इस प्रयोग की सफलता के बाद साफ है कि फलों के जिन छिलकों को हम फेंक देते थे, वही छिलके हमें कई रोगों से लड़ने के लिए मददगार साबित हो सकते हैं। यानी आप कह सकते हैं कि कुदरत की बनाई कोई भी चीज बेकार नहीं होती।
बीएचयू के खाद्य विज्ञान एवं प्रद्यौगिकी विभाग में हर दिन शोधार्थी अनार और सेब के छिलके उतारते हुए दिख जाएंगे। वह फेंक दिए जाने वाले इन छिलकों पर अपनी प्रयोगशाला में शोध कर रहें हैं। हमारे शरीर में होने वाले कई रोगों से लड़ने के लिए इसका पाउडर तैयार करने के लिए इकट्ठा करते हैं। छिलकों में प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट की गुणवत्ता ही इनके शोध का विषय है। प्रोफेसर और इस टेस्ट के विशेषज्ञ डा अरविन्द बताते हैं कि फलों और सब्जियों के छिलकों में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होता है, लिहजा हमारी कोशिश है कि इनमें जो एंटीऑक्सीडेंट है वह शरीर में रोग बढ़ाने वाले फ्री रेडिकल को रोकेगा।
छिलकों से एंटीऑक्सीडेंट को निकालने के लिए इसे एक प्रक्रिया से गुजारा जाता है। पहले लैब में अंगूर और अनार के जूस को निकालने के बाद उसका जो वेस्टेज बचता है उसे सुखाया जाता है। सेब, टमाटर, अनार, चुकंदर आदि के छिलकों को एक विशेष मशीन में डालकर सुखाया जाता है। छिलकों के सूखने के बाद इसे दूसरी मशीन में डालकर उसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट को निकालकर पाउडर बनाया जाता है। इस पाउडर से दही श्रीखण्ड चॉकलेट जैसे प्रोडक्ट बनाने की तैयारी है जो कई बीमारियों को रोकने में कारगर होंगे।
डा अरविन्द की मानें तो हमारे आज की जीवन शैली में तनाव, भाग दौड़, अनियमित जीवन और धूम्रपान जैसे नशे शामिल हैं, जिनकी वजह से हमारे शरीर में फ्री रेडिकल बनते हैं। इनसे हार्ट में ब्लॉकेज, डायबिटीज जैसी बीमारियां होती हं। यही रेडिकल जब हमारे डीएनए को तोड़ते हैं तो कैंसर जैसी बीमारी पैदा होती है। इन बीमारियों के शुरुआती दौर में ही रोकथाम के लिए अगर एंटीऑक्सीडेंट का प्रयोग किया जाए तो बड़ी सफलता मिल सकती है। यह प्रयोग लैब स्तर पर तैयार हो गया है। कुछ जांच के बाद मनुष्यों पर प्रयोग की तैयारी की जाएगी।
अभी लैब में बने प्रोडक्ट चूहे पर प्रयोग करने के बाद आगे बढ़ेंगे। फलों और सब्जियों में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट के पाउडर से दही, श्रीखण्ड चॉकलेट जैसे प्रॉडक्ट लैब में तैयार किए जा चुके हैं। इनका परीक्षण करने के बाद बाजार में लाने की तैयारी की जाएगी।
इस प्रयोग की सफलता के बाद साफ है कि फलों के जिन छिलकों को हम फेंक देते थे, वही छिलके हमें कई रोगों से लड़ने के लिए मददगार साबित हो सकते हैं। यानी आप कह सकते हैं कि कुदरत की बनाई कोई भी चीज बेकार नहीं होती।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
बीएचयू, शोध, खाद्य एवं प्रौद्योगिकी विभाग, फल सब्जी के छिलके, श्रीखंड चाकलेट, BHU, Varanasi, Anti Occident Food Product, Skins Of Fruits And Vegetables, Research