
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी आगरा रैली में जिस कुर्सी पर बैठे थे, उसे खरीदने के लिए बोली 4.21 लाख तक चली गई है, जबकि वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने कहा कि यह बात पार्टी की परंपरा के खिलाफ हैं।
रैली के दौरान फर्नीचर देने वाले भाजपा पार्षद प्रमोद उपाध्याय ने कहा कि कुर्सी बेचने से उनके इनकार करने के बाद भी एक स्थानीय डीलर से उन्हें 4.21 लाख रुपये की नवीनतम बोली मिली है।
उन्होंने कहा कि एटा के एक भाजपा नेता ने यह कुर्सी खरीदने के लिए तीन लाख रुपये की बोली लगाई है।
आगरा नगर निगम के भाजपा सदस्य उपाध्याय ने कहा कि उनका इरादा कुर्सी बेचने का नहीं है और वह इस अतिवांछित वस्तु को अपने पास ही रखना चाहेंगे।
इस संबंध में संपर्क किए जाने पर प्रदेश भाजपा प्रमुख लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि यह मामला खत्म होना चाहिए क्योंकि पार्टी में सीटें नहीं बेची जाती, उसके लिए व्यक्ति को काम करना होता है।
वरिष्ठ भाजपा नेता पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने कहा कि कुर्सियां नीलाम करने की परंपरा पार्टी की संस्कृति के खिलाफ है और मीडिया इस मुद्दे को हौव्वा बना रहा है।
यह प्रक्रिया तब शुरू हुई जब पार्टी के एक कार्यकर्ता ने ठेकेदार से कार्यक्रम में इस्तेमाल की गई कुर्सियां में कुछ उसे बेचने के लिए कहा।
मना किए जाने पर कार्यकर्ता ने मोदी वाली कुर्सी के लिए 2000 रुपये की पेशकश कर डाली। इस घटना से पार्टी कार्यकर्ताओं में होड़ मच गई।
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