इस्लामाबाद:
विदेश मंत्री एसएम कृष्णा 80 साल से अधिक उम्र के और अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं, वहीं उनकी पाकिस्तानी समकक्ष हिना रब्बानी खार सिर्फ 34 साल की हैं और उनका राजनीतिक अनुभव भी कृष्णा के मुकाबले कहीं कम है। लेकिन जब मौका मीडिया से आमना-सामना का आया तो खार कृष्णा पर कहीं अधिक भारी पड़ीं।
कृष्णा और खार शनिवार को विदेश मंत्री स्तर की वार्ता के बाद मीडिया से रू-ब-रू हुए। खार कई मुद्दों पर बोलीं और उन्होंने अपने देश का पक्ष मजबूती से रखा। इस क्रम में उन्होंने एक बार भी अपने लिखित बयान का सहारा नहीं लिया, बल्कि इसके बगैर ही अपनी बात रखी।
वहीं, कृष्णा ने अपना लिखित बयान पढ़ा। इस दौरान उनका प्रभाव अपनी युवा पाकिस्तानी समकक्ष की तुलना में फीका रहा। एक पाकिस्तानी पत्रकार के कृष्णा से पूछे गए सवाल के दौरान भी खार उनके बचाव में आईं। यहां तक कि एक भारतीय महिला पत्रकार ने भी जब उनसे सवाल किया तब भी उनका रवैया बहुत ढीला-ढाला था। उन्होंने पहले तो सवाल सुना और फिर जवाब देने के लिए तैयार हुए, लेकिन अगले ही पल फिर पूछ लिया, "सवाल क्या था?"
कृष्णा और खार शनिवार को विदेश मंत्री स्तर की वार्ता के बाद मीडिया से रू-ब-रू हुए। खार कई मुद्दों पर बोलीं और उन्होंने अपने देश का पक्ष मजबूती से रखा। इस क्रम में उन्होंने एक बार भी अपने लिखित बयान का सहारा नहीं लिया, बल्कि इसके बगैर ही अपनी बात रखी।
वहीं, कृष्णा ने अपना लिखित बयान पढ़ा। इस दौरान उनका प्रभाव अपनी युवा पाकिस्तानी समकक्ष की तुलना में फीका रहा। एक पाकिस्तानी पत्रकार के कृष्णा से पूछे गए सवाल के दौरान भी खार उनके बचाव में आईं। यहां तक कि एक भारतीय महिला पत्रकार ने भी जब उनसे सवाल किया तब भी उनका रवैया बहुत ढीला-ढाला था। उन्होंने पहले तो सवाल सुना और फिर जवाब देने के लिए तैयार हुए, लेकिन अगले ही पल फिर पूछ लिया, "सवाल क्या था?"
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