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AI के चक्कर में फेल हुआ छात्र, यूनिवर्सिटी ने नहीं सुनी एक...तो कोर्ट पहुंचा स्टूडेंट, चौंकाने वाला है पूरा मामला

 AI के जमाने में एक छात्र को इसका बड़ा हर्जाना भुगतना पड़ा है. यूनिवर्सिटी ने इस छात्र को AI की वजह से फेल कर दिया है. जानिए आखिर क्या है पूरा मामला?

AI के चक्कर में फेल हुआ छात्र, यूनिवर्सिटी ने नहीं सुनी एक...तो कोर्ट पहुंचा स्टूडेंट, चौंकाने वाला है पूरा मामला
AI की मदद लेने के आरोप में यूनिर्सिटी ने स्टूडेंट को किया फेल

एआई (AI) यानि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, यह वो तकनीक है, जो हर सेक्टर में एंटर कर चुकी है, चाहे इसमें कोई कंटेंट हो या फिर वीडियो और फोटो एडिटिंग. एआई की वजह से डीपफेक का हर्जाना तो कई एक्ट्रेस भुगत चुकी हैं, लेकिन इसका असर अब छात्रों पर भी नजर आ रहा है. दरअसल, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में एक ऐसे मामले की सुनवाई हुई, जिस पर यकीन करना मुश्किल हो सकता है. ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने एक छात्र पर परीक्षा में एआई की मदद से उत्तर लिखने का आरोप लगाया और उसे परीक्षा में फेल कर दिया. वहीं, छात्र ने यूनिवर्सिटी के खिलाफ बगावत कर दी और वह हाईकोर्ट जा पहुंचा. आइए जानते हैं हाईकोर्ट ने क्या कहा?

क्या है पूरा मामला? (Law student AI Exam Result)

दरअसल, जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में लॉ की पढ़ाई कर रहे छात्र ने फेल होने के बाद कोर्ट में याचिका दायर की और कोर्ट ने इस पर सुनवाई की. याचिका में छात्र ने कोर्ट को पूरे मामले से अवगत कराया और साथ ही बताया कि जब उसने यूनिवर्सिटी से एआई वाले उत्तर का सबूत मांगा, तो उसे कुछ भी नहीं दिया गया. अब हाईकोर्ट ने इस मामले में जिंदल यूनिवर्सिटी से जल्द से जल्द जवाब मांगा है. इसी के साथ अब इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 नवंबर की तारीख तय हुई है. बता दें, कौस्तुभ शक्करवार ने यह याचिका दायर की है.

किस सब्जेक्ट में किय फेल? (Law student AI Viral News)

गौरतलब है कि बीती 18 मई को इस छात्र ने 'वैश्वीकरण की दुनिया में कानून और न्याय' सब्जेक्ट पर एक्जाम दिया था. वहीं, पेपर चेक करने वाली कमेटी ने छात्र की आंसर शीट में 88 फीसदी एआई जनेरेटेड कंटेंट का हवाला देकर उसे फेल कर दिया. हालांकि, छात्र ने इसका सबूत भी मांगा और परीक्षा नियंत्रक में अपील भी की थी, लेकिन जब छात्र की किसी ने नहीं सुनी, तो उसने सीधा हाईकोर्ट का रुख किया. वहीं, कोर्ट में छात्र के वकील ने अपनी दलील में दावा किया कि उनके क्लाइंट ने परीक्षा में एक-एक शब्द अपनी रचना से लिखा है और इसमें एआई की कोई मदद नहीं ली गई है. अब इस मामले में कोर्ट क्या फैसला सुनाता है, इसके लिए 14 नवंबर तक का इंतजार करना होगा.

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